धमकी भरे एसएमएस के लिए पुलिस को रिपोर्ट कराएँ …
|शिव कुमार व्यास ने पाली, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
हम दो भाई अपने स्वर्गीय पिताजी के मकान में अलग अलग प्रेम से रहते हैं। बडे भाई का बड़ा लड़का प्रेमविवाह कर हम सभी से नाता तोड उदयपुर मे रहता है। उस ने पत्नी से झूठा परिवाद महिला थाना मे भा.दं.स. की धारा 344,323,313,366 498अ में करवाया जो अनुसंधान के बाद अदम वकु (झूठ) में मुर्तिब कर एफ आर पञावली माननीय न्यायालय में पेश कर दी जिस पर समन तामील के बाद भी वो उपस्थित नहीं हो रहे हैं। उल्टा तरह तरह के धमकी भरे एसएमएस भेज परेशान कर रहे हैं। मेरा विन्रम निवेदन है कि इन एसएमएस के खिलाफ मुझे किस प्रकार की कारवाई ओर कहाँ करनी चाहिये? जिस से उन्हे सबक और हमें राहत मिल सके।
समाधान-
आप को इन धमकी वाले एसएमएस की सूचना जहाँ आप को एसएमएस प्राप्त हो रहे हैं अर्थात आप के निवास स्थान पर क्षेत्राधिकार रखने वाले पुलिस थाना में देनी चाहिए और पुलिस से कार्यवाही करने का निवेदन करना चाहिए। धमकी किस तरह की दी जा रही है उस के आधार पर यह तय किया जा सकता है कि इस मामले में क्या अपराध बनता है।
इस के साथ ही आप को जिस न्यायालय में एफआर मंजूरी हेतु लंबित है उस न्यायालय को निवेदन करना चाहिए कि परिवादी तामील के बाद भी उपस्थित नहीं हो रहा है इस कारण एफआर मंजूर की जाए। साथ ही इस मामले में भी अंतिम प्रतिवेदन (एफआर) पत्रावली से आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ प्राप्त कर यह तय करना चाहिए कि क्या परिवादी के विरुद्ध मिथ्या परिवाद प्रस्तुत करने या प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के मामले में कोई अपराध गठित होता है? यदि ऐसा अपराध गठित होता है तो न्यायालय से निवेदन करना चाहिए कि वह पुलिस को परिवादी के विरुद्ध कार्यवाही करने का निर्देश दे। यदि वह न्यायालय ऐसा निर्देश नहीं देता है तब भी आप उक्त दस्तावेजों के साथ किसी अच्छे वकील से सलाह कर यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या परिवादी के विरुद्ध किसी तरह का अपराधिक अभियोजन चलाया जा सकता है तथा क्या क्षतिपूर्ति के लिए किसी तरह की दीवानी कार्यवाही की जा सकती है। यदि वकील यह सलाह दें कि इस तरह का दीवानी या अपराधिक अभियोजन चलाया जा सकता है तो आप वैसी कार्यवाही अपनी इच्छा व सुविधा अनुसार करें।