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पत्नी बिलकुल भावनाहीन हो गई है, मैं क्या करूँ?

तीसरा खंबा को कल कानूनी सलाह के लिए मेल में निम्नांकित संदेश मिला।  इन पाठक की समस्या बहुत पीड़ामय है।  जरा आप भी पढ़ें।

मेरी पत्नी के अपने जीजा के साथ शादी के पूर्व 15 सालों से और शादी के बाद इस तरह के नाजायज संबंध थे, जिस के मेरे पास पूरे सबूत भी हैं। वो डिप्रेशन की रोगी है, वो घर में दिन भर सोई रहती है। 10 बजे खाना बनाने जाती है जब कि मेरी ड्यूटी पर पहुँचने का समय 10.30 है। मेरी माँ को डिप्रेशन की हालत में घर से निकाल दिया। मेरे कुछ कहने पर उन्हों ने मुझ पर दहेज का केस कर दिया। मेरा चार साल का बेटा है इसलिए मैं उसे घर ले आया। लेकिन फिर भी उस में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ। पिछले 18 महिनों से ऐसा नहीं है कि मैं कभी गुस्सा नहीं हुआ हूँ, दो या तीन बार मुझ से उस पर हाथ भी उठ गया है। लेकिन क्या करूँ वह बिलकुल भावनाहीन हो गई है। कितना भी समझाता हूँ कि तुम जल्दी उठा करो, बाहर घूमा करो,  लेकिन कोई बात नहीं सुनती है। बच्चा रोज कोई नुकसान कर देता है लेकिन उसे कोई परवाह नहीं है। मैं अपनी पत्नी का इलाज कराता हूँ, बच्चे  की तरह घुमाता हूँ। 18 महीनों में बहुत परेशान होने पर मै ने एक दो बार दो-तीन थप्पड़ मार दिया , तो क्या मैं ने इतना बड़ा गुनाह कर दिया कि उस के भाई बोले -रखा है तो ठीक से रखो वरना हाथ काट देंगे।  वो पैसे वाले हैं और मैं एक नौकरी करने वाला आदमी हूँ।  मेरी क्षमता न होते हुए भी मैं पत्नी की एक ऐसी बीमारी का इलाज करा रहा हूँ जो कि शादी के 15 साल पहले से थी। मुझे भी उच्च रक्तचाप रहने लगा है और अक्सर 190-110 रहता है। जिस से बात बर्दाश्त से बाहर हो जाती है तो गुस्सा आ जाता है।  समझ में नहीं आता है क्या करूँ?

उत्तर ……………

प्रिय पाठक!
आप के प्रश्न से कहीं यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि आप इस समस्या के कानूनी हल के रुप में क्या चाहते हैं?  आप अपने विरुद्ध दहेज के मुकदमे का सामना कर चुके हैं। आप के पास अपनी पत्नी के शादी के पहले और बाद के अपने जीजा के साथ नाजायज संबंधों के पक्के सबूत थे। आप चाहते तो उन के आधार पर अपनी पत्नी से तलाक ले सकते थे। आप ने वे सबूत भी अवश्य ही किसी वकील को बताए होंगे। यदि वे सबूत पर्याप्त होते तो आप का वकील आप को सलाह देता कि आप तलाक ले लीजिए। लेकिन आप ने ऐसा कुछ किया नहीं।  इस से और आप के संदेश की भाषा से प्रतीत होता है कि आप ने उन सब के लिए पत्नी को माफ कर दिया है और आप ने उसे पुनः अपना लिया है, चाहे अपने इकलौते पुत्र की खातिर ही सही।

आप ने खुद ही बताया है कि आप की पत्नी डिप्रेशन की शिकार है और आप उस का इलाज करवा रहे हैं।  आप ने उसे एक दो बार थप्पड़ भी मार दिया जिसे आप खुद स्वीकार करते हुए कह रहे हैं कि ऐसा आप से उच्चरक्तचाप के कारण गुस्सा आने पर हो गया।  यह खबर सुन कर आप की पत्नी के भाइयों ने आप को हाथ काटने की धमकी दे डाली। लगता है आप की पत्नी के भाई भी स्वभावतः उच्चरक्तचापी हैं और जैसा आप ने किया वैसा ही उन्हों ने आप को जवाब दे दिया।  आप कहते हैं कि वे बहुत पैसे वाले हैं, लेकिन उन के व्यवहार से लगता नहीं है कि ऐसा है।

वास्तव में आप की समस्या कानूनी है ही नहीं। वह चिकित्सकीय और सामाजिक है।  आप के इस पत्र से लगता है कि आप उच्चरक्तचाप के साथ-साथ डिप्रेशन के भी शिकार हो चुके हैं।  आप अपनी पत्नी की चिकित्सा ठीक से करवाइए। मुझे लगता है कि उन्हें , और आप को भी किसी मनोचिकित्सक की आवश्यकता है।  आप तुरंत  किसी मनोचिकित्सक से मिलें और उन्हें अपनी हालत बताएँ, उन से सलाह लें। दूसरी बार में अपनी पत्नी को भी ले जाएँ। यदि मनोचिकित्सक को लगता है कि आप  और आप की पत्नी उ

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