DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

पिता की संपत्ति में हिस्से के लिए बँटवारे का वाद संस्थित करें।

partition of propertyसमस्या-

तनवीर खान ने बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से समस्या भेजी है कि-

मेरे नाना के एक बेटा और एक बेटी हैं। नाना की मृत्यु 2001 में हो चुकी है,मामा और मेरी माँ जीवित हैं। अभी तक सारे सम्पति नाना के पिताजी के नाम है। 1998 में मामाजी 50000 रुपए का जमीन देकर उसी ज़मीन के रजिस्ट्री पेपर पे मम्मी से लिखवा लिए कि “मैं अपना हिस्सा प्राप्त कर चुकी” जब कि सम्पति करोड़ों की है। नानाजी और मामाजी पूरी ज़िन्दगी ज़मीन बेचकर ही गुज़ारा किये हैं, परंतु अभी भी काफी ज़मीन और उस से अर्जित सम्पति बाकी है। हम लोग मुस्लिम समुदाय से हैं, क्या उस सम्पति पर मेरी माँ का अधिकार है? यदि हाँ, तो सही मार्गदर्शन कर मेरी मदद करें।

समाधान-

मुस्लिम विधि के अनुसार पिता के उत्तराधिकार में यदि केवल एक पुत्री व एक पुत्र हो तो पुत्र को 2/3 तथा पुत्री को 1/3 हिस्सा प्राप्त होता है। इस तरह आप की माताजी को जिस दिन आप के नाना का देहान्त हुआ नानाजी की संपत्ति मे 1/3 एक तिहाई हिस्से का अधिकार प्राप्त हुआ था।

स में से आप की माँ को भूमि का एक हिस्सा दिया गया है। उस की रजिस्ट्री भी हुई है। रजिस्ट्री किस दस्तावेज की हुई है यह आप ने स्पष्ट नहीं किया है। उस में यह लिखा हुआ है कि आप की माँ ने अपना हिस्सा प्राप्त कर लिया है। लेकिन उस दस्तावेज का अध्ययन कर के कोई अच्छा वकील ही बता सकता है कि इसे बंटवारा कहा जा सकता है अथवा नहीं। आप उस दस्तावेज का किसी अच्छे वकील से अध्ययन करवाएँ।

प की माताजी यह कर सकती हैं कि मामा के विरुद्ध पिता की संपत्ति के बंटवारे का वाद संस्थित कर दें। आप के मामा इस पर यह आपत्ति अवश्य करेंगे कि आप की माताजी अपना हिस्सा ले चुकी हैं। तो यह साबित करने की जिम्मेदारी आप के मामा की है। उक्त दस्तावेज की व्याख्या न्यायालय कर देगा। अधिक संभावना इस बात की है कि इस तरह का दस्तावेज बंटवारे का विकल्प नहीं हो सकता। आप की माताजी अपना शेष हिस्सा प्राप्त करने में सफल हो सकती हैं।

3 Comments