वकील के व्यवसायिक दुराचरण की शिकायत कहाँ करें?
आप ने अपने प्रश्न में यह नहीं बताया कि आप किन आधारों पर यह कहते हैं कि आप का वकील वकील विरोधी पक्ष से पैसा ले कर मेरे मुकदमे में कोई काम नहीं कर रहा है। वर्तमान में न्यायालयों की स्थिति बहुत विकट है। एक अदालत के पास सामान्य रूप से दीवानी और फौजदारी दोनों मिला कर पाँच सौ मुकदमों से अधिक नहीं होने चाहिए, लेकिन हमारे यहाँ एक अदालत के पास दो से पाँच हजार तक मुकदमे लंबित हैं। ऐसी स्थिति में मुकदमों में पेशियाँ बहुत लंबी होती हैं। कई बार साल में दो-तीन ही पेशियाँ हो पाती हैं। एक दिन में पचास से सौ तक मुकदमे अदालत में लगे होते हैं। जब कि एक दिन में सुनवाई के लिए पन्द्रह से बीस मुकदमों से अधिक नहीं रखे जाने चाहिए। इस स्थिति में आधे से अधिक मुकदमों में पेशी पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाती है। अदालत पुराने मुकदमों में कार्यवाही करती है और नए मुकदमों में पेशी बदल देती है। इस स्थिति का असर यह होता है कि मुवक्किल यह समझता है कि उस का वकील कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि विपक्षी को जवाब पेश करना हो, विपक्षी के पास जवाब तैयार न हो और विपक्षी समय मांगे। तब अदालत हर्जाने पर विपक्षी को समय दे देती है। यह हर्जाना विपक्षी या उस का वकील आप के वकील को देगा। यह परंपरा सी बन गई है कि मुकदमे में मिलने वाला हर्जाना वकील अपने पास रखते हैं। आप के वकील को ऐसा ही कोई हर्जाना प्राप्त हुआ हो और वह आप के वकील ने रख लिया हो। हो सकता है आप के मुकदमे में ऐसी ही स्थिति हो और आप यह समझ रहे हों कि आप का वकील विपक्षी पक्षकार से मिल गया है। इस लिए पहले आप यह जाँच लें कि वास्तविक स्थिति क्या है।
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