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विश्वविद्यालय अंक-सूची की त्रुटि दूर नहीं कर रहा है, क्या किया जाए?

राकेश सोनी ने पूछा है

मेरी अंक-सूची में पिताजी का नाम गलत अंकित कर दिया गया है। इस गलती को ठीक करने के लिए  मैंने विश्वविद्यालय को तीन बार आवेदन कर दिया है लेकिन गलती को ठीक नहीं किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के लिपिक सही उत्तर नहीं देते। मुझे क्या करना चाहिए?

उत्तर-

राकेश जी,

प के तीन बार आवेदन देने पर भी अंक तालिका को ठीक नहीं किया जा रहा है। लेकिन आप ने यह नहीं बताया कि आप ने तीन बार यह आवेदन किस अधिकारी को दिया है। इस मामले में उपयुक्त अधिकारी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार होता है। आप को इस बार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को पूर्ण विवरण के साथ आवेदन भेज कर आग्रह करना चाहिए कि वे आप की अंकतालिका में हुई त्रुटि को दूर कर नई अंकतालिका आप को प्रदान करें। इस आवेदन में आप स्पष्ट रूप से लिख दें कि यदि वे आवेदन प्रस्तुत करने के एक माह में आप की अंकतालिका में की गई त्रुटि को दूर नहीं करते हैं तो आप इस के लिए स्थाई जिला लोक अदालत कानूनी सलाह अथवा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत करेंगे।

दि इस आवेदन के प्रस्तुत करने के उपरान्त एक माह की अवधि में विश्वविद्यालय आप की अंकसूची को ठीक नहीं करता है तो आप स्थाई जिला लोक अदालत के समक्ष अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं। शिकायत प्रस्तुत करने पर स्थाई लोक अदालत विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करेगी। जहाँ विश्वविद्यालय को आप की शिकायत का उत्तर प्रस्तुत करना होगा। आप की समस्या का निदान स्थाई लोक अदालत के माध्यम से निश्चित रूप से हो जाएगा। आप स्थाई लोक अदालत के बजाए सीधे जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष भी अपना विवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। यह मंच आप अंक-सूची को दुरुस्त करने के आदेश के साथ साथ आप को हुई परेशानी के लिए आप को हर्जाना और न्यायालय व्यय भी दिलवा सकता है।