DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

सब से पहले गलत व्यक्ति से विवाह की अपनी गलती को दुरुस्त करें

 संजना ने पूछा है –

ह वर्ष पूर्व मैं ने प्रेम विवाह किया था। हमारे पाँच वर्ष का एक पुत्र है। विवाह के कुछ माह बाद ही पति ने मेरे साथ झगड़ना आरंभ कर दिया। वह शिक्षित नहीं है, और हमेशा मदिरा के नशे में रहता है। चाहे जब मेरे साथ मारपीट कर लेता है। वह मेरी और पुत्र का पालन पोषण तो दूर परवाह भी नहीं करता दिन-रात पीता है और दोस्तों के साथ मटरगश्ती करता रहता है।  मुझे यह सब सहन करते हुए छह वर्ष हो चुके हैं, मैं अब और अधिक बर्दाश्त नहीं कर सकती।  पति के छोटे भाई ने मेरे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने की कोशिश भी की। इन सब के कारण मैं ने अनेक बार मर जाना चाहा। लेकिन हर बार पुत्र की सूरत मेरे सामने आ गई। मैं अपने पुत्र का भविष्य सँवारना चाहती हूँ।  मैं अब और उस व्यक्ति के साथ नहीं रह सकती। मैं उसे तलाक देना चाहती हूँ। मुझे इस के लिए क्या करना चाहिए?

 उत्तर –

संजना जी,

प ने स्वयं प्रेम विवाह किया। प्रेम विवाह बुरा नहीं होता। लेकिन कम से कम विवाह करने के पहले एक स्त्री और पुरुष को अपने जीवनसाथी के बारे में बहुत गहरी जानकारी होनी चाहिए। आपने वह नहीं की। अपने पति के बारे में आप शायद पहले कुछ भी नहीं जानती थीं। आप ने सिर्फ नवयुवा जीवन के स्वाभाविक शारीरिक आकर्षण को प्रेम समझा और विवाह किया। आप इसी त्रुटि की सजा पा रही हैं। किसी भी त्रुटि की सजा को समाप्त करने के लिए सब से पहले तो उस त्रुटि को दूर करना आवश्यक है। इसलिए आप का यह निर्णय कि आप को तलाक ले लेना चाहिए सर्वथा उचित है।
लाक लेने के लिए आप को चाहिए कि सब से पहले तो आप अपने पुत्र सहित अपने पति से अलग रहने की व्यवस्था करें। मुझे लगता है कि वह आप कर लेंगी। क्यों कि जिस पति के साथ आप रह रही हैं वह तो आप की परवाह करता नहीं। अपितु आप पर ही बोझा बना हुआ है। आप अपने पति से अलग रहने लगें और सब से पहले अपना और अपने पुत्र का जीवन चला सकने लायक व्यवस्था बनाएँ। इस के बाद किसी वकील से मिल कर तलाक के लिए अर्जी तैयार कर लगवाएँ। उस के साथ ही धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अपने और अपने पुत्र के भरण-पोषण के लिए अर्जी लगाएँ। इन दोनों मामलों में निर्णय होने में कुछ समय लगेगा। इस कारण से आप इन के साथ साथ महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा कानून में भी एक आवेदन प्रस्तुत करें। उस कानून के अंतर्गत इस तरह के आदेश न्यायालय पारित कर सकता है जिस से आप को भरण-पोषण के लिए कुछ राशि शीघ्र मिलने लगे। इस के साथ ही इस कानून के अंतर्गत आप की और आप के पुत्र की सुरक्षा के लिए भी उचित आदेश प्राप्त किया जा सके। 
प के साथ विवाह के कुछ समय बाद से ही पति द्वारा क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। वह आप की और पुत्र की उपेक्षा करता है और आप के साथ मारपीट करता है। इस से अधिक क्रूरता कुछ नहीं हो सकती। यह वह मजबूत कारण है जिस के आधार पर आप अपने पति से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकती हैं।
आप की परिस्थितियों को देख कर लगता है कि यदि न्यायालय ने धारा 125 में आप को और आप के पुत्र को भरण पोषण के लिए प्रतिमाह राशि देने का आदेश किया तो वह विवाह विच्छेद के उपरांत वसूल करना असंभव जैसा हो सकता है। इस के लिए मेरी यह भी सलाह है कि विवाह विच्छेद की डिक्री के लिए आवेदन प्रस्तुत करने के  साथ ही आप न्यायालय के समक्ष हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 25 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत करें और न्यायालय से यह राहत मांगें कि तलाक के साथ आप को स्थाई पुनर्भरण राशि एक मुश्त अदा कर दी जाए। 
6 Comments