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सरकारी नौकरी चाहते हैं तो दूसरी संतान के उपरान्त किसी संतान को जन्म न दें।

rp_judge-caricather11.jpgसमस्या-

दारा सिंह ने तारानगर, चूरू, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरे दो लड़कियाँ हैं, मेरे घर वाले चाहते हैं कि एक लड़का जरूर हो। मैं सरकारी अध्यापक बनना चाहता हूँ। अगर मैं अपनी एक लड़की को किसी को गोद दे दूँ तो यह संभव है क्या? या दो लड़कियों के साथ मैं अपने साले का लड़का गोद ले लूँ तो। मेरे बच्चे कितने कितने गिने जाएंगे? गोद लिए गए बच्चे को काउंट किया जाता है या नहीं?

समाधान-

पुत्र होने की अनिवार्यता की मानसिकता से आप स्वयं भी मुक्त नहीं हो सके हैं। अन्यथा परिवार के कहने मात्र से इतना सोचने की आवश्यकता नहीं थी। वैसे अब युग आ गया है जब इस मानसिकता से मुक्त हो जाना चाहिए। मेरी नजर में तो ऐसे अनेक लोग हैं जो एक पुत्री को जन्म देने के उपरान्त अब कोई और संतान को ही जन्म नहीं देना चाहते।

राजस्थान सरकार द्वारा दो संतानों के संबंध में नियुक्ति संबंधी जो नियम बनाया गया है वह निम्न प्रकार है-

“No candidate shall be eligible for appointment to the service who has more than two children on or before 1-6-2002.

Provided that where a candidate has only one child from earlier delivery but more than one child are born out of a single subsequent deliver, the children so born shall be deemed to be one entity while counting the total number of children.”

स नियम में दत्तक गए या लिए गए बालक के संबंध में कोई विवरण नहीं दिया गया है। इस तरह इस मामले में निश्चयात्मक रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।

स नियम में मात्र इतना कहा गया है कि जिस व्यक्ति के दिनांक 01.06.2002 के बाद दो से अधिक संतानें होंगी वे नियुक्ति के योग्य नहीं होंगे। स्पष्टीकरण में केवल यह छूट दी गयी है कि यदि किसी व्यक्ति के पहली संतान होने के बाद दूसरे प्रसव में एक से अधिक संतानें उत्पन्न होती हैं तो उन्हें एक ही संतान माना जाएगा।

स नियम का उद्देश्य दो से अधिक संतान जन्म देने से रोकना है। इस कारण यह समझा जा सकता है कि किसी व्यक्ति की उन्हीं संतानों को इस मामले में गिना जाएगा जो कि उसे स्वयं या उस की पत्नी से उत्पन्न हुए हैं। दो लड़कियों में से एक को दत्तक दे कर तथा एक संतान को दत्तक ग्रहण कर के आप एक पुत्र के पिता बन सकते हैं। लेकिन आप को फिर भी सरकारी नौकरी से बाधित न किया जाए इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, जब तक कि ऐसे मामलों में निश्चित रूप से किसी न्यायालय का निर्णय सामने न आए या सरकार स्वयं नियम का स्पष्टीकरण न करे।

स मामले में उत्तम यह होगा कि आप स्वयं राजस्थान सरकार के विधि विभाग से सूचना के अधिकार के अन्तर्गत स्पष्टीकरण मांगें और मिल जाए। लेकिन यदि आप सरकारी नौकरी के इच्छुक हैं तो अब कोई संतान उत्पन्न न करें। जब नौकरी मिल जाए तो स्वयं इस मामले में सरकार से अनुमति ले कर एक पुत्री को दत्तक ग्रहण कराने के उपरान्त अनुमति प्राप्त कर एक पुत्र को दत्तक ग्रहण कर सकते हैं।