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स्वयं वाहन स्वामी न हो तो चालक की गलती होते हुए भी वह या उस के आश्रित दुर्घटना पर क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकते हैं

 राजेश कुमार ने पूछा है –
मेरा छोटा भाई मेरी मोटरसायकिल चलाते हुए जा रहा था, अचानक सामने आ गई गाय को बचाने में उस की मोटर सायिकल स्लिप हो गई। दुर्घटना में भाई की मृत्यु हो गई। भाई अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गये हैं। क्या उन्हें बीमा कंपनी से मोटर दुर्घटना की क्षतिपूर्ति राशि मिल सकती है?
 उत्तर – 

राजेश जी,

सामान्य रूप से आप के भाई की मृत्यु जिस दुर्घटना में हुई है, उस में वे स्वयं वाहन चला रहे थे। यहाँ या तो उन की स्वयं की गलती थी, अथवा किसी की गलती नहीं थी। इस कारण से दुष्कृत्य विधि (Law of Tort) के अंतर्गत आप की भाभी और भाई के बच्चे किसी तरह की क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के अधिकारी नहीं हैं। लेकिन मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा-140  और धारा 163-ए के अंतर्गत  ऐसे प्रावधान हैं कि आप की भाभी और भाई के बच्चे क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्त कर सकते हैं। इस के लिए उन्हें धारा 163-ए के अंतर्गत संरचित सूत्र (Structured Formula) के अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना चाहिए। धारा 163-ए में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी मोटर वाहन के उपयोग के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गई है अथवा उसे स्थाई निर्योग्यता प्राप्त हुई है तो उस मोटर वाहन का स्वामी या बीमाकर्ता संरचित सूत्र के अंतर्गत क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है।
हाल ही में राजस्थान उच्च  न्यायालय ने श्रीमती इंदिरा देवी बनाम नरेश व अन्य के मुकदमे में निर्णय दिया है कि हालांकि मृतक स्वयं वाहन चला रहा था और उस की गलती उक्त दुर्घटना में हो सकती है लेकिन वह फिर भी इस धारा के अंतर्गत बीमाकर्ता से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है। इस निर्णय में राजस्थान उच्च न्यायालय ने वाहन चालक को वाहन स्वामी का निकट संबंधी होते हुए भी तृतीय पक्ष मानते हुए बीमाकर्ता को  क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है।
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