अपंजीकृत वसीयत को कैसे पंजीकृत कराएँ?
|अनुज जी ने मध्य प्रदेश के इंदौर से समस्या भेजी है कि
मेरे दादाजी ने एक वसीयत लिखी थी जो कि रजिस्टर्ड नहीं है। कृपया उसे रजिस्टर्ड कराने का उपाय बताएँ।
समाधान-
आप के दादाजी यदि जीवित हैं तो खुद वे उप पंजीयक के कार्यालय में उपस्थित हो कर उस वसीयत को पंजीकृत करवा सकते हैं।
यदि आप के दादा जी जीवित नहीं हैं तो आप उस वसीयत के गवाहों को साथ ले जा कर उक्त वसीयत को उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। वसीयत के गवाह यह प्रमाणित करेंगे कि यह वसीयत उन के सामने आप के दादाजी ने बिना किसी दबाव या प्रभाव के निष्पादित की थी और उन्हों ने उस वसीयत पर अपने सामने निष्पादित किए जाने के गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए थे। इस वसीयत को पंजीकृत करवाने के लिए आप किसी लायसेंस धारक डीड राइटर या फिर किसी स्थानीय वकील से सलाह प्राप्त कर सकते हैं।
किसी वसीयत का पंजीकृत होना आवश्यक नहीं है आप के दादा जी ने जो वसीयत की है उसे आप जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर उसे प्रोबेट करवा सकते हैं। इस के लिए आप को किसी स्थानीय वकील की सहायता प्राप्त करनी होगी। आप के दादा जी के सभी उत्तराधिकारियों को आवेदन का नोटिस भेज कर तथा एक सामान्य नोटिस अखबार में प्रकाशित करवा कर सूचित किया जाएगा और किसी को आपत्ति न होने पर वसीयत की जाँच कर के या आपत्तियाँ प्रस्तुत होने पर आपत्तियों की सुनवाई कर के वसीयत की जाँच कर के उसे न्यायालय द्वारा प्रोबेट किया जा सकता है। इस के लिए आप को किसी स्थानीय वकील से सहायता प्राप्त करनी होगी।
अगर किसी भूमि का वसीयत २०१२ में किया गया हो और उस भूमि में २००५ को अवैध रूप से मकान बना दिया गया हो जिसकी शिकायत न्यालयल में २००८ से किया जा रहा हो । तथा वर्तमान में वसीयत करने वाले की स्वर्गवास हो गया हो तो ऐसे स्थिति में क्या भूमि किसी होनी चाहिए
शिलिंग भूमि का वसीयत किया जा सकता है? और किसी अन्य व्यक्ति को वसीयत किया जा सकता है जबकि उसका सूपुत्र जीवित है