संयोग साहु जी ने पूछा है –
मेरा विवाह 1978 में हुआ था मेरे माता-पिता ने सारे जेवर चुरा कर तथा कुछ मांग कर ले लिए। बादमें बार-बार मांगने पर अभी तक वापस नहीं किए हैं। बाद में मुझे पत्नी और दो बच्चों सहित घर से बाहर कर दिया। मैं क्या कर सकता हूँ?
सलाह –
साहु जी,
अपने प्रश्न में जिन जेवरों (आभूषणों) को आप अपना बता रहे हैं वे आप के तो होंगे नहीं। वे निश्चित रूप से आप की पत्नी को अपने मायके से अथवा ससुराल से विवाह के समय अथवा बाद में भेंट स्वरूप ही प्राप्त हुए होंगे। हो सकता है एक-दो जेवर अंगूठी या गले की चेन आप की हो। जो आप की पत्नी का जेवर है या आप का खुद का जेवर है उस के आप ही मालिक हैं। जो जेवर आप के माता-पिता ने चुरा कर लिया है। यदि उस के बारे में वे स्वयं ये मानते हैं कि वह उन्हीं ने लिया है तो चुरा कर लिए हुए जेवर तथा मांग कर लिए हुए जेवर दोनों ही आप के माता-पिता के पास आप की अमानत हैं। आप के द्वारा मांगने पर आप का और आप की पत्नी द्वारा मांगे जाने पर आप की पत्नी का जेवर आप के माता-पिता को आप को सहर्ष लौटा देना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध करेंगे।
आप अपने जेवरों के लिए आप की ओर से तथा आप की पत्नी उस के जेवरों के लिए उस की ओर से पंजीकृत डाक के माध्यम से मांग भेज सकती है कि आप लोगों के जेवर जो माता-पिता के पास अमानत हैं आप को लौटाए जाएँ। इन मांग पत्रों में यह भी स्पष्ट लिख दें कि आप के माता-पिता से कई बार मांगे जाने पर भी उन्हों ने ये जेवर लौटाए नहीं हैं। आप अन्तिम बार रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से यह मांग पत्र भिजवा रहे हैं। यदि निर्धारित अवधि में वे उन के पास अमानत रखे गए जेवर आप को और आप की पत्नी को नहीं लौटाते हैं तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध होगा और आप उन के विरुद्ध अमानत में खयानत का मुकदमा पुलिस को दर्ज कराने के लिए बाध्य होंगे। इस मांग पत्र के मिलने पर भी आप के माता-पिता आप का और आप की पत्नी का जेवर नहीं लौटाते हैं तो आप संबंधित पुलिस थाना में उन के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं। आप को पुलिस के समक्ष पर्याप्त सबूत इस बात के रखने होंगे कि वह जेवर आप का ही है और माता-पिता के पास अमानत है। यदि पुलिस ने पाया कि आप की बात सही है तो वह आप के माता-पिता से जेवर बरामद करेगी और इस अपराध में उन्हें गिरफ्तार भी करेगी तथा अदालत में मुकदमा चलाएगी जिस में अपराध साबित होने पर उन्हें सजा भी हो सकती है।
मुझे लगता है कि आप के माता-पिता को लगेगा कि आप इस मामले में उन के विरुद्ध पुलिस में जा सकते हैं और उस मामले में पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है तथा उन्हें सजा भी हो सकती है तो वैसी स्थिति में आप के माता-पिता आप के जेवरात आप को देने को तैयार हो जाएंगे।
Kanooni salah par blog lekhan nihsandeh ek sarahniya prayas hai. Aasha hai log isse labh uthayeinge