अविभाजित सुंयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति को बेच कर बनाई गई संपत्ति भी संयुक्त संपत्ति है
|एक भूखंड मेरी माता जी का था। मेरे पिताजी ने उसे बेच दिया और उस भूखंड को बेचने से प्राप्त धन से दूसरे स्थान पर मकान बना लिया। मेरे तीन भाई हैं। वर्तमान में मेरे पिता जी मुझे उस संपत्ति में से कोई हिस्सा नहीं देना चाहते। मुझे क्या करना चाहिए?
उत्तर –
आप की माता जी का भूखंड कैसे खरीदा गया था यह आप ने नहीं बताया है। फिर भी यदि यह मान लेते हैं कि आप के माता जी का भूखंड था। तब भी वह आप के पिता जी ने उन के कहने से बेचा होगा और उस का विक्रय पत्र भी माता जी द्वारा ही निष्पादित किया गया होगा। उस का धन उन की अनुमति से ही दूसरे मकान को बनाने में काम लिया होगा। आप की माता जी के जीवनकाल में उन्हें अपने मकान को बेच कर उस का धन पिता जी को देने का पूरा अधिकार था। वैसी स्थिति में आप कुछ नहीं कर सकते।
लेकिन आप के पिता जी ने वह मकान आप की माता जी के देहावसान के उपरांत विक्रय किया है और आप समझते हैं कि वह मकान अविभाजित हिन्दू संयुक्त परिवार की संपत्ति था तो उस के विक्रय के धन से जो मकान बनाया गया है वह भी संयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति है जिस के एक भागीदार आप भी हैं। आप उस संपत्ति के विभाजन के लिए आप के पिता जी और अन्य भागीदारों के विरुद्ध दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। लेकिन इस विवाद में आप को यह साबित करना होगा कि आप की माता जी का भूखंड संयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति था जिस के हकदार आप थे और उस मकान के बेचने से प्राप्त धन से ही नया मकान बनाया गया है।
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6 Comments
वाह
जानकारी उपयोगी और ज्ञानवर्धक है.
रामराम.
आप बहुत बारिकीया हमे बता रहे है ऎसे मामलो की जिन के बारे आम आदमी को कुछ पता नही होता.
धन्यवाद
क़ानून के बारेमैं तो बहुत ही कम जानता हूँ… मुझे आपकी हर जानकारी रोचक और ज्ञानवर्धक लगती है..
बधाई..सुंदर जानकारी के लिए..
बाप बेटे में ऐसा संबंध .. आजकल हो क्या रहा है .. कुछ समझ नहीं आता !!
सार्थक जानकारी
आभार
बी एस पाबला