आप की बहिन अपने व अपने बेटे के लिए गुजारा भत्ता प्राप्त करने हेतु दिल्ली के न्यायालय में आवेदन कर सकती है
|समस्या-
नदीम अहमद ने दिल्ली से पूछा है –
मेरी बहन का विवाह ११ साल पहले हुआ था लड़का ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं था और अपने पिता के साथ ही काम करता था। देवबंद में उनके स्कूल और कॉलेज हैं। हम ने उनसे कहा के अगर कुछ ऊँच नीच हो गयी तो कौन जिम्मेदार होगा? तो लड़के के पिता ने कहा मैं पूरी तरह से लड़के की तरफ से जिम्मेदार हूँ। शादी के कुछ दिनों के बाद से ही लड़का मेरी बहन से साथ बुरी तरह से मार-पीट करता आ रहा है। अगर उससे पहले खाना खाते वक्त रोटी तोड़ ली तो लड़ने लगता है कि हम पुरुष प्रधान हैं और तू हम से पहले रोटी नहीं तोड़ सकती। अगर घर में कुछ चीज़ इधर उधर हो जाये तो हिंसक तरीके से बर्ताव करता है। शादी के बाद हमें पता चला कि उसको पागलपन का मेडिकल सर्टिफिकेट मिला हुआ है और कहता है के अगर में खून भी कर दूँ तो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अगर लड़की अपने घर फोन से बात करती है तो छुरी ले के खड़ा रहता है कि क्या बात कर रही है?
एक बार मारपीट में लड़की की ऊँगली तोड़ दी जिसका डॉक्टर से उनके बाप ने इलाज कराया। दो बार घर से बाहर निकाल दिया। लड़की दो तीन बजे तक घर से बाहर सड़क पर अकेली खड़ी रही और आप सो गया। आये दिन न जाने कितनी बार बिना बात के लड़की के झापड़ मार देता है और उसका सर दिवार से दे दे के मारता है। इधर उसका सम्बन्ध किसी और लड़की से भी है। हमने उसके पिता से बात की तो उन्होंने बताया कि लड़के ने मेरे उपर भी हाथ उठाया है। मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। बहन का एक लड़का भी है 10 वर्ष का। अब हम बहिन को अपने घर ले आये हैं। जब हमने लड़के से और उसके पिता से लड़की के एक्स रे रिपोर्ट और मेडिकल पेपर, और डॉक्टर की प्रेस्क्रिप्शन मांगी तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। लड़की के स्कूल और कॉलेज के सर्टिफिकेट भी नहीं दिए। लड़के का बाप तो काफी हद तक ठीक है लेकिन उसकी माँ और बहनें आये दिन लड़ती हैं और दहेज का ताना देती हैं। अब हमें बताये की हम लड़के के खिलाफ क्या क्या कर सकते हैं? हम पूरा खर्चा बहन का, बहन के लड़के का, रहने के लिए मकान वगैरा चाहते हैं कृपया कर के हमें दिशा दें हम देहली में रहते है और लड़का देवबंद सहारनपुर का है। रूपये पैसों की लड़के वालों के पास कोई कमी नहीं है।
समाधान-
आप की बहिन के साथ बहुत अन्याय हुआ है। उस के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है और उस के साथ अत्यधिक क्रूरता का बर्ताव हुआ है। आपने अच्छा ही किया जो आप अपनी बहिन को इस दोज़ख से निकाल लाए। इस क्रूरतापूर्ण बर्ताव के कारण आप की बहिन को अपने पति से अलग रहने का अधिकार भी उत्पन्न हुआ है। मुस्लिम विधि के अनुसार आप की बहिन अपने पति से तलाक की मांग कर सकती है तथा तलाक न दिए जाने पर न्यायालय से तलाक भी प्राप्त कर सकती है। खैर¡ शायद अभी आप लोग ऐसा नहीं चाहते हैं।
आप की बहिन को तथा बहिन के लड़के को अपने पिता से गुजारा भत्ता प्राप्त करने का अधिकार है। इस के लिए आप की बहिन स्वयं अपनी ओर से तथा अपने बेटे की ओर से धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत देहली में जहाँ वह आप के साथ निवास करती है परिवार न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। उसे गुजारा भत्ता मिल जाएगा यहाँ तक कि आप की बहिन को न्यायालय उक्त प्रकरण की सुनवाई के दौरान भी अन्तरिम गुजारा भत्ता दिलाने का आदेश प्रदान कर सकता है। यह गुजारा भत्ता प्राप्त करने का अधिकार आप की बहिन को तलाक के बाद भी जब तक वह दूसरा विवाह न कर ले तब तक है। बेटे को बालिग 18 वर्ष का होने तक गुजारा भत्ता प्राप्त करने का अधिकार है। इसी तरह का आवेदन आप की बहिन महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा अधिनियम के अन्तर्गत भी कर सकती है और न केवल गुजारा भत्ता अपितु अपने लिए सुरक्षा का आदेश भी प्राप्त कर सकती है।
आप की बहिन के साथ जो क्रूरता हुई है वह धारा 498-ए भा.दं.संहिता के अन्तर्गत अपराध है। ससुराल में जिस जिस ने उस के साथ क्रूरता की है वे सभी अपराधी हैं। आप की बहिन की संपत्ति जो उसे उपहार के बतौर अपने मायके वालों से, ससुराल वालों से तथा मित्रों से प्राप्त हुई है वह उस का स्वयं की संपत्ति है वह उस संपत्ति को लौटाने की मांग अपने पति व उस के ससुराल वालों से कर सकती है। उस के इलाज से संबंधित दस्तावेज व शिक्षा से संबंधित दस्तावेज भी मूल्यवान प्रतिभूति हैं वह उन की भी मांग कर सकती है। यह संपत्ति और मूल्यवान प्रतिभूतियाँ न लौटाने पर धारा 406 भा.दं.संहिता का अपराध है। इस की शिकायत आपकी बहिन पुलिस को कर सकती है और पुलिस द्वारा कार्यवाही न करने पर न्यायालय में शिकायत प्रस्तुत कर सकती है। पर क्यों कि ये अपराध देवबंद में हुए हैं इस कारण से इस की शिकायत देवबंद के पुलिस थाना या उस पुलिस थाना पर अधिकारिता रखने वाले देवबंद के न्यायालय में ही कर सकती है।
आप को चाहिए कि आप दिल्ली में किसी संजीदा वकील से मिलें और अपनी बहिन व उस के बेटे की ओर से कार्यवाही तुरन्त करें। आप को धारा 498-ए तथा धारा 406 भा.दंड संहिता के अन्तर्गत कार्यवाही देवबंद में भी करनी चाहिए।
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गुरुदेव जी, जैसा इस समस्या में कहा जा रहा है कि-शादी के बाद हमें पता चला कि उसको पागलपन का मेडिकल सर्टिफिकेट मिला हुआ है और कहता है के अगर में खून भी कर दूँ तो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। क्या क़ानूनी रूप से ऐसा संभव है या नहीं ?
रमेश कुमार निर्भीक का पिछला आलेख है:–.मैंने “आम आदमी पार्टी” से कहा कि-मुझे आपसे झूठ बोलकर “टिकट” नहीं लेना है