आप के कथित हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज के आधार पर तलाक संभव नहीं है।
|समस्या-
दिल्ली से सुनीता ने पूछा है –
मेरी शादी 31 जनवरी 2013 को हुई थी। शादी से पहले मैं एक इन्स्टीट्यूट मैं अकॅडेमिक एडवाजर की जॉब करती थी। मुझे वहाँ काम करते 3 साल हो गये थे। शादी के बाद मुझे जॉब करने की अनुमति नहीं थी जिस के कारण मैं ने जॉब छोड़ दी। शादी के बाद जब भी मेरे ऑफिस से मेरे सर कुछ डाटा वगैरह पूछने के लिए कॉल करते थे तो मेरे पति मुझ पर शक करते थे की मेरा मेरे सर कई साथ कोई रिलेशन है। इस बात को लेकर रोज हम दोनों मैं झगड़ा होने लगा। जब मेरे पति ऑफिस से घर आते थे तो वो मेरा फोन चेक करते थे ओर मेरे पीछे से मेरे ऑफिस के सर को ग़लत ग़लत एसएमएस भेजते थे। इस बात से मेरे सर को बहुत गुस्सा आया और उन्हों ने मुझे फोन कर के बोला तुम मुझे इस टाइप के एसएमएस क्यों भेजती हो। तब मैं ने उन्हें बोला कि मैं ने आप को कोई एसएमएस नहीं किया। फिर मुझे पता चला की मेरे पति मेरे पीछे से से उन को मेरे फोन से एसएमएस करते हैं। इस बात को लेकर सर और मेरे पति कई बीच झगड़ा हो गया। मेरे पति ने मुझ पर ये भी आरोप लगाया कि मेरे सर के साथ मेरे फिज़िकल रिलेशन है मैं ने उन्हें कितने बार समझाया कि हमारे बीच ऐसा कोई रिलेशन नहीं है। लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं हुए और हमेशा मुझ पर शक करते रहते। वो रोज मुझ से इस बारे में पूछते रहते थे। एक दिन मैं ने गुस्से में आ कर ये बोल दिया कि हाँ हम रिलेशन में हैं और मैं अपनी मम्मी के घर आ गई। फिर मेरे पति इस बात को ले कर मेरे ऑफिस के सर को परेशान करने लगे और मुझे तलाक़ देने की बात करने लगे। मेरे सर ने मेरे पति को बोला कि तेरा जैसा पति तो किसी को भी ना मिले। मेरे पति ने बोला कि हाँ, जब तुम दोनों का पहले से ही रिलेशन है तो मैं पति कहाँ से हो गया। तू ही उस का पति बन जा। इस पर मेरे सर ने कहा कि अगर तू उससे तलाक़ देगा तो मैं उसे अपना लूंगा, मुझे पता है तू किस टाइप का है। मेरे पति ने उन से एक खाली कागज पर ये सब लिखवा लिया और फिर वो मेरे घर उस पेपर पर मुझ से सिग्नेचर लेने के लिए आ गया। तो मैं ने उस पर सिग्नेचर करने से मना कर दिया। लेकिन उसने उल्टी सीधी बातें बोल कर मुझ से उस पर सिग्नेचर करवा लिया। अब वो उसी पेपर के बलबूते पर मुझ से तलाक़ मांग रहा है। पर मैं नहीं चाहती कि हमारा तलाक़ हो। पर मेरे पति मुझे बार बार बोल रहे हैं कि अगर ये पेपर मैं ने कोर्ट में दिखाया तो हमारा तलाक़ हो जायगा। मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि तुम मुझे तलाक़ दो या ना दो, लेकिन मुझे तुम से तलाक़ चाहिए। कृपया बताएँ कि मुझे क्या करना चाहिए।
समाधान-
आप को परेशान होने की जरा भी आवश्यकता नहीं है। आप के पति के पास आप के सर और आप के हस्ताक्षर वाला जो दस्तावेज है उस के आधार पर उन्हें कोई तलाक नहीं मिलने वाला है। यह कोरी धमकी मात्र है।
लेकिन जो परिस्थितियाँ आप ने बताई हैं उन से लगता है कि आप के पति बेहद शक्की मिजाज के हैं और उन का सुधर पाना संभव प्रतीत नहीं होता। वे आप के साथ रहें या किसी अन्य से विवाह कर के वे अपनी पत्नी को जीवन भर परेशान करेंगे। ऐसे में आप के पति के साथ आप का जीवन भर थोड़ा भी शान्ति और सुख के साथ गुजरेगा यह संभव प्रतीत नहीं होता। फिर आप के प्रति उन के मन में जो संदेह का बीज घर कर गया है वह कभी नहीं मिटेगा।
आप से भी कुछ गलतियाँ हुई हैं। आप को अपने पति और ससुराल वालों को विवाह के पूर्व ही बता देना चाहिए था कि आप नौकरी करती हैं और उसे नहीं छोड़ेंगी। आप ने अपनी नौकरी छोड़ कर पूरी तरह एक अनजान व्यक्ति से विवाह कर के उस पर सारी निर्भरता स्थापित कर ली। दूसरी गलती आप ने यह की कि गुस्से में आ कर आप ने यह कह दिया कि आप के सर के साथ आप के फिजिकल रिलेशन हैं। जो बात सच नहीं है उसे तो गुस्से में क्या सपने में भी स्वीकार नहीं करना चाहिए। तीसरी गलती यह की कि अपने पति की उलटी सीधी बातों में आ कर आप ने उस कागज पर हस्ताक्षर कर दिए।
आप नहीं चाहती हैं कि तलाक लें, तो न लें। आप के पति उस दस्तावेज के आधार पर आप से तलाक नहीं ले सकते। हाँ, यदि आप जब चाहें कि ऐसे पति से छुटकारा मिल जाए तो आप पति के शक्की व्यवहार और जो अन्य हरकतें उस ने की हैं उन के आधार पर तलाक ले सकती हैं।
हमारी तो सलाह यह है कि आप को पुनः कोई अन्य नौकरी तलाश कर के अपने पैरों पर खड़े होना चाहिए और अपने पति की पूरी तरह से उपेक्षा कर देनी चाहिए। यदि उसे अपनी गलतियों का एहसास हो और सुधरने को तैयार हो जाए तथा आप को भी विश्वास हो जाए कि वह सुधर सकता है तो इस शर्त पर कि आप नौकरी करती रहेंगी, आप का पति न तो नौकरी पर कोई सवाल करेगा और न ही किसी तरह का शक जाहिर करेगा और इन सब बातों को लिख कर दे तो आप उस के साथ रहने की बात कर सकती हैं। तब जा कर कुछ संभावना है कि आप का जीवन थोड़ा बहुत शान्ति से गुजर जाए। अन्यथा आप अपने जीवन के बारे में स्वयं निर्णय कर सकती हैं। यदि आप का पति आप के विरुद्ध तलाक का मुकदमा कर दे तो आप उस के आवेदन का उत्तर देने के पहले न्यायालय को कह सकती हैं कि पहले मकदमा खर्च, अदालत आने जाने का खर्च और आवश्यक भरण पोषण भत्ता आप के पति से दिलाया जाए। अदालत आप के पक्ष में आदेश कर देगी।
meri bivi police me h meri shadi ko 2 sal ho chuke h lekin meri bivi 1 sal se mujhse alag rah rahi h wo apne ghar ke pas hi nokari karti h mujhse milti tak nh h phn par baat b nh karti h or uske gharwale bhi mujhse baat nh karte h wo log na to ha bolte h or na hi ha bolte h jab bhi phn karta hu ya to phn nh uthate h wo log ya fir jab bhi phn uthate h to gali galoch karte h bivi ka bhi yahi haal h ab me kya karu meria ek beta bhi h jo usi ke pas h wo apna sara gahna le ja chuki h or dahej ki dhamki deti h or kahti h ki in gahno ka bhi case lagaungi me or mere gharwale kai bar use lene ke liye uske ghar ja chuke h lekin wo log bar-2 hamari beijjati karte h or kuch bhi jawab nh dete h
mujhe ek pareshani h
क्या 100 रूपये के सटाम पर आपसी सहमती तलाक ,और शादी मानय हैं
पत्नि ने घरेलू हिंसा का केस लगा रक्खा हो और दोनो सहमति से तलाक के लिए क्या करना पाडेगा. और मेने धारा ९ का लगा रक्खा है
पत्नी को पति तलक दे सकता है जब ऊपर वाली परिस्तिती हो .
पर यदि पत्नी तलाक न चाहे व वह पति साथ न रहे तब क्या करना चाहिए?
पत्नी विवाह विच्छेद न चाहे और उस के पास पति से अलग रहने का उचित कारण हो तो वह अलग रह सकती है। वैसी स्थिति में पति के पास उचित आधार हो तो वह पत्नी से विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकता है।
तीसरा खंबा का पिछला आलेख है:–.आप के कथित हस्ताक्षर युक्त दस्तावेज के आधार पर तलाक संभव नहीं है।