उप विभाजन व नामान्तरण के लिए आवेदन करें, न होने पर विभाजन और नामान्तरण के लिए वाद प्रस्तुत करें।
|समस्या-
हाथरस, उत्तर प्रदेश से गिरीश चन्द्र शर्मा ने पूछा है-
मैं ने एक प्लाट नोएडा (यू0पी0) में सन 2005 में खरीदा था। विक्रेता को नोएडा प्राधिकरण द्वारा उसकी अधिगृहीत कृषि भूमि के कारण 400 वर्गमीटर का प्लाट किसान को दिया गया था। इसी में से 150 वर्गमीटर का प्लाट मैं ने खरीद लिया। खरीद का भुगतान बैंक के माध्यम से चैक द्वारा किया गया था। मेरे द्वारा उक्त प्लाट की सेलऐग्रीमेंट पावर ऑफ अटर्नी एवं वसीयत पंजीकृत कराई गई थी। विक्रेता द्वारा प्राधिकरण को 150 वर्गमी0 का प्लाट केता को बेचने की सूचना नहीं दी गई एवं विक्रेता द्वारा प्राधिकरण से अपने ही नाम 400 वर्गमीटर का प्लाट आवंटन कराया। जबकि 400 वर्गमीमीटर के प्लाट में से प्रार्थी को बिक्री किया गया 150 वर्गमीटर का प्लाट अलग आवंटित कराना था तथा 250 वर्गमी का प्लाट अलग आवंटित कराना था। विक्रेता की मृत्यु सन 2012 हो गई है। प्रार्थी द्वारा जब विक्रेता के दोनों लड़को से बिक्री किए गए 150 वर्गमीटर प्लाट की रजिस्ट्री कराने हेतु कहा गया तो उनके द्वारा रजिस्ट्री कराने में आनाकानी की जा रही है तथा खरीदे गए प्लाट का प्राधिकरण में नाम परिवर्तित भी नहीं करा रहे हैं। मैं उक्त प्लाट किस प्रकार प्राप्त कर सकता हूँ।
समाधान-
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उस की संपत्ति उस के वसीयती को प्राप्त होती है तथा निर्वसीयती संपत्ति उस के उत्तराधिकारियों को। वह व्यक्ति अपने उक्त प्लाट में से 150 वर्गमीटर का हिस्सा आप के नाम वसीयत कर चुका है और वसीयत आप के अनुसार पंजीकृत है। वैसी स्थिति में विक्रेता के उक्त भूखंड के 150 वर्गमीटर के हिस्से के आप स्वामी हो चुके हैं।
आप को प्राधिकरण में आवेदन देना चाहिए कि उक्त भूखंड का उप-विभाजन कर उस में से 150 वर्गमीटर के भूखंड का आप के नाम नामान्तरण करे। यदि इस आवेदन पर प्राधिकरण कोई कार्यवाही नहीं करता है और नामान्तरण के लिए मना करता है तो आप प्राधिकरण को आवश्यक कानूनी नोटिस दे कर अवधि समाप्त होने के उपरान्त प्लाट के विभाजन और उसे आप के नाम नामांतरित करने के लिए वाद प्रस्तुत कर सकते हैं। इस में आप को प्राधिकरण के साथ साथ विक्रेता के सभी उत्तराधिकारियों को भी पक्षकार बनाना होगा।