कंटक (nuisance) के विरुद्ध कार्यवाही कैसे करें?
|ग्राम सिरासिया पवार, पोस्ट भवानी छापर, थाना खम्पार, तहसील भाटपार रानी, जिला देवरिया उत्तर प्रदेश से नीरजकुमार ने पूछा है – –
मेरे घर से लगभग पाँच मीटर की दूरी पर मेरे पड़ौसी ने मुर्गी फार्म खोल रका है जिस के प्रदूषण से हमारे परिवार के सभी लोग बीमार हो जाते हैं। मना करने पर भी वह इसे बंद नहीं करता है, बोलता है मैं ने अपनी जमीन में खोल रखा है। कृपया आप हमें कोई कानूनी सलाह बताएँ ताकि हमारे परिवार का कोई भी सदस्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हो कर अपनी जान नहीं गवाँ बैठे?
उत्तर – – –
नीरज कुमार जी,
नगरों में तो इस प्रकार की कोई भी गतिविधि मानव आवास के निकट बिना नगर पालिका की इजाजत के नहीं की जा सकती है और की जाती है तो दीवानी अदालत में वाद प्रस्तुत कर उसे रुकवाया जा सकता है तथा इस तरह की गतिविधि को बंद कराने के लिए नगर पालिका को पाबंद कराया जा सकता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इस तरह का कोई कानून नहीं है। यदि आप का पड़ौसी ऐसी कोई भी गतिविधि अपने भूखंड के अंदर करता है जो कि कंटक (nuisance) उत्पन्न करता है जिस से किसी प्रकार की बीमारी की आशंका है तो ऐसे कंटक को हटाने के लिए आप धारा 133 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अपने क्षेत्र के कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर सकते हैं और मजिस्ट्रेट ऐसा कंटक हटाने के लिए आदेश दे सकता है।
इस के अतिरिक्त आप को यदि वास्तव में इस तरह के कंटक से हानि हुई हो और उसे साबित किया जा सकता हो, जैसे आप के परिवार के सदस्यों के बीमार होने की वजह चिकित्सक ने पास में मुर्गी पालन केंन्द्र का होना बताया हो तो यह एक प्रकार का दुष्कृत्य (Tort) है। इस तरह किसी भी व्यक्ति के दुष्कृत्य के लिए आप को हानि होने पर आप क्षतिपूर्ति के लिए दीवानी वाद आप के क्षेत्र की दीवानी अदालत में प्रस्तुत कर सकते हैं इसी दावे में मुर्गी पालन केंद्र को बंद करवाने के लिए स्थाई व्यादेश (Permanent Injuction) जारी करने की प्रार्थना भी कर सकते हैं। इसी दावे के साथ अस्थाई व्यादेश के लिए आवेदन कर तुरंत राहत प्राप्त करने के लिए कार्यवाही भी कर सकते हैं। इस मामले में आप को अपने क्षेत्र के किसी वरिष्ठ वकील से मिल कर कार्यवाही करनी चाहिए।
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7 Comments
कार्यपालक मजिस्ट्रेट भी तभी उसको हटवाएगा यदि आपके पास अचछी राजनैतिक पहुँच है मैंने अपना खुला सोचालय का मामला जोकि 133 CRPC का था 5 साल में जीता है और आपके मामले जैसा मामला मेरे गांव का मामला 6 साल से उसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट के पास पेंडिंग है बहुत बुरा हाल है इन कोर्टो का भाई झुक कर काम चला लो आखिर में कोर्ट जाओ .
सब के लिये उपयोगी सलाह। धन्यवाद।
bhatiya ji ki baat sahi lagi….sadhuwad..
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गिरिजेश राव… उन्होने लिखा तो है कि मना करने पर भी वो बंद नही कर रहा, अब जब प्यर से बात नही बनती दिखी तभी वो सलाह मांगने वकील के पास आये है, वेसे कोई कोर्ट कचहरी के चक्क्रो मै नही पडना चाहता,बहुत सही राय, वेसे भी इन मुर्गियो से बहुत सी बिमारियां लग जाती है
भवानी छापर की जगह सिरसिया पढ़ें। गाँव का नाम जाना पहचाना सा लगता है।
अ-विधिक सलाह (द्विवेदी जी से क्षमा सहित):
अरे भैया! भवानीछापर गाँव में भले लोग तो होंगे ही। जुटा कर समझाओ बुझाओ भाई।
परधानी का चुनाव आन पहुँचा है। इस समय तो स्वर्णिम अवसर है। अगर बोल ठोल कर लिए हो तो उसे मूछ की बात न बनाते हुए सुलह सफाई की कोशिश एक बार और करो। ई कोरट कचहरी के चक्कर में भरसक न पड़ो।