कच्ची बस्ती में बने सरकारी पट्टे वाले मकान को खरीदने के पहले क्या सावधानी जरूरी है?
|समस्या-
गोपाल शर्मा ने जयपुर, राजस्थान से राजस्थान राज्य की समस्या भेजी है कि-
मैंने एक मकान देखा है जिसको में लेना चाहता हूँ, वह मकान कच्ची बस्ती में है, जिसका पट्टा सरकारी बना हुआ है। तो क्या मैं उसे खरीद सकता हूँ? क्या वो पट्टा मेरे नाम हो जायेगा? कृपया मुझे सही सलाह बताएँ।
समाधान-
गोपाल शर्मा जी, कच्ची बस्तियों में जो मकान स्थित हैं उन के भूखंडों की लीज सरकार नगर निगम अथवा विकास न्यास/ प्राधिकरण के माध्यम से 99 वर्षीय पट्टों के आधार पर जारी करती है। इस तरह जारी किए गए पट्टों में अक्सर यह शर्त होती है कि पट्टाकर्ता इस लीज को हस्तान्तरित नहीं कर सकता। कभी कभी यह शर्त भी होती है कि 10 या 12 वर्ष तक लीज को हस्तान्तरित नहीं किया जा सकता। ऐसी शर्त होने पर अहस्तांतरणीय अवधि में विक्रय पत्र का पंजीकरण कराया जाना संभव नहीं होता है।
कोई भी मकान जिस का भूखंड लीज/ पट्टे पर हस्तान्तरित किया गया है उस का विक्रय करने के पूर्व नगर निगम/ विकास न्यास/ प्राधिकरण से भूखंड के हस्तान्तरण की अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है। इस कारण आप को मकान के वर्तमान मालिक और विक्रेता से कहें कि वह नगर निगम/ विकास न्यास/ प्राधिकरण से भूखंड को विक्रय करने की अनुमति प्राप्त कर ले। आम तौर पर किसी भी मकान को खरीदने का एग्रीमेंट/ इकरारनामा कुछ अग्रिम राशि (साई) दे कर किया जा सकता है। उस में एक निश्चित समय जो तीन माह के आसपास का होता है विक्रेता को इस बात के लिए दिया जाता है कि वह भूखंड को विक्रय करने की अनुमति प्राप्त कर सके। यह शर्त भी होनी चाहिए कि यदि तीन माह या जो भी अवधि निर्धारित हो उस में विक्रेता भूखंड के विक्रय की अनुमति प्राप्त नहीं कर सका तो जो धनराशि उस ने अग्रिम या साई बतौर प्राप्त की है उस की डेढ़ी या दुगनी राशि वह क्रेता को लौटाएगा। यदि विक्रेता विक्रय की अनुमति प्राप्त करने में असफल रहता है तो आप इकरारनामे के अनुसार अग्रिम की डेढ़ी या दुगनी राशि विक्रेता से प्राप्त कर सकते हैं।
कभी कभी ऐसा भी होता है कि सरकार (नगर निगम/ विकास न्यास/ प्राधिकरण) पट्टा जारी करते हैं जिसे उपपंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत कराना होता है लेकिन जो पट्टा प्राप्त करता है वह उस की उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकरण (रजिस्ट्री) नहीं करवाता है। इस से वह पट्टा बेकार हो जाता है। यदि आप ने जो पट्टा देखा है वह पंजीकृत है तो ठीक है अन्यथा विक्रेता (मकान के वर्तमान स्वामी) को कहें कि वह पट्टे का पंजीकरण (रजिस्ट्री) कराए और भूखंड को विक्रय करने की अनुमति प्राप्त कर ले। ये दोनों बातें होने पर ही आप उस मकान को खरीदने का इकरारनामा (एग्रीमेंट) करें अन्यथा नहीं।
आपके सुझाव से मैं सहमत हूँ लेकिन अब में ये जानना चाहता हूं कि क्या विक्रेता को अपनी सम्पत्ति बेचने की अनुमति सरकार से मिल सकती है
यह पट्टा देखे बिना नहीं बताया जा सकता। मेरे हिसाब से जरूर मिल सकती है।