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किराएदारी का नवीनीकरण कराने का प्रयास करें।

Shopsसमस्या-

कृष्ण कान्त चौधरी ने सनावद, जिला खरगोन, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मारे यहाँ शासकीय अस्पताल द्वारा कुल 65 दुकाने निर्मित की गई, जो कि रोगी कल्याण समिति के (अस्पताल के द्वारा गठित समिति का नाम रोगी कल्याण समिति है) द्वारा नीलामी प्रक्रिया द्वारा बेचीं गयीं जिस का 35 माह बात नवीनीकरण किया जाता है। (प्रत्येक तीन वर्ष में) साथ ही यह नियम भी है कि वह दुकान किसी अन्य को नहीं बेची जाएगी, न ही किराये पर दे सकते हैं, न भागीदारी कर सकते हैं। किन्तु आज कुल 65 दुकान में से करीब -करीब 20 दुकानें रीसेल हो चुकी हैं। अब हम सभी की समस्या है कि हमें रोगी कल्याण समिति के द्वारा दुकान खाली करने के पत्र आ रहे हैं (जबकि रोगी कल्याण समिति ने अनेक नियमों का उल्लंघन करते हुए गैरेज, चाकू छुरी, अंडा, ध्वनि विस्तारक आदि के व्यवसायियों को दुकान न देने का नियम होते हुए भी दी है) ऐसी स्थिति में हमारे साथ क्या होगा? या हमें क्या करना चाहिए? कृपया उचित मार्गदर्शन प्रदान करें।

समाधान-

दि कोई व्यक्ति कोई गलती करता है तो उस से उस के साथ की गई किसी दूसरे की गलती समाप्त नहीं होती। यदि रोगी कल्याण समिति ने अपने नियमों के विरुद्ध कोई कार्य किया है तो उस के लिए उस के विरुद्ध शिकायत की जा सकती है। वैसे कार्यों को रोकने या समाप्त करने के लिए अलग कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। समिति एक संगठन है जिस का गठन शासन द्वारा किया गया है। उस की गलती को रोकने के लिए कोई भी नागरिक न्यायालय में कार्यवाही कर सकता है। लेकिन समिति ने गलतियाँ की हैं इस कारण कोई और उस के साथ गलती कर के लाभ उठा सकता है, यह सम्भव नहीं है।

न 65 दुकानों के हस्तान्तरण के संबंध में जो दस्तावेज आप ने हमें भेजा है वह एक किरायानामा मात्र है। दुकानें नीलामी के द्वारा किराए पर दी गई हैं। यह किराएदारी 3 वर्ष की है। यह दस्तावेज पंजीकृत नहीं है जब कि एक वर्ष से अधिक की किराएदारी का किरायानामा पंजीकृत होना चाहिए। वैसी स्थिति में सभी दुकानदार किराएदारी के सामान्य नियमों के अन्तर्गत किराएदार हैं।

दुकान खाली करने का नोटिस भेजा गया है तो इस का अर्थ ये है कि समिति वर्तमान किराएदारों से किराएदारी का नवीनीकरण चाहती है। दुकान खाली कराने के लिए तो समिति को सभी दुकानदारों के विरुद्ध दुकान खाली कराने के मुकदमे करने होंगे। यदि समिति किसी के विरुद्ध इस तरह का मुकदमा करती है तो वह दुकानदार उसे मेरिट पर लड़ सकता है और सफल या असफल हो सकता है।

मेरी राय में सभी दुकानदारों को जो मूल दुकानदार हैं या फिर हस्तान्तरिती हैं, समिति से बात करनी चाहिए कि उन की किराएदारी का नवीनीकरण कर दिया जाए। नवीनीकरण के लिए आपसी शर्तें तय हो सकती हैं जो मूल दुकानदार और हस्तान्तरिती के लिए अलग अलग सकती हैं।

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