किराया अदा न करने के आधार पर मकान खाली करने की अर्जी लगाएँ!
सोमदत्त ने नागौर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
बिना किरायेनामे अथवा एग्रीमेन्ट के 20 वर्ष से किरायेदार रह रहे हैं। जिन का किराया 20 माह का बकाया है। जिस का कोई दस्तावेज नहीं है। आपसी याददास्त से किराया बकाया है। पूर्व में किराया नगदी दिया व लिया गया है। किसी भी पार्टी के कहीं पर भी हस्ताक्षर नहीं है। बिजली का बिल मकान मालिक के नाम से है जो किरायेदार जमा करवाता था। सन 2012 से बिल जमा नहीं करवाये जाने पर सन 2013 में बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन काट दिया गया व मीटर उतार लिया गया। मकान खाली कैसे करवाया जा सकता है।
समाधान-
यदि आप का मकान जिला मुख्यालय नागौर में स्थित है तो आप के यहाँ राजस्थान किराया नियन्त्रण अधिनियम 2001 प्रभावी है। इस अधिनियम में यह प्रावधान है कि यदि कोई किराएदार चार माह का किराया बकाया कर दे तो उसे किराया अदा करने के लिए नोटिस दिया जाए जिस में मकान मालिक अपना बैंक खाता प्रदर्शित करेगा जिस में किराया जमा कराया जा सके। यदि वह एक माह में किराया अदा नहीं करता है तो इसी आधार पर किराएदार के विरुद्ध मकान खाली कराने तथा बकाया किराया वसूली का मुकदमा किया जा सकता है। लेकिन किराया अधिकतम केवल 36 माह का ही वसूला जा सकता है।
किराएदार ने बिल जमा न कर के आप का बिजली कनेक्शन भी कटवा दिया है यह भी परिसर में सारभूत परिवर्तन है। इसे भी मकान खाली कराने का एक आधार बनाया जा सकता है।
यदि मकान की मकान मालिक या उस के परिवार के किसी व्यक्ति के लिए आवश्यकता है तो यह मकान खाली कराने का सब से मजबूत आधार है।
आप इन सब आधारों पर मकान खाली करने की अर्जी किराया अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करें। आप जब वकील से बात करेंगे और सारी परिस्थितियाँ बताएंगे तो हो सकता है वकील आप से बातचीत के दौरान अन्य आधार भी तलाश कर सके। आप स्वयं भी किराया नियंत्रण अधिनियम की पुस्तक खरीद कर उसे पढ़ कर उचित आधार तलाश सकते हैं और अपने वकील को सुझाव दे सकते हैं।