किराया बढ़ाने के लिए अदालत में वाद संस्थित करें।
सैफ उल्लाह खान ने बरेली उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मैं ने अपने कुछ गोदाम 800 माहवार पर 2001 से 2006 के मध्य 11 माह किराये के एग्रीमेंट पर दिए। जिस पर एक लाइन यह लिखी कि यदि किरायेदार अपनी किरायेदारी आगे भी कायम रखना चाहेगा तो हर 3 साल के बाद किराये में 10% कि वृद्धि करेगा। आज 10 साल से अधिक हो जाने के बाद भी किराया केवल 1100-1200 तक ही पहुँच पाया है जबकि मार्किट वैल्यू इस समय 2500-3000 है। मैं आपसे ये जानना चाहता हूँ कि क्या इस एग्रीमेंट में एक लाइन हर 3 साल के बाद किराये में 10% कि वृद्धि लिखने से ये तमाम उम्र (मेरी अगली कितनी पीढ़ी तक) वैध हो गया या इस एग्रीमेंट को मैं 5,10 या 15 साल बाद नवीनीकृत करवा सकता हूँ। क्यों कि किरायेदार मुझे हमेशा 3 साल के बाद किराये में 10% कि वृद्धि का ही उल्लेख कर देता है।
समाधान-
क्या आप बता सकते हैं कि आप ने किरायानामा केवल 11 माह की अवधि का ही क्यों कराया? और बाद में तीन साल और किराया वृद्धि की बात क्यों अंकित कर दी गयी? इस का जवाब आप को पता नहीं, बस सब लोग 11 माह का किरायानामा लिखाते हैं तो आपने भी लिख दिया। सड़क पर, अदालत के आसपास अनेक टाइपिस्ट अपनी मशीनें कम्प्यूटर लिए बैठे हैं, उन के पास किराएनामे के ड्राफ्ट हैं। आप भी उन के पास गए और टाइप करवा लिया तथा नोटेरी से अटेस्ट करवा कर काम पूरा कर लिया। भाई जब पहली बार किरायानामा लिखवा रहे थे तो किसी ढंग के वकील से बात करते। एग्रीमेंट में अंकित एक एक शब्द का अर्थ समझने की कोशिश करते तो यह परेशानी नहीं होती।
ग्यारह मार का किरायानामा मात्र इस कारण लिखाया जाता है कि एक वर्ष का होते ही किरायानामा उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत कराना जरूरी हो जाता है वर्ना उसे साक्ष्य में पढ़ने योग्य नहीं समझा जाता है। उस पर स्टाम्प ड्यूटी भी अधिक लगती है। इन सब से बचने के लिए किरायानामा 11 माह का लिखाया जाता है। फिर यह किरायानामा तो 11 माह के बाद समाप्त हो गया। उस के बाद से वह किराएनामे के कारण नहीं बल्कि किराया कानून के कारण किराएदार है। किराया कानून में यह अंकित है कि किराया बाजार दर के अनुसार कराने के लिए दावा किया जा सकता है और न्यायालय किराया निर्धारित कर सकता है।
आप को चाहिए कि आप किसी स्थानीय वकील से सलाह ले कर किराया बढ़ाने के लिए वाद संस्थित करें। और इस काम में जल्दी करें क्यों कि किराया उसी तारीख से बढ़ाया जाएगा जिस तारीख को आप वाद न्यायालय में प्रस्तुत कर देंगे।
सर मई स्टेशन अलवर का नवासी हु म अपनी दूकान किराए पर देना चाहता हु तो आप ये बताए की एग्रीमेंट किस तहरः से लिख्या जाए की दूकान खाकी करने में कोई परेशानी न हो
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मेरे पापा की किराये की दुकान है लगभग 37 वर्षों से 1 जून को पापा रात को दुकान मंगल करके आये। 2 जून को जब सुबह जब दूकान गये तो देखा पापा ने जो ताला लगाते है उस पर मकान मलिक ने ताले के ऊपरअपना ताला लगा दिया और कह रहा है । पुलिस के पास रपट लिखाने गये तो वो कह रहे क्या सबूत है कि आप की दकान किराये पर ली है दुकान से मकान मालिक का लगाया ताला कैसे खुलवाये।
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