कॉपीराइट किन किन कृतियों में उत्पन्न होता है तथा अवस्थित रहता है?
|विगत अंक में हमने जाना था कि कॉपीराइट क्या है। इस अंक में हम जानेंगे कि कौन कौन सी कृतियाँ हैं, जिन में कापीराइट उत्पन्न होता है तथा अवस्थित रहता है। जिन्हें भारतीय कॉपीराइट एक्ट की धारा-13 में समाहित किया गया है।
(1) इस धारा तथा इस कानून के प्रावधानों की परिधि में सम्पूर्ण भारत में कृतियों की जिन श्रेणियों पर कॉपीराइट अवस्थित रहेगा, वे निम्न प्रकार हैं –
(क) मूल साहित्यिक, नाटकीय, संगीतीय और कलात्मक कृतियाँ;
(ख) सिनेमा फिल्में; और
(ग) ध्वन्यांकन।
(2) जिन कृतियों पर धारा 40 तथा 41 के प्रावधान लागू होते हैं उन के अलावा उक्त उप धारा (1) में वर्णित कृतियों में कॉपीराइट अवस्थित नहीं होगा जब तक कि वह कृति –
(i) प्रकाशित कृति है तो सर्वप्रथम भारत में प्रकाशित हुई है, और कृति यदि भारत के बाहर प्रकाशित हुई है तो के मामले में प्रकाशन की तिथि पर उस का कृतिकार, या प्रकाशन की तिथि पर कृतिकार जीवित न रहा हो तो उस की मृत्यु की तिथि पर वह भारत का नागरिक हो;
(ii) वास्तुकलात्मक कृति के अलावा एक अप्रकाशित कृति के मामले में कृतिकार कृति के संपन्न होने की तिथि को भारत का नागरिक हो या वह भारत में निवास करता हो; और
(iii) वास्तुकलात्मक कृति के मामले में कृति भारत में स्थित हो।
स्पष्टीकरण – यदि कृति एक संयुक्त कृतित्व है तो इस उपधारा में वर्णित कॉपीराइट के लिए आवश्यक शर्तें सभी कृतिकारों को संतुष्ट करनी होंगी।
(3) कॉपीराइट अवस्थित नहीं होगा –
(क) किसी भी सिनेमा फिल्म में, यदि फिल्म का महत्वपूर्ण अंश किसी अन्य कृति का उल्लघंन है;
(ख) किसी साहित्यिक, नाटकीय या संगीतीय कृति के संबंध में निर्मित ध्वन्यांकन में, यदि ध्वन्यांकन के निर्माण में कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है;
(4) किसी भी सिनेमा फिल्म या ध्वन्यांकन में कॉपीराइ
लाभकारी जानकारी के लिए आभार।अगली पोस्ट की प्रतिक्षा रहेगी।