क्या आरुषि के हत्यारों को सजा होगी?
|अपराधियों को सजा से बचाने वाला सब से बड़ा संगठन?
आप यह सोच सकते हैं कि बहुत शीघ्र ही यह बात कही जा रही है, उस से भी पहले कि अपराध का अन्वेषण पूरा हो।
मैं विगत 30 वर्षों से निचली अदालतों में इस तरह के अपराधों की ट्रॉयल देख रहा हूँ। हमारे देश में पुलिस जितने मामलों में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करती है, उन में से केवल 7 प्रतिशत मामलों में सजा हो पाती है। सजा न हो पाने के अनेक कारण हो सकते है। लेकिन आधे से कहीं बहुत अधिक मामलों में सजा केवल इसलिए नहीं होती कि पुलिस ऐसे सबूत ही एकत्र नहीं करती है जिन से सजा हो सके। वह सबूतों को खुद ही नष्ट कर देती है या उन्हें नष्ट करने का अवसर प्रदान करती है।
नोएड़ा के आरुषि हत्याकांड में जिस तरह से दो दिनों से सब चैनल ढोल बजाए जा रहे हैं, और जो सूचनाएं दर्शकों को परोसी जा रही हैं उन से एक दम स्पष्ट हो गया है कि जो पुलिस अफसर और उनका दल पहले पहल घटना स्थल पर पहुँचा उसी ने अपराध के सबूतों को नष्ट कर दिया।
सांप तो जा चुका है, अब सिर्फ लकीर पीटी जा रही है। हो सकता हे कि अपराधी तक पहुँचा जा सके, हो सकता है कि अपराधी के विरुद्ध अभियोजन भी हो। लेकिन सबूत इस कदर नष्ट किए जा चुके हैं कि उसे किसी भी अदालत में सजा दिया जाना अभी से असंभव प्रतीत होता है।
सबूतों को खुद अपराधी भी नष्ट करता है लेकिन तब वह अपने अपराध को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत भी तैयार कर रहा होता है। लेकिन जब सबूत पुलिस नष्ट करती है तो वह हमेशा ही अपराधी को बचा रही होती है। देश में अपराधियों को सजा से बचाने वाला सब से बड़ा संगठन खुद पुलिस है।
जो बात इस आलेख में कही जानी थी वह कही जा चुकी है। लेकिन एक बात और कि अदालतों में प्रस्तुत किए गए मुकदमों में अपराधियों को सजा मिलने वालों की संख्या जितनी अधिक होगी अपराध की दर उतनी ही कम होगी। सजा होने का प्रतिशत केवल 7 हो और उस की वजह अधिकतर पुलिस या अन्वेषण करने वाली एजेन्सी हो तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि देश में अपराधों में वृद्धि होगी अथवा कमी?
अब आप ही बताएँ, अपराधों की आग को हवा देने का काम हमारी पुलिस कर रही है, या कोई और?
दिनेश जी….काफी हद तक सहमत हूँ आपकी बात से! conviction rate गिरने के बहुत सारे कारणों में से खराब विवेचना एक प्रमुख कारण है लेकिन इसके साथ गवाहों का होस्टाइल होना, फरियादी द्वारा पैसे लेकर राजीनामा कर लेना और न्याय मिलने में देरी होना भी कुछ और कारण हैं!