क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद की अर्जी पेश करें।
|करणसिंह ने सागा, तहसील बुहाना, जिला झुन्झुनू, राजस्थान से पूछा है-
मेरी शादी को 10 साल हो चुके है लगभग शादी के दो साल बाद मुझे पता चला कि मैं पिता बनने में असमर्थ हूँ तो मैंने सभी परिवार वालों को ये बता दिया कि मेरी पत्नी को कोई कुछ न कहे कमी मेरे अंदर है। उस के बाद से मेरे ससुराल वाले मुझे परेशान करने लगे मेरी पत्नी जब तक मेरे साथ होती कुछ नहीं कहती। लेकिन अपने परिवार वालों के पास जाते ही वो भी मुझे टोर्चर करने लगती अब बात यहाँ तक आ पहुची है कि 2 महीने पहले मेरे ससुराल वाले मेरे घर आकर मेरे साथ मारपीट करने की कोशिश की। उसके कुछ दिन बाद मेरे पत्नी अपने घर चली गयी और अब सभी लोग मुझे डराते है मारने की धमकी देते है और सारे परिवार को जेल में डलवाने की बात कहते है। अब मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि मैं क्या करूँ मै 5 साल पहले ये भी कह चुका हूँ कि अगर आप लोग अपनी बेटी की कहीं और शादी करना चाहते हो तो कर सकते हो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। मैं अपने कारण उसकी लाइफ ख़राब नहीं करना चाहता था। लेकिन अब में परेशान हो चुका हूँ और उन लोगों से छुटकारा चाहता हूँ मेरी हेल्प करो और बताओ की मैं क्या करूँ?
समाधान-
आपसी रिश्तों की स्थितियाँ इतनी खराब हो जाने के बाद इस संबंध का बना रहना हमें उचित प्रतीत नहीं होता। सब से महत्वपूर्ण तो यह है कि आप ने अपनी स्थिति को सब के सामने स्वीकार किया। इस का आप की पत्नी और आप के ससुराल वालों को सम्मान करना चाहिए था।
आप की पत्नी का यह व्यवहार क्रूरतापूर्ण व्यवहार की श्रेणी का है। इस के आधार पर आप तलाक की अर्जी प्रस्तुत कर सकते हैं। अर्जी में आप स्वयं कह सकते हैं कि आप संतान पैदा करने में अक्षम हैं और इस तथ्य की जानकारी होने पर पत्नी का व्यवहार बदला और धीरे धीरे क्रूरतापूर्ण हो चला है। साथ जीना संभव नहीं रहा है इस कारण आप को विवाह विच्छेद चाहिए। यह तो है कि आप को अपनी पत्नी को उस के पुनर्विवाह तक भरण पोषण राशि देनी होगी। इस के अतिरिक्त पत्नी के परिवार वाले उलटा आप पर 498ए, 406 की शिकायत भी कर सकते हैं। लेकिन यदि आप बिना किसी विलंब के विवाह विच्छेद की अर्जी प्रस्तुत कर देंगे तो इन समस्याओं का मुकाबला कर सकेंगे। अन्यथा ये आरोप तो आप पर कुछ दिन बाद वैसे भी लगाए जा सकते हैं।
यदि आप की पत्नी को समझ आए तो मामले को राजीनामे के आधार पर भी सुलझा सकती है। राजीनामे की एक कोशिश हर विवाह विच्छेद के प्रकरण में स्वयं न्यायालय द्वारा की जाती है। हो सकता है सारा मामला आपसी सहमति से निपट जाए। पर उस के लिए भी किसी को पहल करनी होगी। आप विवाह विच्छेद की अर्जी न्यायालय में प्रस्तुत कर इस की पहल कर सकते हैं।