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क्रूरता विवाह विच्छेद के लिए एक मजबूत आधार है

 अभि सक्सेना ने पूछा है –

मेरे भाई की शादी को तीन वर्ष हो चुके हैं। मेरी भाभी का रुझान मायके की ओर अधिक है, जिस के कारण गृहस्थी को कर्तव्यपूर्वक नहीं चलाती। आपस में काफी कहा सुनी  भी हो जाती है। पिरवार परामर्श भी हो चुका है। उस के बाद से वो जानबूझ कर कोई काम भी नहीं करती हैं। घर में सिर्फ मेरी माँ ही है। घर का सारा काम माँ को ही करना पड़ता है, भाभी के दो लड़कियाँ छह माह की हैं, उन का काम भी अधिकतर मेरी माँ को ही करना पड़ता है। मेरी माँ अध्यापन भी करती है और उस की उम्र 57 वर्ष की है। माँ और भाई झेलते झेलते बहुत परेशान हो गए हैं। समाज में भी बहुत बदनामी हो चुकी है। आए दिन भाभी और उस के मायके वाले मुकदमा करने की धमकी देते रहते हैं। हम लोग चुपचाप सब सहन कर रहे हैं। घर बिलकुल नर्क बन चुका है। मेरे भाई एक बार आत्महत्या करने की कोशिश भी कर चुके हैं, पर भाभी को कोई फर्क नहीं पड़ा। तीन-चार बार बच्चों को छोड़ कर मायके भी जा चुकी है। मुझे कोई मार्ग बताएँ जिस से कि भाई को तलाक मिल सके। 
 उत्तर –
 अभि जी,
प की भाभी अत्यधिक आत्मकेंद्रित है और उस मे सुधार की कोई संभावना प्रतीत नहीं होती। आप एक तो कानून के भय से चुप हैं, दूसरे यह भावना भी रही होगी कि  भाई का घर न बिगड़े।  लेकिन जिस तरह की परिस्थितियाँ आप ने बताई हैं, उस तरह की परिस्थितियों के अन्य मामले भी मेरे सामने आए हैं। ऐसे मामलों में तलाक ही अंतिम हल निकलता है। 
सारे तथ्यों की जानकारी मेरे पास नहीं है। लेकिन जैसा आप ने बताया है कि आप के भाई एक बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं। वैसी परिस्थिति में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति भी हो सकती है।  आप के द्वारा बताए गए तथ्यों से मुझे ऐसा लगता है कि आप की भाभी का व्यवहार आप के भाई के प्रति क्रूरतापूर्ण है। अपनी संतानों के प्रति भी उसे कोई प्रेम नहीं दिखाई पड़ता है। क्रूरता विवाह विच्छेद का एक मजबूत आधार है। आप के भाई को तलाक के लिए अर्जी दाखिल करने की पहल करनी चाहिए। इस के लिए क्रूरता एक महत्वपूर्ण आधार है। आप वहीं किसी संजीदा वकील से मिलें, जो वास्तविक तथ्यों के आधार पर आप के भाई की ओर से तलाक की अर्जी तैयार कर सके। अपने वकील को सारे तथ्य बताएँ और तलाक की अर्जी दाखिल करवाएँ। क्रूरता  के आधार पर तलाक मंजूर हो जाएगा। 
सी परिस्थिति में भाई की पुत्रियों की कस्टडी का प्रश्न आएगा। यदि आप की भाभी पुत्रियों को आप के यहाँ छोड़ कर अब कभी मायके जाती है तो उसी समय तलाक की अर्जी पेश करें और उस के बाद आप के भाई और परिवार के सदस्य अपने घर में आप की भाभी को शरण न दें। वह अपने मायके में रह कर तलाक की अर्जी पर अपनी प्रतिरक्षा प्रस्तुत करे। इस तरह होगा य

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