खती की भू-संपत्ति में पुत्रियों का क्या हिस्सा है? और वह उन्हें कैसे प्राप्त हो सकता है?
|दो पाठिकाओं ने एक जैसे प्रश्न मेरे पास सलाह के लिए भेजे हैं–
1-मेरे पिता जी की मृत्यु 2004 में हो गई है, हम पाँच भाई बहने हैं दो भाई और तीन बहनें हैं। सभी बहनों की शादी हो चुकी है। मेरे पिता जी ने कोई वसीयत नहीं लिखी है। मेरे पिता जी के गाँव में खेत हैं। मैं जानना चाहती हूँ कि क्या हम बहनों का भी अपने पिता जी की संपत्ति में अधिकार है? अगर अधिकार है तो हम को क्या करना पड़ेगा?
2- मेरे पिता जी की मृत्यु हो चुकी है मेरे दो भाई हैं मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पिता जी की खेती बाड़ी है हम तीन बहनें हैं सभी शादीशुदा हैं क्या हमारे पिता जी की संपत्ति में हम बहनों का भी हक है?
उत्तर —
मुझे लगता है कि एक ही पाठिका ने दो भिन्न भिन्न नामों से यह प्रश्न प्रेषित कर दिया है। मैं कहना चाहता हूँ कि तीसरा खंबा को एक प्रश्न दुबारा प्रेषित करने की आवश्यकता नहीं है। एक बार भेजना ही पर्याप्त है। यदि किसी प्रश्न से संबंधित अन्य विवरण छूट गया हो तो वह प्रेषित किया जा सकता है। लेकिन उसी मेल आईडी से भेजें।
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम में जो अधिकार पुत्र को हैं उतने ही अधिकार पुत्री को भी हैं। यदि आप के पिता की जमीन खेती की है तो। राजस्व रिकार्ड में खेती की जमीन के हर खातेदार कृषक का नाम दर्ज होता है। जब किसी खातेदार कृषक की मृत्यु हो जाती है तो राजस्व रिकार्ड में उस के सभी उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज किए जाते हैं। इसे म्यूटेशन या नामांतरकरण या इंतकाल खोलना कहते हैं। आप को चाहिए कि जिस स्थान में आप के पिता की भूमि स्थित है वहाँ के पटवारी से मिलें और आप के पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करते हुए नामांतरकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत कर दें। आवेदन में बताएँ कि आप के पिता के कौन कौन उत्तराधिकारी हैं। राजस्व विभाग आप के आवेदन की जाँच कर राजस्व रिकार्ड में उस भूमि के खाते में सभी उत्तराधिकारियों के नाम खातेदार कृषक के रूप में दर्ज कर देगा। इस नामांतरकरण से वह भूमि आप सभी उत्तराधिकारियों के नाम संयुक्त रूप से दर्ज हो जाएगी।
यदि आप चाहती हैं कि आप का हिस्सा अलग से आप को मिले तो आप राजस्व न्यायालय में भू-संपत्ति के बंटवारे के लिए वाद प्रस्तुत कर दें। न्यायालय बंटवारा कर प्रत्येक के हिस्से की भूमि निश्चित कर देगा और प्रत्येक हकदार को उस के हिस्से की भूमि पर कब्जा दिलवा देगा। इस के लिए आप किसी भी ऐसे स्थानीय वकील से सलाह और सेवा प्राप्त कर सकती हैं जो राजस्व कानूनों और न्यायालयों का काम करता है।
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11 Comments
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जानकारी अच्छी दी गयी है | इस प्रकार के मामले आजकल बढ़ भी रहे है |
यह नियम कब से लागू है? कोई समय सीमा तो अवश्य होगी। जैसे जिनके पिता की मृत्यु …. दिनांक के बाद हुई उनपर यह नियम लागू होगा। अन्यथा क्या किसी भी उम्र की स्त्री मृतक पिता की भूमि, संपत्ति आदि में अपना हिस्सा माँग सकती है ?
घुघूती बासूती
अच्छी ओर नेक सलाह. धन्यवाद
जानकारी अच्छी दी गयी है | इस प्रकार के मामले आजकल बढ़ भी रहे है |
जनोपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद जी
बहनों की शंका का समाधान हो गया होगा
प्रणाम
अच्छी तरह निरुपित किया है,आभार.
बहुत अच्छी जानकारी । धन्यवाद्
सटीक सलाह
अच्छी जानकारी दी..