खाता बंद हो जाने पर भी चैक अनादरण का मुकदमा चलेगा?
|तीसरा खंबा के नियमित पाठक गिरीश मालवीय ने अपनी समस्या इस तरह रखी है …
मुझे मेरे एक क्लाइंट ने एक चैक दिया है जो बैंक में प्रस्तुत किए जाने पर बाउंस हो गया। कारण के रूप में खाता बंद होना बताया गया है। चैक पर क्रॉस का निशान बना दिया गया है। क्या धारा 138 परक्राम्य अधिनियम के अंतर्गत शिकायत अदालत में प्रस्तुत की जा सकती है?
उत्तर …
गिरीश जी,
जब आप के क्लाइंट ने आप को किसी दायित्व के भुगतान के लिए चैक दिया था तो उस का दायित्व था कि वह चैक की तिथि से चैक के वैध रहने तक अपने खाते को चालू रखता और उस में चैक के भुगतान हेतु पर्याप्त राशि रखता। इस तरह आप के क्लाइंट ने धारा 138 के अंतर्गत अपराध किया है। आप का मुकदमा पूरी तरह से चलने लायक है। बैंक ने चैक को क्रॉस इस लिए कर दिया है कि कहीँ गलती से उस चैक का भुगतान न हो जाए। क्रॉस का निशान इस बात को प्रदर्शित करता है कि यह खाता बंद हो चुका है। धारा 138 का मुकदमा करने के लिए यह आवश्यक है कि आप चैक भुगतान न होने की सूचना बैंक से आप को मिलने की तिथि से 30 दिन में अपने क्लाइंट को लिखित में नोटिस दें और नोटिस मिलने के पन्द्रह दिनों में उस के द्वारा चैक का भुगतान न किए जाने पर अगले 30 दिनों में शिकायत अदालत में दाखिल कर दें। यदि इस में कोई चूक हुई तो आप का दावा धारा 138 के अंतर्गत नहीं चल सकेगा। इस लिए निर्धारित अवधि में सब काम पूरे करें।
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10 Comments
सर मेरे पिता जी ने किसी से 4 साल पहले 90000 रुपये उधार लिए थे उसमे से कुछ रुपया हमने वापस भी किया था पर हमारी आर्थिक हालत तोड़ी कमजोर होने क कारण जब हमने पैसा देना कुछ समय के लिए रोक दिया तो उस व्यक्ति ने झूटा अमाउंट भर क चेक लगा दिया अब मामला कोर्ट में है और मुल्ज़िम बयान तक पहूच गया है । ये बात हमे भी पता है की चेक में भरा गया पैसा हमें देना पड़ेगा लकिन उसने चेक में 350000 रुपया भरा है और हमारे वकील साहब का कहना है की कोर्ट आपको 2 साल तक की सजा और चेक अमाउंट से डबल तक जुर्माना सुना सकता है बेहतर होगा आप उस व्यक्ति से बात कर राजीनामा कर ले | जब हमने उस व्यक्ति से बात की तो वह हमसे केस वापस लेने की एवज में 450000 रुपये देने की मांग करने लगा । सर हमने जितना पैसा लिया था उससे 5 गुना ज्यादा उसने पहले ही चेक में भर दिया है फिर भी हम मज़बूरी क कारन उसे चेक का अमाउंट देने को तैयार है लकिन उसने तो इंसानियत को ही मार दिया । सर अगर हम कोर्ट में 350000 का डिमांडिंग ड्राफ्ट बनवा के दे तब भी क्या हममे जुर्माना दुगने तक ही देना पड़ेगा । अगर कोई रास्ता या कानून में ऐसा कोई क्लोज है तो प्लीज बताये हम बड़ी परेशानी में है । धन्यवाद
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https://teesarakhamba.com/%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%82%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b9-2/
extreme book you take in
aapne apana amuly samay meri jigyasa ko shant karne ke liya diya
mai aapka aabhari hoo
girish malviya
बहुत अच्छी जानकारी दी आप ने.
धन्यवाद
बढिया जानकारी द्विवेदीजी
बहुत काम की जानकारी.
रामराम.
पता नहीं क्यों ,आज टाइपिंग में बहुत गलतिया हो रही है, कृपया ३८ की जगह १३८ पढ़े ! धन्यवाद !
सुन्दर जानकारी द्विवेदी जी, मगर कहना चाहूंगा की निगोसियेब्ल इन्स्ट्रमेंट एक्ट अंडर सेक्सन ३८ अपने कमजोर प्रावधानों की वजह से बहुत अधिक प्रभावी नहीं है, इसलिए इसमें संशोधनों की बहुत गुंजाइश है !
सही सलाह है शुभकामनायें