चरागाह पर बना मकान अतिक्रमण है जिसे हटाया जा सकता है और अतिक्रमी को दंडित किया जा सकता है …
|परमेश्वर माली ने कुरज राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरा मकान चरनोट (चरागाह) की जमीन पर 15 वषों से बना हुआ हैं मेरे इसके सिवाय ओर कोई जमीन नहीं हैं, मेरी माँ ओर में यहाँ कुरज, राजसमंद, राजस्थान में 25 वर्ष से किराये के मकान में रह रहे हैं और मेरी माँ परित्यक्ता हैं। हमें इस मकान का “पट्टा” बनवाना है। हम चार दिवारी करके निवास करना चाहते हैं। चार दिवारी का कार्य शुरु किया था, मगर ग्राम पंचायत में शिकायत होने से रुकवा दिया है। मुझे ग्राम पंचायत से परमिशन लेकर पुनः शुरू करवाना है। तो परमिशन किस प्रकार मिलेगी?
समाधान-
चरनोट या चरागाह की भूमि सरकार की होती है जो किसी गाँव के पशुओं के चरने के लिए सुरक्षित कर दी जाती है। जब तक इस भूमि को चरागाह की भूमि से नजूल या आबादी भूमि में परिवर्तन नहीं हो जाता है तब तक उसे आबादी के उपयोग में नहीं लिया जा सकता है।
आप ने उस पर मकान बना रखा है। इस का सीधा अर्थ है कि आप ने उस भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है जिस के लिए आप के विरुद्ध धारा 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जा सकती है। अतिक्रमण हटाया जा सकता है तथा आप को दंडित भी किया जा सकता है। आप ने यह भी नहीं बताया है कि आप का मकान वहाँ कब से बना है और उस में कोई निवास है अथवा नहीं है।
यदि ग्राम विस्तार के लिए भूमि की आवश्यकता है तो पंचायत के प्रस्ताव पर राज्य सरकार उक्त भूमि को चरागाह से आबादी भूमि में परिवर्तित कर सकती है तथा आप को उचित प्रीमियम जमा कराने पर पट्टे पर दे सकती है। इस के लिए आप को प्राथमिक रूप से ग्राम पंचायत को ही आवेदन करना होगा। बेहतर होगा कि आप राज्य सरकार की किसी योजना की प्रतीक्षा करें और उस योजना में उक्त मकान की भूमि नियमन योग्य होगी तो उस का नियमन किया जा कर आप को पट्टा दिया जा सकता है।
अगर गोचर भूमि पे अतिक्रमण कैसे हटाया जा सकता है और उनके खिलाप विरुद्ध धारा 91 राजस्थान भू राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की कैसे की जा सकती है ??