टेलीकॉम कंपनी द्वारा समय पूर्व सेवा बंद करने की शिकायत उपभोक्ता अदालत को करें
|समस्या-
मैं इंटरनेट के लिए टाटा डोकोमो की ‘फोटोन विज’ सेवा का उपयोग करता हूँ। इसका एक प्लान है जिसका नाम ”होम ज़ोन प्लान 777” है। इस के अंतर्गत 777 रुपये के रिचार्ज पर 90 दिनों तक अपने होम जोन में अनलिमिटेड इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं। यह सुविधा पिछले लग-भग डेढ़-दो साल से मुझे मिल रही है। इधर पिछले एक महीने से मेरा इंटरनेट बराबर काम नहीं कर रहा है, जिसका मैंने कस्टमर केयर में भी पता किया तो कोई सही ज़वाब नहीं दिया गया। मेरे 90 दिनों में से अभी भी 15-20 दिन बाकी थे। मुझे लोकल डिस्ट्रीब्यूटर ने बताया गया कि 777 प्लान बंद कर दिया गया है, इस वज़ह से मेरी इंटरनेट सेवा नहीं चल रही है। जाहिर तौर पर मुझे इससे पैसों का, काम का नुकसान हुआ, मानसिक परेशानी भी हुई। हार कर मुझे नया रिचार्ज 1111 का करवाना पड़ा तब मेरी सेवा शुरू हुई। क्या इसके लिए मैं कोई क्लेम, उपभोक्ता अदालत में उस कंपनी के खिलाफ कर सकता हूँ? कितने दिनों के बाद तक मैं उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकता हूँ?
-अशोक पुनमिया, बाली, राजस्थान
समाधान-
किसी भी सेवा प्रदान करने वाले संस्थान द्वारा योजना के अनुरूप प्रदान की जाने वाली सेवा को समय से पहले बंद कर देना निश्चित रूप से सेवा दोष, सेवा में कमी है। आप इस सेवा दोष के लिए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच के समक्ष अपना परिवाद प्रस्तुत कर सकते हैं। इस परिवाद में आप अपनी क्षतियों और मानसिक परेशानी के लिए हर्जाना मांग सकते हैं।
लेकिन आप के मामले में इस बात का सबूत आप को प्रस्तुत करना पड़ेगा कि आप की सेवा समय पूर्व बंद कर दी गई थी और आप के द्वारा शिकायत कर देने पर भी उसे ठीक नहीं किया गया। आप को यह भी साबित करना पड़ेगा कि आप को कितनी आर्थिक हानि हुई और काम का नुकसान हुआ जिस से मानसिक संताप भी हुआ। बेहतर होगा कि आप कंपनी को एक पत्र रजिस्टर्ड ए.डी. डाक से भेज कर जितना हर्जाना आप आर्थिक हानि, काम के नुकसान और मानसिक संताप के लिए चाहते हैं उस की मांग उन के सामने रखें और यह लिखें कि आप को यह हर्जाना एक निश्चित समय जो एक या दो माह का हो सकता है हर्जाना प्राप्त नहीं हुआ तो आप उपभोक्ता न्यायालय में अपनी शिकायत प्रस्तुत करेंगे जिस के हर्जा-खर्चा भी उन्हें देना पड़ेगा। नोटिस का समय निकल जाने के बाद आप उपभोक्ता न्यायालय में अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं।
किसी भी उपभोक्ता विवाद को जिला मंच, राज्य आयोग अथवा राष्ट्रीय आयोग के समक्ष उस के लिए वाद कारण उत्पन्न होने से दो वर्ष पूर्ण होने तक प्रस्तुत किया जा सकता है। आप के मामले में पिछले माह आप की सेवाएँ बाधित हुई हैं तब आप इस विवाद को सेवाएं बाधित होने की तिथि से दो वर्ष के भीतर जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
maine मैंने टाटा फोटोन का एक डेटा कार्ड ख़रीदा था लेकिन बार बार मांगने पर भी उन्होंने दो महीने के बाद न तो कोई बिल दिया और न ही भेज। अब करीब 2 साल बाद मुझ पर वे अपनी बकाया रकम के लिए अदालत मैं जाने की बात कह रहे हैं।। जबकि मैंने बिल्स के लिए लिखित मैं उनके मुख्य कार्यालय जाकर कई बार शिकायत दर्ज करवा दी थीजिसका कम्प्लेंट नंबर भी मेरे पास है। क्या मुझे बिल मांगने का नियमानुसार अधिकार हैं और है तो कौन से कानून की कौन सी धारा के तहत।। उपभोक्ता कानून इसके लिए क्या कहता है।कृपया समाधान करें।
भाई अशोक जी आपके मामले में द्विवेदी जी द्वारा दी गई जानकारी पूर्ण है मैं केवल आपके पक्ष को मजबूत करने के नाते इतनी सलाह दूँगा कि यदि आपको कस्टमर केयर पर फ़ोन करने की तिथि व बात करने वाले प्रतिनिधि का नाम याद हो तो उसे लीगल नोटिस में जरूर शामिल करें आमतौर पर कस्टमर केयर ऐसी शिकायतों पर एक डाकेट नम्बर देता है जिसे शिकायत दर्ज कराते समय उपभोक्ता को अवश्य नोट कर लेना चाहिए. ट्राई के नियमानुसार आप कालडिटैल्स भी ले सकते हैं जिससे साबित होगा कि आपने कस्टमर केयर से बात की है, इसके अलावा टेलीकाम कम्पनियाँ ग्राहक से बातचीत की रिकार्डिग भी रखती हैं यहाँ ग्राहकों को एक सलाह और दूँगा कि ऐसी समस्या आने पर कस्टमर केयर से डाकेट नम्बर जरूर लें और एक मेल तत्काल कम्पनी के नोडल आफ़िसर को लिखें ताकि समाधान न होने पर आप को साक्ष्य प्रस्तुत करने में परेशानी न हो.
अब जानकारी हे उपभोक्ता अदालत की तो केस पढने में व् समझने में आता है ! पर एक बात हे की हर व्यक्ति तक जानकारी पहुचे इसका बजट पास होता है इसका मतलब यही है न की एन जी ओ बजट खा रहे हे और जानकारी लोगो तक नहीं पंहुचा रहे.
आप ने सही कहा है। एनजीओ में से अधिकांशतः ठेकेदारों की तरह काम करते हैं। उन का बस चले तो सारी राशि ही दबा जाएँ, कुछ न करें।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.टेलीकॉम कंपनी द्वारा समय पूर्व सेवा बंद करने की शिकायत उपभोक्ता अदालत को करें