दत्तक देने वाला पिता दत्तक की संपत्ति प्राप्त नहीं कर सकता
|कृष्णकुमार जी,
दत्तक ग्रहण के बारे में इस तीसरा खंबा पर पहले दस पोस्टें लिखी जा चुकी हैं, उन्हें यहाँ क्लिक कर के अवश्य पढ़ लें। आप की अधिकांश शंकाओं का समाधान हो जाएगा। इन में भी वैध दत्तक ग्रहण क्या है? उसे कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? को अवश्य पढ़ लें। इस में आप के पहले दो प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा।
आप ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि आप किस संपत्ति की बात कर रहे हैं? आप की फूफाजी की संपत्ति की अथवा उस संपत्ति की जिस में दत्तक न होने के कारण आप का हिस्सा होता।
दत्तक ग्रहण करने वाले बालक को जो संपत्ति दत्तक ग्रहण के पहले प्राप्त हो चुकी है, वह दत्तक ग्रहण होने के बाद भी उसी की रहती है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी बालक के नाम अपनी संपत्ति वसीयत कर दे अथवा परिवार की संयुक्त संपत्ति में बालक का हिस्सा निश्चित हो चुका हो और उस के बाद वह बालक दत्तक दे दिया जाए, तो भी वह संपत्ति उसी की रहेगी।
यदि आप अपने फूफा जी की संपत्ति की बात कर रहे हैं तो आप उन के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारी हैं। उन के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारियों अर्थात् आप, आप की बुआ और फूफाजी की संतान यदि कोई हो, तो उन सब की संख्या के बराबर उन की संपत्ति के बाराबर के हिस्से होंगे। जिन में से एक हिस्से के अधिकारी आप होंगे। यदि फूफाजी के कोई और संतान नहीं है तथा आप की बुआ उन के देहान्त के समय जीवित थीं तो संपत्ति के दो समान हिस्से होंगे, जिन में एक हिस्सा आप का है। यदि बुआ का देहान्त फूफा जी के पहले हो चुका है तो सारी संपत्ति के स्वामी आप ही हैं। आप के पिता और दोनों भाइयों का उस में कोई हिस्सा नहीं है। वैसे भी जिस ने अपना पुत्र किसी को दत्तक दिया हो वह उस व्यक्ति की संपत्ति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
आप को यह करना चाहिए कि कृषि भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में नामान्तरण दर्ज करवा कर आप को अपना नाम उस संपत्ति के स्वामी के रूप में दर्ज कराना चाहिए और आबादी संपत्ति के संबंध में भी जिस विभाग (ग्राम पंचायत/नगरपालिका/विकास न्यास आदि) में उस का रिकॉर्ड हो वहाँ भी नामान्तरण दर्ज करवा कर आप को अपना नाम उस संपत्ति के
सम्पति स्वयं अर्जित है। पेतृक नही है।
मेरे बहनोई के पास गोद नामा नही है।
बतोर बल्जियत दत्तक पुत्र रजिस्ट्री और सारे प्रमाण पत्र है।
इस संपत्ति पर कानून अधिकार किसका है। मेरे बहनोई का या उनके चाचा का।
उनके चाचा का अब उनके दत्तक माता पिता की मृतु के बाद कहना ये है की उनके भाई ने मेरे बहनोई को नोकर रखा था बचपन से लोग हँसी मज़ाक में दत्तक पुत्र कहते हैं।
वैध दत्तक ग्रहण क्या है? उसे कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? मेरे बहनोई को ३० साल ५ साल की उम्र में दत्तक ग्रहण करने वाले माता पिता कहीं से लाए थे।क्योंकि उनके खुद कोई संतान पैदा नही हुई। बहनोई के ३० साल पहले के अतीत के बारे में उनके दत्तक ग्रहण करण वाले माता पिता के आलावा किसी को कोई जानकारी नहीं है।अब दत्तक ग्रहण करने वाले माता पिता की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने अपनी खेती की रजिस्ट्री अपने जीवित समय में १५ साल पहले हमारे कहने पर हमारी बहिनबहनोई की शादी पर बहनोई के नाम कर दी थी।और शादी के ७ साल बाद रजिस्ट्री की दाखिल ख़ारिज भी हो गयी थी । बची संपत्ति मरने से कुछ दिन पूर्व मेरी बहिन के नाम पंजीकृत वसीयत कर गए। मेरा सवाल ये है की क्या खेत की रजिस्ट्री और वसीयत कानूनन वैध है।
और क्या दत्तक ग्रहण करने वाले माता पिता का सागा भाई (मेरे बहनोई का चाचा) अपने भाई को अनपढ़ बताकर वसीयत और राजिस्टिरि को निरस्त करवा सकता है। कृपया बताएं
इस बहाने बढ़िया क़ानूनी जानकारी मिल रही है |