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दत्तक देने वाला पिता दत्तक की संपत्ति प्राप्त नहीं कर सकता

 कृष्ण कुमार ने पूछा है –
वैध दत्तक ग्रहण क्या है? उसे कैसे प्रमाणित किया जा सकता है?  मुझे 12  जनवरी 1965  को गोद दे दिया था।  दत्तक ग्रहण करने वाले व्यक्ति  मेरे पिता के फूफा जी थे। अब उनकी मृत्यु हो चुकी है।  गोद देते समय सादे कागज पर  पंचायत द्वारा लिखा पढ़ी की थी,  उस वक़्त की फोटो भी बनवाई गई है।  अब मेरे  पिता व  मेरे  दो भाई  पूरी जमीन पर कब्जा जमाना चाहते हैं । अब मेरे  पिता व  मेरे दो भाइयों  की नीति समझ से बाहर है, समझ नहीं आता कि वे क्या चाहते हैं? अब मुझे यह बताएँ कि मुझे उस का हक मिलेगा या नहीं ? और उस का हक कैसे मिल सकता है?

 उत्तर –

कृष्णकुमार जी,

त्तक ग्रहण के बारे में इस तीसरा खंबा पर पहले दस पोस्टें लिखी जा चुकी हैं, उन्हें यहाँ क्लिक कर के अवश्य पढ़ लें। आप की अधिकांश शंकाओं का समाधान हो जाएगा। इन में भी वैध दत्तक ग्रहण क्या है? उसे कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? को अवश्य पढ़ लें। इस में आप के पहले दो प्रश्नों का उत्तर मिल जाएगा।

प ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि आप किस संपत्ति की बात कर रहे हैं? आप की फूफाजी की संपत्ति की अथवा उस संपत्ति की जिस में दत्तक न होने के कारण आप का हिस्सा होता।

त्तक ग्रहण करने वाले बालक को जो संपत्ति दत्तक ग्रहण के पहले प्राप्त हो चुकी है, वह दत्तक ग्रहण होने के बाद भी उसी की रहती है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति किसी बालक के नाम अपनी संपत्ति वसीयत कर दे अथवा परिवार की संयुक्त संपत्ति में बालक का हिस्सा निश्चित हो चुका हो और उस के बाद वह बालक दत्तक दे दिया जाए, तो भी वह संपत्ति उसी की रहेगी।

दि आप अपने फूफा जी की संपत्ति की बात कर रहे हैं तो आप उन के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारी हैं। उन के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारियों अर्थात् आप, आप की बुआ और फूफाजी की संतान यदि कोई हो, तो उन सब की संख्या के बराबर उन की संपत्ति के बाराबर के हिस्से होंगे। जिन में से एक हिस्से के अधिकारी आप होंगे। यदि फूफाजी के कोई और संतान नहीं है तथा आप की बुआ उन के देहान्त के समय जीवित थीं तो संपत्ति के दो समान हिस्से होंगे, जिन में एक हिस्सा आप का है। यदि बुआ का देहान्त फूफा जी के पहले हो चुका है तो सारी संपत्ति के स्वामी आप ही हैं। आप के पिता और दोनों भाइयों का उस में कोई हिस्सा नहीं है। वैसे भी जिस ने अपना पुत्र किसी को दत्तक दिया हो वह उस व्यक्ति की संपत्ति प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।

प को यह करना चाहिए कि कृषि भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में नामान्तरण दर्ज करवा कर आप को अपना नाम उस संपत्ति के स्वामी के रूप में दर्ज कराना चाहिए और आबादी संपत्ति के संबंध में भी जिस विभाग (ग्राम पंचायत/नगरपालिका/विकास न्यास आदि) में उस का रिकॉर्ड  हो वहाँ भी नामान्तरण दर्ज करवा कर आप को अपना नाम उस संपत्ति के

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