दस्तावेजों में गलती को दोहराए जाने के पहले ही, तुरन्त दुरुस्त कराएँ।
|वासुदेव रूणवाल ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पाल रोड, जोधपुर राजस्थान से पूछा है-
मेरा पुत्र वर्तमान में M.A उत्तीर्ण हो चुका है। उसके द्वारा सैकण्डरी परीक्षा का आवेदन पत्र जो वर्ष 2004 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर को प्रस्तुत किया जिसमेंमाता का नाम ”श्रीमती कविता रूणवाल” (उक्त नाम घर में बोलचाल का है)अंकित कर दिया, जबकि माता का वास्तविक नाम श्रीमती कौशल्या रूणवाल है जो किराशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आई डी कार्ड में अंकित है। मेरी दोनोपुत्रियों के शेक्षणिक योग्यता के दस्तावेजों में माता का वास्तविक नाम “श्रीमती कौशल्या रूणवाल” ही अंकित है। इस प्रकार पुत्र के दस्तावेजो मेंएक बार उक्त गलत नाम अंकित हुआ जिसका समय पर संशोधन नहीं होने के कारण उक्तनाम अग्रेतर परीक्षा फार्म में भी अंकित करना पडा। अत: आप यह मार्गदर्शनकरावें कि उक्त गलत नाम का संशोधन नियमानुसार किस प्रक्रिया द्वारा किया जासकता है। साथ में यह भी बतावें कि उक्त गलत नाम के अंकित हो जाने से मेरेपुत्र के सम्पत्ति इत्यादि के मामले में कोई कठिनाई तो नहीं होगी?
समाधान-
आप के पुत्र की राजस्थान बोर्ड की मार्क्सशीट में नाम गलत हुआ और बाद में भी वह गलत होता चला गया। आप को उसी समय ध्यान देना चाहिए था। आप ने इसे हलके में लिया और गलत होता चला गया। होना तो यह चाहिए कि पहली बार हुई गलती का पता लगाते ही तुरन्त उसे संशोधित कराने के लिए कार्यवाही करनी चाहिए। तब उसे संशोधित कराना आसान होता है और बाद में गलतियाँ नहीं होतीं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की खुद की नियमावली है जिस के अनुसार दस्तावेजों में छात्र का, उस की माता या पिता का नाम गलत हो जाने पर संशोधन कराया जा सकता है। जिस में कोई समय सीमा भी नहीं है। आप राजस्थान बोर्ड में आवेदन करें और आवश्यक शुल्क जमा करवा कर संशोधन करवा लें।
यदि आप इसे पहली गलती के समय ठीक करवा लेते तो आगे गलती नहीं होती। अब आप को जितने भी दस्तावेजों में गलती हुई है वह दुरुस्त करवानी पडेगी और फिर उन की डुप्लीकेट प्रतियाँ प्राप्त करनी होंगी।
शैक्षिक प्रमाण पत्रों में माता का नाम गलत होने से संपत्ति के मामलों में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी। पर जहाँ भी इस तरह का प्रमाण पत्र नजर में आएगा उस का स्पष्टीकरण देना होगा।