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स्वामित्व के दस्तावेज खो जाएँ तो उपपंजीयक कार्यालय के रिकार्ड से प्रमाणित प्रति प्राप्त की जा सकती है।

Farm & house
समस्या-
वसुन्धरा ने दिल्ली से पूछा है –

मेरे दादा जी ने एक प्लॉट पंजाबी बाग में 20 साल पहले लिया था। जिस की निगरानी के लिए एक वॉचमेन रखा था। मेरे दादा जी अब नहीं रहे। जिस वॉचमेन को मेरे दादा जी ने प्लॉट की रखवाली के लिए रखा था उस ने उस प्लॉट पर क़ब्ज़ा कर लिया है और हमारे पास उस प्लॉट के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं, क्योंकि मेरे दादा जी ने उन्हें कहाँ रखा है इस की को कोई जानकारी हमें नही है। क्या वह प्लॉट हमें किसी तरह वापिस मिल सकता है। वह वॉचमेन वहाँ 20 साल से रह रहा है। हम क्या कर सकते हैं?

समाधान-

किसी भी चल संपत्ति पर स्वामित्व का प्राथमिक सबूत उस पर किसी व्यक्ति का कब्जा है। उस के उपरान्त यदि संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज हैं तो उन से यह साबित किया जा सकता है कि जिस व्यक्ति के नाम वे दस्तावेज हैं, संपत्ति उस के स्वामित्व की है। आप की समस्या यह है कि आप के पास उस संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं, हैं तो वे मिल नहीं रहे हैं। दूसरी समस्या ये है कि उस पर ऐसे व्यक्ति का कब्जा है जिसे आप के दादा जी ने रखवाली के लिए वहाँ रखा था। अब यदि आप उस से कब्जा लेना चाहें तो आप को न्यायालय में कब्जे का दावा करना पड़ेगा। जहाँ आप को यह साबित करना होगा कि वह संपत्ति आप के स्वामित्व की है और वह व्यक्ति एक चौकीदार की हैसियत से काम करता था। इसे साबित करने के लिए आप के पास इस बात का कोई दस्तावेजी साक्ष्य होना चाहिए कि वह व्यक्ति सिर्फ आप के दादा जी का कर्मचारी था। तब आप ये साबित कर सकते हैं कि एक कर्मचारी होते हुए भी उस ने आप की संपत्ति पर कब्जा कर के अमानत में खयानत की है। यदि आप ये करने में समर्थ हो जाएँ तो आप उस व्यक्ति के विरुद्ध अमानत में खयानत का अपराधिक मुकदमा भी चला सकते हैं।

लेकिन सब से पहले आप को चाहिए कि आप ऐसे दस्तावेज हासिल करने का प्रयत्न करें जिस से आप स्वयं को उस संपत्ति का स्वामी प्रमाणित कर सकें। यदि आपके दादा जी ने उक्त संपत्ति को खरीदा है तो निश्चित रूप से उस संपत्ति का विक्रय पत्र आप के दादा जी के नाम से निष्पादित किया गया होगा और उपपंजीयक के कार्यालय में उस का पंजीयन भी हुआ होगा। आप को खरीदने का वर्ष, माह और तिथि पता हो तो उपपंजीयक के उन दिनों के रिकार्ड को तलाश कर विक्रय पत्र की प्रमाणित प्रति प्राप्त की जा सकती है। यदि आप इस में सफल हो सकें तो आगे कार्यवाही करना संभव हो सकता है। अन्यथा यह संपत्ति तो आप खो ही बैठे हैं।

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