दायित्व निर्वाह में भुगतान के लिए प्राप्त हुआ चैक बाउंस हो जाने पर क्या करें?
समस्या-
अनिल कुमार ने नागदा, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैंने एक इंदौर के दुकानदार को ऑनलाइन पेमेंट किया, फिंगर प्रिंट डिवाइस के लिए रू=२३००/-। लेकिन उस दुकानदार ने वो सामान मुझे नहीं भेजा और लगभग 1 माह बीत जाने के बाद उसने मुझे उतनी ही राशी का एक चेक दिया, /जो की बाउंस हो गया और मेरे खाते से लगभग २०० रू कटे बैक चार्ज के रूप में। अब मैं उस दुकानदार पर क्या कार्यवाही कर सकता हूँ?
समाधान-
यदि चैक बाउंस हुए 30 दिन नहीं हुए हैं तो चैक बाउंस होने की तिथि से 30 दिनों में एक नोटिस दुकानदार को रजिस्टर्ड एडी डाक से भेजें कि वह नोटिस मिलने से 15 दिन में चैक की रकम, बैंक द्वारा काटे गए चार्ज और हर्जाने की राशि ( जो भी आप खुद तय करें) सहित नकद आप को भुगतान कर के रसीद प्राप्त कर ले अन्यथा आप धारा 138 परक्राम्य अधिनियम में परिवाद दाखिल करेंगे। यदि चैक बाउंस होने की सूचना मिले 30 दिन से अधिक हो गए हों और चैक पर दर्ज तारीख को तीन माह न हुए हों तो चैक को दुबारा बैंक में प्रस्तुत करें। यदि फिर भी चैक बाउंस हो जाए तो यही सब करें।
यदि वह यह राशि दे दे तो ठीक वर्ना नोटिस देने के 45 दिनों के भीतर अपना परिवाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दें। इस परिवाद मे न्यायालय आप को चैक की रकम के साथ साथ उतनी ही राशि हर्जाने के रूप में दिला सकती है और उस दुकानदार को कारावास की सजा भी दे सकती है। यदि चैक पर दर्ज तारीख पुरानी होने से दुबारा बैंक में प्रस्तुत न किया जा सकता हो तो धारा 420 के अंतर्गत धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस थाने में कर सकते ैहैं, कार्रवाई न होने पर एसपी को शिकायत करें और फिर भी कार्यवाही न होने पर इस धारा के अंतर्गत परिवाद प्रस्तुत किया जा सकता है।