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दुकान खाली कराने के लिए न्यायालय में वाद करना ही एक मात्र उपाय है।

Shopsसमस्या-
वाराणसी, उत्तरप्रदेश से जितेन्द्र गुप्ता ने पूछा है-

ज से 12 साल पहले मेरे पिता जी ने एक ग़रीब धोबिन विधवा महिला को उसके रोज़ी रोज़गार हेतु एक दुकान किराए पर दी थी। जिस में उस महिला ने 400 रु. प्रतिमाह की दर से देना आरंभ किया और उन दिनों उस की लिखा पढ़ी नही की गयी और न ही रसीद दी या ली गई। यह भी तय हुआ कि 10% सालाना किराया बढ़ेगा।  इस तरह से धीरे धीरे उस महिला ने हमारे घर से सटी दुकान में जो हमने केवल रोज़ी रोज़गार के लिए दी थी उसी में रहने लगी। वह दुकान बहुत छोटी है केवल 20×8 फुट की इस दुकान में धीरे धीरे उसने अश्लील/ गंदी हरकत करनी शुरू कर दी और रोज रात को शराब पी कर उस ने हमारे पिताजी और माँ और अगल बगल के लोगों को गाली देना शुरू कर दिया। ये उसका रोज का काम हो गया। उस की इस गंदी हरकत और गाली गलौज से कोई भी सभ्य परिवार उस के मुहँ नहीं लगता और उसे अनदेखा कर चला जाता है। धीरे धीरे 5-6 साल बीतने पर जब हमारे पिता जी ने उसे दुकान खाली करने को कहा तो उसने 5,00,000/ की मांग करने लगी और धमकी देते हुए गाली गलौच करने लगी। तब दिन से हम ने उससे किराया लेना बंद कर दिया और वो धोबिन महिला किसी वकील से संपर्क कर कोर्ट में 600/- प्रतिमाह के हिसाब से कोर्ट में जमा कराने लगी। 1-2 साल तक कोर्ट में किराया जमा कराने के बाद उस ने कोर्ट में जमा करना छोड़ दिया। तब से आज तक यानी करीब 6-7 साल तक का किराया उस का बाकी है और वो भी करीब 15000 से 18000 के बीच में है। हमारे पिता जी ने अभी उस की जमा राशि निकालने के लिए कोर्ट में आवेदन कर दिया है। हमारी सब से बड़ी परेशानी यह है कि उस की इस गंदी हरकत और गाली गलौच से हम तंग हो चुके है। ना ही ठीक से पढ़ाई हो पाति है। और ना ही किसी गेस्ट का आना जाना। हम उसे धोबिन महिला को अपने दुकान से खाली करना चाहते हैं। कृपया कोई उपाय बताइए। मैं ने कई बार सोचा की उस मोहल्ले में लोगो से सिग्नेचर लेकर वाराणसी के महिला थाना और स्थानीय पुलिस चौकी में दे दूँ। लेकिन कोई इस केस मे पड़ना ही नहीं चाहता। फिर मैं ने सोचा कि उसकी गाली गलौज की एक्टिविटी अपने मोबाइल के वीडियो कैमेरे में रेकॉर्ड कर महिला थाना और लोकल पुलिस स्टेशन में दे दूँ। लेकिन क्या इससे वो दुकान खाली हो सकती है। ऐसा करना मेरे लिए सही है या नहीं कृपया रास्ता सुझाइये।

समाधान-

प के पिता जी ने उस महिला को दुकान किराए पर दी है। दुकान वाराणसी के नगरीय क्षेत्र में है इस कारण से दुकान या तो वह अपनी इच्छा से खाली कर सकती है या फिर न्यायालय के निर्णय और डिक्री से। न्यायालय की डिक्री के लिए आप को न्यायालय में उस से दुकान खाली कराने का मुकदमा करना पड़ेगा। दुकान को खाली कराने का मुकदमा करने के लिए कोई कानूनी कारण आप के पास उपलब्ध होना चाहिए। अभी आप की शिकायत से दो कारण नजर आते हैं कि उस का किराया बकाया है और वह न्यूसेंस पैदा करती है। एक आधार और हो सकता है कि उक्त दुकान की आप के पिता को अपने स्वयं की अथवा परिवार के किसी सदस्य की निजी व सद्भावी उपयोग के लिए आवश्यकता है। आप के पिता को चाहिए कि वे वाराणसी में किरायेदारी के मुकदमे लड़ने वाले किसी अच्छे वकील से संपर्क करें और उस महिला को मकान खाली करने का नोटिस दिलाएँ तथा उक्त तीनों आधारों व यदि वह वकील और भी कुछ आधार सुझाए तो उन आधारों पर उस के विरुद्ध दुकान खाली करने का वाद प्रस्तुत कराएँ। यह काम जितनी जल्दी होगा उतना ही उचित है।  दुकान खाली कराने का और कोई मार्ग नहीं है।

दि वह महिला न्यूसेंस करती है तो इस मामले में स्थानीय पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। महिला थाना केवल महिलाओं द्वारा रपट दर्ज कराने वाले मामलों के लिए है। न्यूसेंस को हटाने के लिए धारा 133 दंड प्रक्रिया संहिता में उपजिला मजिस्ट्रेट या सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में कार्यवाही सीधे भी की जा सकती है।

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