नाबालिग लड़की को भगाकर शादी करना सजा को न्यौता देना है।
|कृष्ण कुमार जी ने बहुत ही विचित्र प्रश्न तीसरा खंबा के सामने रखा है। प्रश्न काल्पनिक या भविष्य में होने वाली संभावना को ले कर किया गया है। लेकिन समाज में इस तरह के बहुत मामले सामने आ रहे हैं। प्रश्न इस प्रकार है …
अगर कोई युवक किसी नाबालिग लड़की से प्यार करता हो और वह लड़की भी उसे प्यार करती हो, दोनों घर छोड़ कर भाग जाएँ और विवाह कर लें। उस के बाद परिवार वाले उन्हें पकड़ लें और लड़के पर बलात्कार और अपहरण का मुकदमा कर दें। लड़की भी युवक के खिलाफ बयान दे दे। ऐसी स्थिति में यह बताएँ कि लड़के के पास बचाव का क्या उपाय है?
उत्तर-
कृष्ण कुमार जी,
संयोग कहें या दुःसंयोग कि ठीक ऐसे ही मुकदमे में कुछ बरस पहले मैं एक युवक की पैरवी कर चुका हूँ। लड़के व उस के मौसा व मौसी को जिन्हों ने विवाह कराने में मदद की थी अभियुक्त बनाया गया था। मौसी और मौसा की जमानत हो गई थी लेकिन युवक को मुकदमे की सुनवाई के दौरान जेल में ही रहना पड़ा था। मुकदमा करीब दस महिने चला। आखिर तीनों निर्दोष साबित हुए। युवक छूट गया।
लेकिन मेरा यह मुकदमा आप के प्रश्न से इस मायने में भिन्न था कि यह मुकदमा लड़की को नाबालिग मान कर दर्ज किया गया था और मुकदमे के दौरान यह साबित हो गया था कि लड़की बालिग थी और वह अपनी स्वेच्छा से युवक के साथ गई थी। हालांकि यह प्रमाणित नहीं हो पाया कि उन दोनों की शादी हो गई थी।
आप के प्रश्न में लड़की नाबालिग है। नाबालिग लड़की को यह तय करने का अधिकार नहीं कि वह किस के साथ रहेगी या न रहेगी। ऐसी अवस्था में उस की सहमति हो तो भी वह वैध नहीं है। ऐसी अवस्था में किया गया विवाह भी जबरन किया गया बाल विवाह होगा। जब कि लड़की खुद युवक के विरुद्ध बयान दे रही है। लड़के के विरुद्ध अपहरण (धारा-366) और (धारा-376) दोनों ही अपराध तो साबित होंगे ही बाल-विवाह का अपराध साथ में और साबित होगा। युवक की न केवल जमानत नहीं होगी अपितु वह दस वर्ष तक की कैद के दंड से दंडित किया जा सकता है। यदि लड़की की आयु 16 वर्ष से कम हुई तो उस के साथ सहवास होना ही बलात्कार को साबित करना पर्याप्त होगा। आप के प्रश्न में उपस्थित मामले में सजा से बचाव का कोई उपाय नहीं है।
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9 Comments
प्रश्न है कि प्रेम में शारीरिक सम्बन्धों से पहले आयु प्रमाण पत्र तो देखा नहीं जाता
बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्
बिल्कुल सौ टका सच बात है द्विवेदी जी…और आज समाज में बहुत से मामले ..लगभग रोज़ ही ऐसे मुकदमे देखने सुनने को मिल जाते हैं
ताउजी से सहमत
लड़का नाबालिग हो तो भी अपराधी होगा और उस पर बच्चों के लिए कानून के मुताबिक बाल न्यायालय में मुकदमा चलेगा। उसे उस के सुधार के लिए उपाय करने की सजा दी जाएगी।
अगर लडका भी नाबालिग हो तो?आप ने अच्छी राय दी
वैसे ऐसे लोगों के लिये सजा से बचने का कोई उपाय होना भी नही चाहिये.
रामराम.
@पी.सी.गोदियाल
गोदियाल जी, आप काहे डरते हैं? आप ऐसा थोड़े ही करने जा रहे हैं?
"नाबालिग लड़की को भगाकर शादी करना सजा को न्यौता देना है।"
Hmmm,लगता है इन वकील लोगो के पास भी आजकल कोई काम नहीं , खामखा लोगो को डरा रहे है 🙂