निर्वाचन अपराधों केलिए दण्ड (4)
|हम पिछली तीन कडि़यों में भा.दं.सं. की धारा 171ख, 171ग और 171घ में वर्णित तीन प्रकार के निर्वाचन अपराधों के बारे में जान चुके हैं कि क्या क्या कृत्य निर्वाचन अपराध हो सकते हैं। अब हम जानेंगे कि न्यायालय के समक्ष ये अपराध साबित हो जाने पर अभियुक्त को क्या क्या दंड दिए जा सकते हैं।
धारा 171 ङ रिश्वत के लिए दंड
-जो कोई रिश्वत का अपराध करेगा, वह दोनो में से किसी एक प्रकार के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
परन्तु सत्कार के रुप में रिश्वत केवल जुर्माने से ही दण्डित की जाएगी।
स्पष्टीकरण- “सत्कार” से रिश्वत का वह रूप अभिप्रेत है जो परितोषण खाद्य, पेय, मनोरंजन या रसद के रुप में है।
Section 171E. Punishment for bribery
Whoever commits the offence of bribery shall be punished with imprisonment of either description for a term which may be extend to one year, or with fine, or with both:
Provided that bribery by treating shall be punished with fine only.
Explanation-“Treating” means that form of bribery where the gratification consists in food, drink, entertainment, or provision.
धारा 171च. निर्वाचनों में अनुचित प्रभाव डालने या प्रतिरूपण के लिए दण्ड-
जो कोई किसी निर्वाचन में अनुचित प्रभाव डालने या प्रतिरूपण का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी एक प्रकार के कारावास से जिस की अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुरमाने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
Whoever commits the offence of undue influence of personation at an election shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year or with fine, or with both.
धारा 171छ. निर्वाचन के संबंध में मिथ्या कथन-
जो कोई निर्वाचन के परिणाम पर प्रभाव डालने के आशय से किसी अभ्यर्थी के वैयक्तिक शील या आचरण के सम्बन्ध में तथ्य का कथन तात्पर्यित होने वाला कोई ऐसा कथन करेगा या प्रकाशित करेगा, जो मिथ्या है, और जिस का मिथ्या होना वह जानता या विश्वास करता है अथवा जिस के सत्य होने का वह विश्वास नहीं करता है वह जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
Section 171G. False statement in connection with an election
Whoever with intent to affect the result of an election makes or publishes any statement purporting to be a statement of fact which is false and which he either knows or believes to be false or does not believe to be true, in relation to the personal character or conduct of any candidate shall be punished with fine.
धारा 171ज. निर्वाचन के सिलसिले में अवैध संदाय-
जो कोई किसी अभयर्ती के साधारण या विशेष लिखित प्राधिकार के बिना ऐसे अभ्यर्थी का निर्वाचन अग्रसर करने या निर्वाचन करा देने के लिए कोई सार्वजनिक सभा करने में या किसी विज्ञापन, परिपत्र या प्रकाशन पर या किसी भी अन्य ढंग से व्यय करेगा या करना प्राधिकृत करेगा, वह जुर्माने से, जो पाँच सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।
परन्तु यदि कोई व्यक्ति, जिस ने प्राधिकार के बिना कोई ऐसे व्यय किए हों, जो कुल मिला कर दस रुपए से अधिक के न हों, उस तारीख से जिस तारीख को ऐसे व्यय किये गए हों, दस दिन के भीतर उस अभ्यर्थी का लिखित अनुमोदन अभिप्राप्त कर ले, तो यह समझा जाएगा कि उस ने ऐसे व्यय उस अभ्यर्थी के प्राधिकार से किए हैं।
five hundred rupees:
Provided that if any person having incurred any such expenses not exceeding the amount of ten rupees without authority obtains within ten days from the date on which such expenses were incurred the approval in writing of the candidate, he shall be deemed to have incurred such expenses with the authority of the candidate.
धारा 171झ.निर्वाचन लेखा रखने मे असफलता-
जो कोई किसी तत्समय प्रवृत्त विधि दावारा या विधि का बल रखने वाले किसी नियम द्वारा इस के लिए अपेक्षित होते हुए कि वह निर्वाचन मे या निर्वाचन के सम्बन्ध में किए गए व्ययों का लेखा रखे, ऐसा लेखा रखने में असफल रहेगा, वह जुर्माने से, जो पाँच सौ रुपये तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।
Section 171I. Failure to keep election accounts
Whoever being required by any law for the time being in force or any rule having the force of law to keep accounts of expenses incurred at or in connection with an election fails to keep such accounts shall be punished with fine which may extend to five hundred rupees.
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दिनेश जी, नमस्कार
काफ़ी दिनों से मेरे जेहन में एक बात कौंध रही है कि क्या” भारत के प्रधानमंत्री भी सूचना के अधिकार” के कानून के दायरे में आते हैं?
इस बारे में अगर् आप मुझे हिन्दी में मेल कर दें तो बेहतर अन्यथा कोई पोस्ट भी लिख दें तो बहुत ही उचित होगा.
मेरा ई-मेल है
tirupati.balaji@hotmail.com
जन साधारण के जानने लायक बहुत ही सुंदर और जरुरी जानकारिया दी हैं आपने. धन्यवाद.
रामराम.
आपकी निर्वाचन संबंधी सभी पोस्ट अब तो संग्रहणीय हो चलीं हैं .
इस विषय पर लिखी आपकी पूरी श्रृंखला को पुस्तिका के रूप में प्रकाशित करने पर विचार किया जाना चाहिए। लोगों को अत्यधिक सहायक होगी ऐसी पुस्तिका।