पतिगृह में रहते हुए भी भरण-पोषण मांगा जा सकता है और निवास का स्थान भी
| हरियाणा से अमन जी पूछती हैं – – –
मेरी शादी को दो हुए हैं, हमने प्रेम विवाह किया था। लेकिन शादी से मेरी सास प्रसन्न नहीं है और बात-बात पर ताना देती रहती है। मैं एक प्रोफेशनल महिला हूँ, पर मेरा वेतन कम है। शुरू में तो मेरा पूरा वेतन मेरी सास ले लेती थी। पर अब दो माह से मैं ने देना बंद कर दिया है क्यों कि मुझे कुछ नहीं मिलता था। मेरे पति मुझ से झूठ बोलते हैं और कोई बात नहीं बताते। अभी चार माह पहले ये कनाडा गए थे मुझे झूठ बोला कि कम्पनी के माध्यम से जा रहा हूँ पर ऐजेंट के माध्यम से छात्र वीजा ले कर तीन साल के लिए गए थे और पासपोर्ट में खुद को अविवाहित बताया था। इन सब बातों का मुझे इन के लौट आने पर पता लगा। मैं ने इन सब बातों के बारे में मैं ने अपने पति से पूछा तो साफ मना कर दिया। ये ऐसे ही करते हैं झूठ बोलते हैं और फिर मुकर जाते हैं। मुझे दो साल में आज तक इन्हों ने कोई पैसा नहीं दिया बल्कि लेते ही रहे हैं। मेरा सारा सोना जो मेरे शादी के समय मिला था वह मेरी सास ने बेच दिया है। ये लोग वित्तीय रूप से अच्छे हैं, खुद का व्यवसाय है पर मुझे मानसिक रूप से तंग करते हैं। क्या मैं अपने पति से अपने ससुराल में रहते हुए भी खर्चा मांग सकती हूँ? और कैसे इस परिस्थिति का सामना करूँ? मैं अकेले ही हूँ, मेरे मां-बाप वित्तीय रूप से कमजोर हैं। मुझे अपना भविष्य असुरक्षित लगता है इस लिए मैं बचत करना चाहती हूँ, ताकि कुछ भी गलत होने पर काम आ सके। इस के लिए मैं इन लोगों से क्या बोलूँ? कानूनी तौर पर मेरा वेतन भी ना मांगें और कुछ मुझे भी पैसे दे दिया करें। क्या पति के वेतन में ये मेरा हक बनता है।
उत्तर – – –
अमन जी,
आप का प्रेम विवाह तो असफल हो चुका है। अब आप के साथ उन महिलाओं से भी बुरी स्थिति है जो माता-पिता के कहने से विवाह करती हैं। लेकिन इन परिस्थितियों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। आप को अपने जीवन यापन का खर्च प्राप्त करने का अधिकार केवल अपने पति से है। लेकिन उस के लिए आप को प्रमाणित करना होगा कि आप के पति की आय आप से बहुत अधिक है। वैसी स्थिति में आप अपना वेतन खुद रखते हुए भी पति से गुजारा भत्ता इस आधार पर मांग सकती हैं कि आप को अपने पति के स्टेटस से जीवन यापन करने का हक है। आप को इस तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित करना घरेलू हिंसा है। जिस के लिए महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा कानून बना हुआ है। आप घरेलू हिंसा कानून के अंतर्गत अपना आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत कर सकती हैं। इस में आप को अपने पतिगृह में रहने का हक मिलेगा और साथ ही यदि आप के पति की आय को आप अपनी आय से बहुत अधिक होना प्रमाणित कर सकें तो आप को कुछ गुजारा भत्ता भी मिल सकता है।
आप चाहें तो अपना सोना जो आप की सास ने बेच दिया है उस की भी मांग कर सकती हैं। क्यों कि आप का सोना आप का स्त्री-धन जो अमानत के बतौर आप की सास के पास था। उस ने उसे बेच कर अमानत में खयानत की है जो कि धारा 406 भा.दं
.प्र. संहिता के अंतर्गत अपराध है। इस के लिए आप की सास और आप के पति के विरुद्ध धारा-406 का अपराध दर्ज हो सकता है। यदि प्रमाणित हो सका तो इस के लिए उन्हें सजा भी हो सकती है। आप यह सब अपने पति के घर में रहते हुए करना चाहती हैं इस के लिए आप को बहुत मजबूत होना पड़ेगा। आप को स्थानीय महिला संगठनों और पुलिस के परिवार सहायता केंद्र की मदद लेनी चाहिए।
.प्र. संहिता के अंतर्गत अपराध है। इस के लिए आप की सास और आप के पति के विरुद्ध धारा-406 का अपराध दर्ज हो सकता है। यदि प्रमाणित हो सका तो इस के लिए उन्हें सजा भी हो सकती है। आप यह सब अपने पति के घर में रहते हुए करना चाहती हैं इस के लिए आप को बहुत मजबूत होना पड़ेगा। आप को स्थानीय महिला संगठनों और पुलिस के परिवार सहायता केंद्र की मदद लेनी चाहिए।
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2 Comments
यह स्थिति तो बहुत जटिल है।
घुघूती बासूती
आपके द्वारा दी गई यह जानकारी और क़ानूनी सलाह लोगों को काफ़ी काम आएंगे। बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
बेटी …….प्यारी सी धुन