पति के जीवन में दूसरी स्त्री है, विवाह को कैसे बचाया जाए?
|कीर्ती बहिन ने पूछा है ……
हमारी शादी को पाँच साल हो गए हैं। हमें एक संतान हुई थी लेकिन वह पैदा होते ही गुजर गई। अब डाक्टर का इलाज चल रहा है। लेकिन इस बीच मेरे पति का किसी अन्य महिला के साथ अफेयर चल रहा है। उन के शारीरिक संबंध भी हैं। उस स्त्री को भी पता है कि वह जिस के साथ अफेयर कर रही है वह विवाहित है। इस समस्या का हल मैं कैसे निकालूँ? मेरी शादी को कैसे बचाऊँ?
उत्तर – – –
कीर्ती बहन!
आप की समस्या अत्यन्त जटिल है। आप के पति जो कुछ कर रहे हैं, अर्थात आप के साथ विवाह के बंधन में रहते हुए किसी अन्य स्त्री के साथ अफेयर चलाना और उस के साथ शारीरिक संबंध बनाना। यह देश के किसी भी कानून में अपराध नहीं है और दंडनीय भी नहीं है। यह आप के साथ किए गए विवाह की शर्तों का उल्लंघन अवश्य है। यदि आप इस अफेयर और पति के अन्य स्त्री के साथ संबंधों को साबित कर सकती हों तो इस से आप को यह अधिकार उत्पन्न होता है कि आप अपने पति से जीवन यापन का पूरा खर्चा प्राप्त करते हुए अलग रहने के लिए न्यायिक पृथक्करण प्राप्त कर सकती हैं या फिर उन से विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकती हैं। लेकिन समस्या यह नहीं है, आप तो अपने विवाह को बचाना चाहती हैं।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि इस तरह से किसी पुरुष के अपनी पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्री से संबंध होते हुए भी विवाह सामान्य तौर पर नष्ट नहीं होते। कोई-कोई मामला ही ऐसा होता है जहाँ विवाह टूट जाता है। इस कारण से विवाह टूट जाने का भय त्यागें। आप के पति के पास ऐसा कोई कारण उपलब्ध नहीं है जिस के आधार पर वे आप से विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकें। इस कारण से विवाह तो बना ही रहेगा। आप की चिंता यह भी है कि कहीं आप के पति उस स्त्री के साथ संतान के लिए विवाह न कर लें। लेकिन आप की यह चिंता व्यर्थ है, आप के साथ विवाह में बने रहते हुए आप के पति दूसरा विवाह नहीं कर सकते हैं।
आप की समस्या यह है कि आप के पति के जीवन में जो दूसरी स्त्री आ गई है उस से आप परेशान हैं और उसे अपने पति के जीवन से अलग करना चाहती हैं। इस के लिए आप को यह तलाशना होगा कि ऐसा क्या है जिसे प्राप्त करने के लिए आप के पति को उस स्त्री से संबंध बनाना पड़ा है। एक बार आप इस चीज को तलाश लें और अपने पति के अधिक निकट आ जाएँ। आप के पति को वह सब अपने घर में प्राप्त हो जिसे प्राप्त करने के लिए उन्हें अन्य स्त्री के साथ संबंध बनाना पड़ा है तो यह हो सकता है आप के पति के जीवन से वह स्त्री सदा के लिए निकल जाए। इस के लिए तो आप को व्यक्तिगत रूप से ही प्रयत्न करने होंगे।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि इस तरह से किसी पुरुष के अपनी पत्नी के अतिरिक्त अन्य स्त्री से संबंध होते हुए भी विवाह सामान्य तौर पर नष्ट नहीं होते। कोई-कोई मामला ही ऐसा होता है जहाँ विवाह टूट जाता है। इस कारण से विवाह टूट जाने का भय त्यागें। आप के पति के पास ऐसा कोई कारण उपलब्ध नहीं है जिस के आधार पर वे आप से विवाह विच्छेद प्राप्त कर सकें। इस कारण से विवाह तो बना ही रहेगा। आप की चिंता यह भी है कि कहीं आप के पति उस स्त्री के साथ संतान के लिए विवाह न कर लें। लेकिन आप की यह चिंता व्यर्थ है, आप के साथ विवाह में बने रहते हुए आप के पति दूसरा विवाह नहीं कर सकते हैं।
आप की समस्या यह है कि आप के पति के जीवन में जो दूसरी स्त्री आ गई है उस से आप परेशान हैं और उसे अपने पति के जीवन से अलग करना चाहती हैं। इस के लिए आप को यह तलाशना होगा कि ऐसा क्या है जिसे प्राप्त करने के लिए आप के पति को उस स्त्री से संबंध बनाना पड़ा है। एक बार आप इस चीज को तलाश लें और अपने पति के अधिक निकट आ जाएँ। आप के पति को वह सब अपने घर में प्राप्त हो जिसे प्राप्त करने के लिए उन्हें अन्य स्त्री के साथ संबंध बनाना पड़ा है तो यह हो सकता है आप के पति के जीवन से वह स्त्री सदा के लिए निकल जाए। इस के लिए तो आप को व्यक्तिगत रूप से ही प्रयत्न करने होंगे।
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6 Comments
बहुत अच्छी सलाह; ऐसा तो कुछ जरुर होगा. सर ने सही कहा है कीर्ति जी, आप को यह तलाशना होगा कि ऐसा क्या है जिसे प्राप्त करने के लिए आप के पति को उस स्त्री से संबंध बनाना पड़ा है। आप के पति को वह सब अपने घर में प्राप्त हो जिसे प्राप्त करने के लिए उन्हें अन्य स्त्री के साथ संबंध बनाना पड़ा है.
# निष्पक्ष, निडर, अपराध विरोधी व आजाद विचारधारा वाला प्रकाशक, मुद्रक, संपादक, स्वतंत्र पत्रकार, कवि व लेखक रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" फ़ोन:09868262751, 09910350461 email: sirfiraa@gmail.com महत्वपूर्ण संदेश-समय की मांग, हिंदी में काम. हिंदी के प्रयोग में संकोच कैसा,यह हमारी अपनी भाषा है. हिंदी में काम करके,राष्ट्र का सम्मान करें.हिन्दी का खूब प्रयोग करे. इससे हमारे देश की शान होती है. नेत्रदान महादान आज ही करें. आपके द्वारा किया रक्तदान किसी की जान बचा सकता है.
सही सलाह दी गयी है |
ताऊ जी…जूता प्रसाद देगा कौन..?
पत्नी अगर दे तो भारतीयता का हनन होगा…और फिर वो कल का भागता आज ही भाग जाएगा…
न जाने कितनी स्त्रियाँ ऐसी स्थिति से दो-चार होती ही रहती हैं…यह भावनात्मक प्रहार होता है…इससे बड़ा अपमान कोई नहीं होता…
और क़ानूनन पुरुष दोषी भी नहीं है और इसकी कोई सज़ा भी नहीं है…कितनी बड़ी विडंबना है ये.
दिनेश जी आप ने बिलकुल सही कारण भी बता दिया को सही उपाय भी बता दिया, बहुत सुंदर राय, लेकिन यह जुता प्रसाद तो काम को ओर भी बिगाड देगा ताऊ, क्योना लठ्ठ परसाद दिया जाये:)
यह जूता प्रसाद समाज से मिले तब कोई बात बने। पत्नी बेचारी अकेले क्या कर लेगी? पत्नी के संबंधी भी यदि इस और कुछ करेंगे तो उस का विपरीत असर ही होगा।
कानूनन रूप से आपसे सही मार्ग दर्शन दिया पर ऐसे पति को सुबह शाम दो चार जूताप्रसाद अवश्य दिया जाना चहैये. इस प्रसाद के ग्रहण से शायद उनकी बुद्धि निर्मलता को प्राप्त हो सकती है.
रामराम.