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संयुक्त संपत्ति में निर्माण, बँटवारा और उत्तराधिकार

 विमल कुमार ने पूछा है – 

म ने 80 वर्गगज की एक संपत्ति खरीदी है जिस का विक्रयपत्र चार व्यक्तियों मेरे पिता, माता, बीच वाला भाई और सब से छोटा भाई अर्थात मेरे नाम से पंजीकृत हुआ है। मेरे सब से बड़े भाई ने उक्त संपत्ति को खरीदने में कोई धन नहीं लगाया। इस कारण से उस का नाम इस विक्रयपत्र में अंकित नहीं है। वर्तमान में हम साथ रह रहे हैं। मेरे प्रश्न निम्न प्रकार हैं –
  1. क्या मैं स्वयं के धन से मकान का निर्माण करवा सकता हूँ? 
  2. क्या मेरे सब से बड़े भाई जिस ने उक्त मकान को क्रय करने में कोई धन खर्च नहीं किया और जिस का नाम विक्रयपत्र में क्रेता के रूप में अंकित नहीं है, उस का कोई हिस्सा इस मकान में होगा। 
  3. यदि घर का बँटवारा होता है तो किस किस को कौन कौन सा हिस्सा प्राप्त होगा?
  4. यदि मिल कर घर का निर्माण होता है तो मुझे क्या क्या सावधानियाँ रखनी होंगी जिस से मुझे भविष्य में कोई हानि नहीं हो।
  5. क्या कोई हिस्सेदार अपनी पसंद की कोई साइड ले सकता है। 
  6. अभी हम जिस जिस तरफ के हिस्से में रह रहे हैं, क्या हम उस हिस्से पर अपना दावा कर सकते हैं?

 उत्तर –

विमल जी,

ब भी परिवार के सभी अथवा कुछ सदस्य, अथवा कुछ व्यक्ति मिल कर संयुक्त नामों से संपत्ति क्रय करते हैं तो विक्रय पत्र में ही यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि किस किस व्यक्ति का कितना हिस्सा है? लेकिन लगता है कि आप की संपत्ति का जो विक्रय पत्र पंजीकृत हुआ है उस में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में यह माना जाएगा कि सभी संयुक्त स्वामियों का उक्त संपत्ति में बराबर का हिस्सा है। इस का यह अर्थ है कि उस संपत्ति का जो भी मूल्य होगा उस मूल्य का एक चौथाई हिस्सा प्रत्येक का है। वर्तमान में संपत्ति भौतिक रूप से विभाजित नहीं है। 
ब आप उस संपत्ति पर अपने धन से कोई निर्माण कराना चाहते हैं। इस निर्माण के संबंध में यह माना जाएगा कि यह निर्माण सभी ने संयुक्त रूप से कराया है, अर्थात सभी ने बराबर का खर्च वहन किया है। निर्मित हिस्सा संपूर्ण संपत्ति का हिस्सा बन जाएगा और उस पर भी सभी का समान अधिकार होगा। आप अकेले जितना खर्च करेंगे उसका एक चौथाई हिस्सा ही आप का अधिकार होगा। बाकी तीन चौथाई शेष तीनों हिस्सेदारों में बँट जाएगा। इस पर भी आप निर्माण कराना चाहें तो करवा सकते हैं कोई आप को क्यों रोकेगा, हानि तो आप की हो रही है शेष सभी को लाभ ही हो रहा है। यदि मिल कर निर्माण करें और सभी चारों भागीदार बराबर का योगदान करें तो सब को अपना अपना हिस्सा प्राप्त हो जाएगा और किसी की कोई हानि या लाभ नहीं होगा।
दि आप के पिताजी और माता जी के जीवनकाल में ही बँटवारा होता है तो चारों को बराबर का हिस्सा प्राप्त होगा तथा बड़े भाई को कोई हिस्सा प्राप्त नहीं होगा। आप चारों चाहें तो सहमति से बँटवारा कर सकते हैं जिस में यदि कोई हिस्सा किसी को कम या अधिक प्राप्त होता है तो सहमति के आधार पर वह उस का माना जाएगा। लेकिन यदि आप के माताजी या पिताजी कोई वसीयत नहीं छोड़ते हैं तो उन में  से किसी के भी देहान्त के उपरान्त उन के हिस्से पर उन के सभी उत्तराधिकारियों का अधिकार होगा। अर्थात आप के पिता के उपरान्त आप की माता जी, आप को, आप

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