पत्नी विवाह के बाद नहीं आई और अब मुकदमा करने की धमकी देती है
|मेरी शादी 9 मई 2006 को U.P के मऊ मे धूमधाम से हुई थी। मैं लुधियाना में रहता हूँ। मेरी पत्नी मेरे साथ एक महिने तक रही, फिर वह बी.ए. के पेपर देने अपने मायके चली गई। मैं उसको लाने के लिए कई बार गया। पर वह नहीं आती है। उसके अपने जीजा के साथ नाजायज संबध हैं। उसका जीजा मुझे गाली देता है। मैं नें 2007 मे पंजाब से विदाई का केस किया मगर वो तारीख पर नहीं आती है। अब मुझसे पैसे माँगते है और ना देने पर 498-ए 125 में फंसाने की तैयारी कर रहे है सब। मेरे पास फोन की रिकार्डिग है। क्या कोर्ट मानेगी मेरा सबूत? और क्या वह मुझे फँसा सकती है? कृपया मेरी सहायता करें।
उत्तर –
मनोज जी,
सब से पहले तो आप अपने मन से मुकदमों का डर निकाल दीजिए। यदि आप मुकदमों से डरते रहेंगे तो अपना जीवन दुःखी बना डालेंगे। मुकदमे तो होंगे तो होंगे। आप उन्हें रोक नहीं सकते हैं। इस लिए यदि आप के विरुद्ध मुकदमे हो ही जाएँ तो उन से निपटने की तैयारी कीजिए।
आप ने बताया है कि आप की पत्नी विवाह के उपरांत केवल एक माह आप के साथ रही है, ऐसी स्थिति में उसे आप के साथ रहे तीन वर्ष हो चुके हैं। इस तरह अब 498-ए भादंसं. के मुकदमा चलाने के लिए मियाद समाप्त हो चुकी है। इस लिए उस से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। यदि इस तरह की एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज होती है तो आप उच्च-न्यायालय के समक्ष ऐसी एफआईआर को निरस्त कराने के लिए याचिका प्रस्तुत कर उस पर आगे की कार्यवाही रुकवा सकते हैं और उसे निरस्त करवा सकते हैं।
आप उसे लाने के लिए कई बार गए हैं, आप के पास इस बात की साक्ष्य अवश्य होगी जो आप ने अपनी पत्नी के विरुद्ध वैवाहिक संबंधों की पुनर्स्थापना का मुकदमा करते समय अवश्य एकत्र किए होंगे। इस मुकदमे में आप की पत्नी हाजिर नहीं होती है यह बात जरा समझ नहीं आई। क्यों कि यदि आप की पत्नी को इस मुकदमे की सूचना की तामील हो चुकी है और वह नहीं आ रही है तो मुकदमा उस के विरुद्ध एकतरफा किया जा कर निर्णीत हो जाना चाहिए था। यदि अब तक यह मुकदमा एक तरफा नहीं हुआ है तो आप अपने वकील से कहें कि उस में एक-तरफा निर्णय करवाएँ। यह निर्णय होने के बाद भी आप की पत्नी आप के पास नहीं लौटती है तो आप इसी आधार पर तलाक का हासिल कर सकते हैं। बिना किसी कारण से तीन वर्ष से आप के पास न रहने के कारण भी आप अपनी पत्नी से तलाक हासिल कर सकते हैं।
आप ने कहा है कि आप की पत्नी के उस के जीजा के साथ नाजायज संबंध हैं। लेकिन आप की यह धारणा अनुमान पर आधारित हो सकती है। आप के पास इस के सबूत अवश्य ही नहीं होंगे। यदि आप के पास इस के सबूत हैं या इस के गवाह आप के पास उपलब्ध हैं तो आप इस आधार पर भी तलाक प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन किसी भी स्त्री के किसी अन्य पुरुष के साथ नाजायज संबंध साबित करना आसान बात नहीं है।
जहाँ तक फोन की रिकार्डिंग का प्रश्न है, यदि यह सिद्ध कर दिया जाए कि जिस समय की रिकार्डिंग है उस समय कोई फोन कॉल आप को संबंधित व्यक्ति द्वारा की गई थी तो उसे एक सहायक सबूत के बतौर अदालत में प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि आप को नाजायज रूप से धन प्राप्त करने के लिए ब्लेक मेल किया जा रहा है तो उस की शिक
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11 Comments
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उपयोगी जानकारी.
बहुत अच्छी सलाह दी आप ने वरना कई तो डर के मारे उम्रभर इस रोग को पाले रखते है, ओर अपने साथ साथ मां बाप कॊ भी पीसते है.
धन्यवाद
सही सलाह है । क्या अदालत मे रिकार्डेट आवाज सबूत के तौर पर पेश नही की जा सकती है ?
बहुत अच्छी सलाह है
सब घरफोड़ू, आपको अच्छा तड़ लिये हैं ।
महाराज, तनि ई तो बताय देयो कि, मुआ 498-ए 125 होता क्या है ?
जमाये रहो… मेरी पँडिताइन हमेशा अपने जीजा की तारीफ़ किया करती है,
उनके लिये भी कोई प्राविधान बताओ, तो समझें दोस्ती का हक़ अदा किहै हो !
बहुत उपयोगी जानकारी.
रामराम.
कानूनी सलाह अच्छी रही।
लेखनी प्रभावित करती है.