परित्याग के आधार पर विवाह विच्छेद की अर्जी प्रस्तुत कर सकते हैं।
|विनायकराव सोनी ने बिछुआ, छिन्दवाड़ा, मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी पत्नी बिना कारणों से १०.१०.२०१३ से मुझे छोड़ कर अपने मायके में रह रही है। १४ माह का एक बेटा भी है। मैं उसे लाने भी गया, लेकिन वह मेरे साथ नहीं आयी और मुझे गाली गलौच कर वापस कर दिया। मैं जब भी उसे फोन करता हूँ समझाने का प्रयास करता हूँ वह मुझे खुब गलियाँ देती है जो कि मेरे फोन में रिकोड भी हैं। मैंने दाम्पत्य की पुनर्स्थापना हेतु धारा ९ हिन्दू विवाह अधिनियम का आवेदन भी १२.०३.२०१४ को न्यायालय मे पेश किया था लेकिन वह एक भी पेशी पर अदालत नहीं आई। मैंने केस वापस ले लिया है। क्या मैं तलाक का केस लगा सकता हूँ, इसके आधार क्या होंगे।
समाधान-
आप ने दाम्पत्य की पुनर्स्थापना का आवेदन वापस ले कर गलती की है। यदि आप की पत्नी नहीं आ रही थी तो आप एक तरफा डिक्री करवा सकते थे और डिक्री की पालना करने के लिए नोटिस भेज सकते थे। यदि वह एक वर्ष तक नहीं आती तो आप इसी आधार पर विवाह विच्छेद की अर्जी दे सकते थे।
अब आप के पास एक आधार तो यह है कि आप की पत्नी एक वर्ष से बिना किसी आधार के आप से अलग रह रही है और उस ने आप को एक वर्ष से अधिक समय से खुद से अलग रख कर आप का परित्याग किया है। आप परित्याग के इसी आधार पर विवाह विच्छेद की डिक्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन आप को इस अर्जी को दाखिल करने के पहले किसी अच्छे वकील से संपर्क कर के उसे पूरी बात बतानी चाहिए। शायद वह आप से बातचीत के उपरान्त कुछ और भी आधारों की तलाश कर सके।
यदि कोई महिला अपने पति को बिना किसी कारण छोड़ के तलाक़ ले के कोसी तीसरे के साथरेहना चाहतीहै तो क्या २ साल अलघ रह के तलाक के लिए जा सकती है.
प्रायः पति तलाक़ नहीं देना चाहे तो ?
मैंने अपने पति के खिलाप डाइवोर्स का केस न्यायलय में डाला है। पर वे डेट पर कभी भी नही आते है। मैं अपने दोस्त के साथ रहती हूँ और शादी करना चाहती हूँ। क्या मेरा पति मेरे खिलाप न्यायलय में केस कर सकता है? मार्ग दर्शन करे आप की अति कृपा होगी।
मोनिका राय जी,
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दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.मुस्लिम विधि में तलाक पुरुष का अधिकार है।
Monika ji, ho skta hai aapke pati ko samman na mile ho ya aapke wakil ne case hi na dala ho aur uproqat dono bate theek dhang se chal rhi hai to nischint rhe, Aapko ektarfa decry mil jayegi. Rhi baat aapko jab tak talak nhi milega tb tk dusri shadi krna gunh hai aapke khilap aapke pati 494 ki karvahi kr skte hai. Hindu marriage act ke anusar ek shadi ke rhte hue dusri shadi krna gunah hai. Aur aap Guru ji se apne mamle me slah chahte hai to uchit madhyam se apni samasya ko bheje. Guru ji comment me samasya ka samadhan nhi dete hai
यदि जीवनसाथी वापस नहीं आता और वह व्यक्ति किसी से जुडता है तो ऐसी स्थिति में कानून की धाराऍ क्या कहती है । क्या उसे आगे बढने और किसी से जुडने का अधिकार मिलता है । शादी का तो नहीं मिलता , क्या आगे बढने का हक भी नहीं मिलता ऐसे लोगो को ।
बबीता जी,
यदि कोई व्यक्ति वापस नहीं आता या साथ रहते हुए भी किसी तीसरे व्यक्ति से जुड़ता है तो उस का विवाह पर कोई कानूनी प्रभाव नहीं है। यदि विवाह का कोई पक्षकार किसी तीसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है तो दूसरे साथी को यह अधिकार मिल जाता है कि वह इस आधार पर अपने पति/पत्नी से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर सकता है।
जहाँ तक आगे बढ़ने की बात है तो आप आगे बढ़ सकते हैं उस में कोई रोक नहीं है। बस यदि विवाह विच्छेद के पूर्व यदि विवाह का कोई भी पक्षकार किसी तीसरे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है तो वह अपने साथी को विवाह विच्छेद का अधिकार दे देता है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.परित्याग के आधार पर विवाह विच्छेद की अर्जी प्रस्तुत कर सकते हैं।