पिता की ओर पाँचवीं पीढ़ी और माता की ओर से तीसरी पीढ़ी तक के संबंधी ही सपिण्ड हैं
|सौरभ आदित्य ने पूछा है –
मैंने आपका हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत सपिण्डी रिश्तो का ब्लॉग पढ़ा। मै स्वयं हिन्दू हूँ तथा मेरा विवाह भी हिन्दू स्त्री से (सजातीय) आर्य समाज मंदिर में संपन्न हो चुका है। अब हमारे माता पिता के सहमति से हमारा सामाजिक तौर पर विवाह होना तय हुआ है। परेशानी यह है कि सामाजिक रूप से दोनों परिवारों पर दबाव डाला जा रहा है कि हम दोनों को भाई-बहन हैं इस लिए विवाह नहीं हो सकता। इस के लिए सामाजिक पंचायत की जा रही है। लड़की के नानाजी के पिताजी और मेरे दादाजी के पिताजी सगे भाई थे, इस हिसाब से हम पाँचवीं पीढ़ी हुए। मेरी पीढ़ियों की गिनती मेरे पिताजी की तरफ से और लड़की के पीढ़ियों की गिनती उसकी माता की तरफ से होने पर क्या हम दोनों हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के अनुसार सपिण्डी रिश्तेदार हैं? यदि हैं तो क्या यह विवाह, हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक होगा?
वैसे हमारे यहाँ खाप पंचायत के फैसलों को कोई मानता नहीं है, फिर भी अपनी बात वैधानिक तरीके से रखने का इच्छुक हूँ। कृपया मार्गदर्शन दीजिये।
उत्तर –
सौरभ जी,
हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार किसी भी व्यक्ति के पिता की और से पाँच पीढ़ियों तक तथा माता की ओर से तीन पीढ़ियों तक के रिश्तेदार सपिंडी कहे जाते हैं।
आप के दादा जी के पिता और आप की पत्नी के नानाजी के पिता सगे भाई थे। इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि आप के दादा जी के दादा और आप की पत्नी के नाना जी के दादा एक ही थे। यह पूर्वज आप की पाँचवी पीढ़ी के हैं। लेकिन आप की पत्नी के माता जी की ओर से भी वे पाँचवी पीढ़ी के हैं। माता की ओर से केवल तीन पीढ़ी तक के ही रिश्तेदार सपिंडी कहे जाते हैं। तीन पीढ़ी के बाद के रिश्तेदार होने के कारण आप दोनों सपिंडी रिश्तेदार नहीं हैं। आप का विवाह पूरी तरह से वैध है/होगा।
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6 Comments
हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत सपिण्डी रिश्तों पर बहुत अच्छी जानकारी प्राप्त हुई. आप अपनी पोस्टों द्वारा क़ानूनी जानकारी देकर आम आदमी को जागरूक कर रहें हैं. लोगों के प्रश्नों व उनकी जिज्ञासाएं का संतुष्टि पूर्वक जवाब पाकर/पढ़कर अन्य व्यक्ति भी लाभ प्राप्त करते हैं.
इसीलिए हमारे यहाँ विवाह के समय 4 शासन मिलाए जाते हैं।
अगर उनमें से एक भी मिल गया तो विवाह नहीं होगा। आजकल कुछ लोग नानी का शासन छोड़ने लगे हैं।
मतलब उनके कुल से दूर का रिश्ता हो जाता है।
जानकारी के लिए आभार
बहुत ही पेचिदा लगा यह केस तो, हमे इस बारे आज ही पता चला हे, बिलकुल सही राय, धन्यवाद
बहुत उपयोगी जानकारी है। ऐसी बात पहली बार मेरे सामने आयी है। धन्यवाद।
jab rishta pat-patni ka ban hi gaya hai to jabran bhai bahan banane se kiya bhai- bahan ban jayenge rishtey dil se judle hain jamane se nahi..
jab rishta pat-patni ka ban hi gaya hai to jabran bhai bahan banane se kiya bhai- bahan ban jayenge rishtey dil se judle hain jamane se nahi..