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पिता की संपत्ति के बँटवारे के वाद से पुत्र अलग नहीं हो सकता

 महेश ने पूछा है –
मेरी उम्र  65 वर्ष की है, मेरे भाई ने संपत्ति के हिस्से के लिए मुकदमा किया है। मेरे पिताजी की मृत्यु को 25 वर्ष तथा माता जी की मृत्यु को 20 वर्ष हो चुके हैं। वे अपनी संपत्ति का बँटवारा नहीं कर के गए। हम तीन बेटे और तीन बेटियाँ उन के उत्तराधिकारी हैं। मेरे पास 200 वर्गगज का मकान है। इस के अलावा पिताजी का छह सौ वर्ग गज का मकान है, जिस में मेरे दोनों भाई रहते हैं। एक भाई के पास कुछ अधिक स्थान है, एक के पास कुछ कम है। मेरे विवाह के बाद पिताजी ने मुझे अलग कर दिया था और अपनी संपत्ति में से मुझे मेरा हिस्सा दे दिया था। वे मुझ से छोटे भाई के साथ रहते थे क्यों कि हम भाइयों में बनती नहीं थी। मैं अपने हिस्से की संपत्ति में पिछले 45 वर्ष से रह रहा हूँ। जिस में मेरे मांगने पर विकास प्राधिकरण ने मेरे स्थान का सीमांकन कर दिया था और मुझे मेरे मकान का माप भी दिया था। बिजली का कनेक्शन मेरे नाम से  पिताजी की मृत्यु से पहले का लगा हुआ है। पानी का कनेक्शन, राशन कार्ड, वोटरकार्ड आदि मेरे नाम से मेरे हिस्से की संपत्ति के हैं जो मेरे भाइयों के पते से अलग है। चालीस वर्ष पहले मेरे मकान के बारे में नगर निगम से एक नोटिस मिला था जिस के उत्तर में पिताजी ने उन को अपनी हस्तलिपि में एक पत्र लिख कर बताया था कि यह मकान मेरा नहीं मेरे पुत्र का है, ये नोटिस आप ने मुझे गलत दिया है।   मेरे छोटे भाई ने मेरी इस संपत्ति पर कब्जा कर लिया था, जब मैं सरकारी मकान में रहता था। जब मैं ने कमरा खाली करने को कहा तो उस ने देने से मना कर दिया और परेशान करने के लिए झूठा मुकदमा कर दिया कि हमारी संपत्ति का बँटवारा नहीं हुआ है। जब कि मेरा उस संपत्ति से कोई लेना देना नहीं है। क्या मैं उस मुकदमे से बाहर निकल सकता हूँ?
 उत्तर –
महेश जी,
प ने बहुत विस्तार से अपनी समस्या बताई है, लेकिन फिर भी आप ने अनेक महत्वपूर्ण तथ्य नहीं बताए हैं। आप को अलग कर देने के पूर्व आप के पिता जी के पास जो संपत्ति थी वह किस तरह की थी यह आप ने नहीं बताया है। किसी भी हिन्दू परिवार के पास कई तरह की संपत्ति हो सकती है। एक तो व्यक्तिगत संपत्ति हो सकती है जो उस ने स्वयं अर्जित की हो। दूसरी ऐसी संपत्ति हो सकती है जो कि उत्तराधिकार में पूर्वजों से प्राप्त हुई हो। तीसरी ऐसी संपत्ति हो सकती जो संयुक्त हिन्दू परिवार की संपत्ति हो। आप के पिता जी के पास जो संपत्ति थी वह किस प्रकार की थी? इस जानकारी के बिना सही उत्तर दिया जाना संभव नहीं है।

जो विवरण आप ने दिया है उस के अनुसार आप के पिता जी की कुल स्थावर संपत्ति में 600 वर्ग गज में स्थित एक मकान और एक 200 वर्ग गज का मकान था। इस तरह कुल मिला कर 800 वर्ग गज आबादी भूमि में बने मकान उन की संपत्ति का भाग थे। हम यह मान कर चल सकते हैं कि सारी भूमि पर हुए निर्माण भी एक समान कीमत के हैं और भूमि के नाप के हिसाब से उस का मूल्यांकन किया जा सकता है। जिस तरह का विवरण आप ने दिया है उस से अनुमान लगता है कि यह सारी संपत्ति आप के पिता को उत्तराधिकार में उन क

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