पुलिस कब वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है?
|पुलिस कब वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है?
अनिल जी,
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 में यह स्पष्ट किया हुआ है कि कोई भी पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना और वारंट के बिना किन परिस्थितियों में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। वे परिस्थितियाँ इस प्रकार हैं –
क. जो व्यक्ति संज्ञेय अपराध से संबद्ध रह चुका है या जिस के विरुद्ध इस बारे में उचित परिवाद किया जा चुका है, विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह इस तरह संबद्ध रह चुका है;
ख. जो व्यक्ति अपने कब्जे में विधिपूर्ण कारण के बिना, जिस कारण को साबित करने का भार ऐसे व्यक्ति पर होगा, गृहभेदन में उपयोग किया जा सकने वाला उपकरण रखता है;
ग. जो व्यक्ति दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन या राज्य सरकार के आदेश द्वारा अपराधी घोषित किया जा चुका है;
घ. जिस के कब्जे में ऐसी कोई वस्तु पायी जाती है जिस के चुराई हुई संपत्ति होने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है औऱ जिस पर ऐसी चीज के अपराध करने का उचित रूप से संदेह किया जा सकता है;
ङ. जो पुलिस अधिकारी को उस समय बाधा पहुँचाता है जब वह अपना कर्तव्य कर रहा है, या जो विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है या निकल भागने का प्रयत्न करता है;
च. जिस पर संघ के सशस्त्र बलों में से किसी को त्याग देने का उचित संदेह है;
छ. जो भारत से बाहर किसी स्थान में कोई ऐसा कार्य करने से जो यदि भारत में किया जाता तो अपराध के रूप में दण्डनीय होता, और जिस के प्रत्यर्पण सम्बन्धी किसी विधि के अंतर्गत या भारत में पकड़े जाने का या अभिरक्षा में रखे जाने का भागी है, संबद्ध रह चुका है या जिस के विरुद्ध इस बारे में उचित शिकायत की जा चुकी है या विश्वसनीय सूचना प्राप्त हो चुकी है या उचित संदेह विद्यमान है कि वह ऐसे कार्य से संबद्ध रह चुका है;
ज. जो व्यक्ति छोड़ा गया दोषसिद्ध होते हुए जुर्माना अदा करने का भागी होते हुए किसी नियम को भंग करता है;
झ. जिस की गिरफ्तारी के लिए किसी अन्य पुलिस अधिकारी से लिखित या मौखिक निवेदन प्राप्त हो चुका है, और जिस पुलिस अधिकारी से निवेदन प्राप्त हुआ है उस के द्वारा बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता था।
ञ. किसी भी पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है जिस के बारे में उसे सूचना मिलती है कि वह व्यक्ति अपनी उपस्थिति छुपाने का प्रयास कर रहा है और यह विश्वास करने का कारण है कि वह कोई संज्ञेय अपराध करने के लिए ऐसा कर रहा है, तथा ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है जो –
1. आदतन लुटेरा, गृहभेदक, चोर या कूटरचियता है, या
2. चुराई हुई संपत्ति को यह जानते हुए कि वह चुराई हुई है प्राप्त करता है, या
3. आदतन चोरों को संरक्षण प्रदान करता है या चुराई गई संपत्ति को छुपाने में या उसे इधर-उधर करने में सहायता प्रदान करता है, या कोई अपराध आदतन करता है या करने का प्रयत्न करता है या करने
के लिए किसी को प्रेरित करता है।, या
4. जो दुस्साहसी और भयंकर है और जिस का प्रतिभूति के बिना स्वच्छंद रहना समाज के लिए हानिकारक है।
आज मैं कानून के बारे में ही जानकारी ढून्ढ रहा था. बहुत ढून्ढ ने पर आपका ब्लॉग मिला इसमें बहुत ही अच्छी अच्छी जानकारी है. बहुत बहुत धन्यवाद आपके द्वारा बताये जानेवाली बातों से सभी लोगो को आसानी से समझ आजायेगी.
मैं आपके विचारों से सहमत हूँ और मेरा एक सुझाव है कि-क़ानूनी जानकारी देते समय आप छोटे-2 उदाहरण भी दे दिया करेंगे तो क़ानूनी शब्दावली का सरलीकरण हो जायेगा. इससे कम पढ़े लिखे लोगों को क़ानूनी भाषा समझ में आ जाएगी. आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है.
महत्वपूर्ण जानकारी,आभार.
aap pahali baar mere post par aaye the aur bahut utasahit bhi kiya tha.aap ke har post ko padhata hun aur kuchh sikhane ko milata hai .very good post sir.
क्या स्वप्न भी सच्चे होतें है ?…भाग-५.,यह महानायक अमिताभ बच्चन के जुबानी.
द्विवेदी जी, बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है। आभार।
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ज्योतिष,अंकविद्या,हस्तरेख,टोना-टोटका।
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