फिसल कर बाइक का स्लिप होना बाइक चालक की खुद की गलती है . . .
|समस्या-
आगरा उत्तर प्रदेश से वरुण गुप्ता ने पूछा है –
मेरा भाई कुछ दिन पहले रोडं पर जा रहा था कि अचानक उस की बाइक स्लिप हो गयी और वह रोड़ के रोंग साइड में बाइक के साथ गिर पड़ा। उसी साइड से एक लड़की अपनी बाइक से तेज गति से बिना हेलमट के आ रही थी, वह ब्रेक नहीं लगा सकी और गिरे हुए लड़के से टकरा कर गिर गयी लेकिन उसके ज़्यादा चोट आई थी। पुलिस दोनों को उठा कर थाने ले आई। तब मेरे भाई ने घर फोन किया और मैं और मेरे घर वाले थाने पहुँच गये। वहाँ पुलिस लड़की की तरफ दा पोलाइट थे और मेरे भाई के लिए ज़्यादा एग्रेसिव थे। जब कि गलती लड़की की थी। हम ने लड़की को हॉस्पिटल ले जा कर अपनी तरफ से इलाज कराया। जिस में हमारे 7000 रुपये खर्च हो गये। कुछ देर बाद मेरे भाई को पसलियों मे दर्द उठा और हम ने भाई को भी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। भाई की बाइक और हमारी आई.डी. पुलिस थाने में जमा करा ली गयी। फिर अगले दिन लड़की के घर वालों का फोन आया और वो हम से लड़की की बाइक की कीमत के बराबर पैसा मांगने लगे। लेकिन हम ने मना कर दिया। क्यूँकि हमारा भी बराबर का ही नुकसान हुआ था। इस के अलावा हम ने लड़की के लिए खर्च किया। तब लड़की के घर वालों ने मेरे भाई के खिलाफ थाने में रिपोर्ट कर दी और कोर्ट में मुक़दमा कर दिया। हमें क्या करना चाहिए? क्या मेरे भाई को सज़ा होगी?
समाधान –
आप ने दुर्घटना का पूरा विवरण नहीं दिया है। फिर भी जो विवरण दिया गया है उस से लगता है कि या तो यह एक संयोगवश घटी घटना है या फिर आप के भाई की गलती है। एक लड़की अपने मार्ग पर अपनी गति से चली आ रही थी। अचानक उस के सामने एक मोटर सायकिल स्लिप हो कर गिर गई। वह चाह कर भी अपनी बाइक को रोक नहीं सकती थी। आप के भाई की मोटरसाइकिल किस कारण से स्लिप हुई है यह पता नहीं है। यदि वहाँ कोई भौतिक कारण नहीं हुआ तो यही माना जाएगा कि आप के भाई मोटरसाइकिल लापरवाही से चला रहे थे।
पुलिस वालों की लड़की से सहानुभूति होना अस्वाभाविक नहीं है। क्यों कि आप के भाई की गलती स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्हों ने रिपोर्ट भी तब तक नहीं लिखी जब तक कि लड़की ने खुद रिपोर्ट नहीं लिखा दी। अब फौजदारी मुकदमा तो आप के भाई के विरुद्ध चलेगा। उन्हें सजा होगी या नहीं होगी। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि अभियोजन के साक्षियों की साक्ष्य से दुर्घटना में आप के भाई की लापरवाही साबित होती है या नहीं। आप के भाई को अपने बचाव के लिए अच्छा वकील करना चाहिए।
वह लड़की अभी आप के विरुद्ध मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण में भी हर्जाने का दावा कर सकती है। यदि आप के भाई के पास वैध एवं प्रभावी ड्राइविंग लायसेंस था और बीमा कराया हुआ था तो आप के भाई को दुर्घटना से हर्जाने के दावे के बारे में बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए। बीमा कंपनी मुकदमा लड़ेगी और हर्जाना भी बीमा कंपनी ही अदा करेगी। लेकिन यदि आप के भाई के पास वैध एवं प्रभावी ड्राइविंग लायसेंस न हुआ या बीमा कराया हुआ नहीं था तो हर्जाने के दावे में अदालत जो भी हर्जाना लड़की को दिलाएगी वह आप के भाई को देना होगा। यदि ऐसा है तो आप ने लड़की के इलाज में जो खर्चा किया है उस के बिल आदि आप के पास होने चाहिए। वह खर्च उस में से कम हो जाएगा।
थैंक यू वैरी मच सर
यह मामला काफी पेचिदा व उलझा हुआ है। बाइक स्लिप करने का मतलब ये कतई नहंीं की गलती सिर्फ बाइक चालक की है। रोड पर बोल्डर या नगर निगम के सफाई न करने के कारण कीचड़ भी हो सकता है। यदि लड़के के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस है और कारण बोल्डस या सिल्ट या फिर इसी तरह का दूसरा ऐसा कारण है जिसमें किसी भी सामान्य चालक की वही दशा होती जो आपके भाई की हुई तो आप नगर निगम को पार्टी बनाकर भाई को हुई क्षति ले सकती हैं। क्योंकि सड़क का निर्माण तो पीडब्न्यूडी कराता है लेकिन उसके साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की होती है। जहाँ तक लड़की के एकाएक गिरी हुई बाइक से लड़ जाने का सवाल है तो ये महज एक संयोग माना जाएगा बशर्ते आपके भाई की ड्राइविंग गलत न हो और डीएल वैध हो। सड़क पर अधिकतम स्पीड का जिक्र भी रहता है। ये भी देख लीजिएगा कहीं ऐसा तो नहंी की लड़की उस अधिकतम स्पीड से भी ज्यादा तेज गति से ड्राइविंग कर रही हो और हाँ लड़की के पास भी सही यानि वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। अन्यथा उसकी भी गलती मानी जाएगी।
meri samajh se to ladke ke byke se girne se lekar us prakaran ki akhiri ghatna tak ke sabhi tathyo ko bahut गौर se samajhkar hi koi nirnay liya ja sakta hai , jaise: sabse pahle to ladke ke akasmat girne se hai kyoki koi bhi saksh jan-bujhkar apni byke ke sath girkar apne hath-pair ya sir fudwane se to raha,
ab baat kartey hain silsilewar ghatna ke tathyo ki: Ladka apni byke se gira isme sirf is baat se kya lena dena ki uske paas vaidh/ upyukth licence tha ya nahin, girne ke to kai kaaran ho sakte hain.. jaise की ho sakta hai kisi ne usey takkar mari ho, usey chakkar bhi aa sakte hain, us jagah par sadak theek se bani bhi thee ya nahin, gaddha bhi ho sakta है ya theek se safai na hone ke kaaran raptan bhi ho sakti hai, agar yah sab theek hua to ho sakta hai ki byke mein hi koi kami ho ya tyre bhi punture ya fat sakta है jis karan wo gira ho, yah sab bhi theek hua to peechey se aati ladki ki usse kitni duri thee ki jo wo takra gai aur breck lagane tak ka samay us ladki ko nahin mila ya ye bhi ho sakta hai ki ladki ki speed bahut tej rahi ho ya ladki ki gadi ke breck me koi kami rahi ho..
aur rahi baat bina licence ya bina upyukth licence ke gaadi chalane ki to ये गलती सिर्फ गाडी चलने वाले की नहीं है इसमें तो परिवहन विभाग की भी गलती है उनके मुलाजिम क्या करते हैं सड़क पर जो बिना लाइसेंस या बिना उपयुक्त लाइसेंस के कोई भी गाडी सड़क पर दौड़ा दे
उक्त मामले में इन सभी तथ्यों पर ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है.. मैंने जो समझाना चाह वो आप लोगो की समझ में आ ही गया होगा .. धन्यवाद्
धन्यवाद, रवि श्रीवास्तव जी, विषय को विस्तार देने के लिए। बस इतना कहना चाहूंगा कि अपराधिक मुकदमे में सिर्फ यह देखा जाएगा कि अभियुक्त की गलती क्या थी। क्या वह लापरवाही से गाड़ी चला रहा था? इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि किसी और की गलती थी या नहीं। हर्जाने के मामले में यह भी देखा जाएगा कि लड़के की गलती थी या नहीं, थी तो कितनी थी? मामला कंट्रीब्यूटरी नेग्लीजेंस का भी हो सकता है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.फिसल कर बाइक का स्लिप होना बाइक चालक की खुद की गलती है . . .
विनय जी,
आप ने तो मामले की पूरी इन्वेस्टीगेशन कर डाली है। इतना काम हो जाए तो फिर बिलकुल सही न्याय ही न होने लगे।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.फिसल कर बाइक का स्लिप होना बाइक चालक की खुद की गलती है . . .
ज्ञान वर्धक जानकारी / धन्यवाद / राजेंद्र सिंह / अजमेर