बाल विवाह हर हाल में रोका जाना चाहिए।
|श्रवण नाथ स्वामी ने आगरा उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
पुराने रीति रिवाजों के आधार पर बाल विवाह करना सही है अथवा गलत? मेरे पड़ोस में एक बाल विवाह हो रहा है उसको रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?
समाधान-
यह प्रश्न जिन भाई ने भेजा है उन्हों ने अपना नाम व स्थान छुपाया है। यदि कोई अपना नाम किसी कारण सामने नहीं लाना चाहता है तो हम उस के इस अधिकार की रक्षा करते हैं। लेकिन समस्या आम हो तो उस का उत्तर सार्वजनिक रूप से देना उचित समझते हैं। आप अपना नाम न छुपाएँ, बस बता दें कि आप नाम उजागर नहीं करना चाहते।
बाल विवाह हर रूप में गलत है, सामाजिक रूप से भी और कानूनी रूप से भी। बाल विवाह से व्यक्ति ठीक से सोच समझ कर निर्णय लेने की स्थिति में आने के पहले ही विवाह के बंधनों में बांध दिया जाता है। उस के बाद उस के विकास की संभावनाएँ अत्यधिक सीमित हो जाती हैं। इस के अतिरिक्त विवाह योग्य उम्र होने तक कोई भी बालक बालिका विवाह की जिम्मेदारियों को संभालने के योग्य नहीं होते। वे गलतियाँ करते हैं और फिर उन के परिणाम जीवन भर भुगतते हैं।
कानूनन बाल विवाह अपराध है इसे रोका ही जाना चाहिए। यदि आप इसे रोकना चाहते हैं तो सीधे पुलिस को सूचित कर सकते हैं कि बाल विवाह हो रहा है उसे रोका जाए। आप नगर के सिटी मजिस्ट्रेट या उपखंड के उपखंड मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टर को भी सूचित कर सकते हैं। उन का दायित्व है कि वह इस तरह के विवाह को रोकें और यह अपराध करने वालों को सजा दिलाएँ।
लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इस के विरुद्ध समाज में आंदोलन होना चाहिए। जो बच्चे किशोर उम्र के हैं वे ही इस के सब से अधिक शिकार होते हैं। किशोर उम्र में इतना तो व्यक्ति सोच ही लेता है कि उसे अभी विवाह नहीं करना चाहिए। तब किशोर आपस में मिल कर ऐसा समूह बना सकते हैं जो हर होने वाले बाल विवाह का प्रत्यक्ष रूप से विरोध करे और उन्हें रुकवाने के लिए पुलिस और प्रशासन को मदद के लिए बुला सके। समाज में अन्य लोग भी जो बाल विवाह के विरोधी हैं वे इस काम में किशोरों की मदद कर सकते हैं।
बाल विवाह कराने वाले व्यक्ति को कोई सजा का प्रावधान है या सिर्फ उन्हें पाबंद कर के छोड़ दिया जाता है ? क्यों की मेने अक्सर देखा हे की ऐसे केस में उन्हें सिर्फ पाबंद कर के छोड़ देते है
इसके अतिरिक्त रसूखदार लोग पुलिस से शांठ गांठ कर के विवाह संपन्न करवा देते है ऐसे में एक आम आदमी जो इस बुराई के खिलाफ लड़ रहा है उस के पास क्या विकल्प है ?
अगर इस पर कोई शख्त कार्यवाही नहीं होगी तो इस पर रोक लगना मुश्किल है क्यों की जिस का विवाह हो रहा उसे इतनी समज नहीं है की वो खुद कोई एक्शन लेवे एक समाज सेवक पुलिस और रसूखदारों से झगड़ा करने की हिम्मत कहा से लाएगा
इसलिए सख्त कानून का डर तो होना ही चाहिए
बाल विवाह कानून न तो उतना सख्त है जितना होना चाहिए। दूसरी और पुलिस और प्रशासन से भी ऐसे अपराधियों को संरक्षण मिलता रहता है।