बिना बीमा के मोटर वाहन चलाना अपराध है, परिणाम भुगतने होंगे।
|विजय ने दिल्लीसे पूछा है-
मेरे उपर झूठा आरोप मोटर एक्सिडेंट का लगाया गया है।मैं ट्रैक्टर चला रहा थाकि अचानक शिकायतकर्ता का पैर मेरे पिछले पहिए पर उसके अचानक रुकने से आ गया।
पुलिस ने मेरा ट्रैक्टर जब्त किया और उसके बाद जमानत देने पर छोड़ दिया ट्रैक्टर का बीमा भी नहीं है। शिकायतकर्ता ने अपना डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट भी कोर्ट में लगाया है राशि सैटलमैंट के तौर पर बहुत ज़्यादा माँग रहा है। मैं क्या करूँ?
समाधान-
सब से पहली गलती तो आपकी यह है कि आप ने ट्रेक्टर का बीमा नहीं करवा रखा है। बिना बीमा के कोई भी मोटर वाहन सार्वजनिक स्थल पर चलाना गैरकानूनी है और अपराध भी है। पुलिस ने आप के विरुद्ध जो अपराधिक मुकदमा बनाया है उस में बिना बीमा के ट्रेक्टर चलाने का भी आरोप आप पर लगाया होगा। क्यों कि गलती आपकी है इस कारण से उस के परिणाम तो आप को भुगतने ही होंगे।
डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट चोटग्रस्त व्यक्ति ने लगाया है। तो आप को नोफाल्ट के आधार पर उसे 25000/- रुपए की क्षतिपूर्ति तो देनी ही होगी। उस से आप बच नहीं सकते। क्यों कि इस में यह नहीं देखा जाता है कि वाहन चालक की कोई गलती है या नहीं। केवल वाहन दुर्घटना में चोट लगना पर्याप्त है।
इस के आगे यदि आप मोटर यान दुर्घटना दावा अधिकरण में अपनी साक्ष्य से यह साबित कर देते हैं कि दुर्घटना में आप का कोई दोष नहीं था तो आप बाद के दायित्व से बच सकते हैं। यदि आप खुद को निर्दोष और चोटग्रस्त व्यक्ति का दोष साबित नहीं कर सके तो आप को चोट की प्रकृति के आधार पर और क्षतिपूर्ति देनी पड़ सकती है। यदि आप को लगता है कि समझौते के माध्यम से आप कम राशि दे कर मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इस के लिए आप न्यायालय में लगने वाली लोक अदालत में अपने मामले के निपटारे के लिए आवेदन दे सकते हैं।