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बेटी की कस्टड़ी के लिए घरेलू हिंसा अधिनियम में भी आवेदन किया जा सकता है।

Muslim-Girlसमस्या-

कंचन ने गांधीधाम, गुजरात से पुनः समस्या भेजी है कि-

मुझे लड़की की कस्टड़ी कितने दिनों में मिल सकती है। मैं क्या कर सकती हूँ? मैं उन की दूसरी पत्नी हूँ, पहली ने विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर ली थी। मैं ने भरण पोषण का मुकदमा किया था। उन्हों ने मुझे अपने साथ रखने को कहा तो मैं ने केस वापस ले लिया। लेकिन उन्होने बच्चा छीन कर मुझे फिर निकाल दिया। अब 498ए का मुकदमा चल रहा है अभी तारीख नहीं पड़ी है। मुझे अपनी बेटी चाहिए। बहुत छोटी है वो। मेरा समाधान करें।

समाधान-

कंचन जी, आप की समस्या को देखते हुए हम ने तुरन्त आप को समाधान दिया था। आप ने पूरा विवरण दिया होता तो हम तभी आप का समाधान उसी तरह देते। हम यहाँ समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हैं। नियमित वकालत नहीं करते। फिर भी आप की समस्या को देखते हुए समाधान बता रहे हैं। कृपया आगे कोई कार्यवाही किए बिना कोई प्रश्न हम से न करें। करें तो इसी पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में करें आप को यहीं उत्तर दिया जा सके।

प को कस्टड़ी जल्दी मिल सकती है। क्यों कि छोटी उम्र की बच्ची को उस की माता से अलग नहीं किया जा सकता। आप को तुरन्त घरेलू हिंसा अधिनियम में आवेदन देना चाहिए और अपने व बच्ची के खर्चे के साथ बच्ची की कस्टडी की राहत मांगनी चाहिए। उस में मजिस्ट्रेट धारा 21 के अन्तर्गत तुरन्त कस्टड़ी के लिए आदेश कर सकता है। बस आप को एक अच्छा स्थानीय वकील करना होगा।

498ए के मामले में आप शिकायतकर्ता हैं, मुकदमा पुलिस ने चलाया है और सरकारी वकील उस की पैरवी करेगा। जब उस में साक्ष्य ली जाएगी तब आप को केवल बयान के लिए समन आएगा। उस के पहले आप को कोई सूचना प्राप्त नहीं होगी।

प चाहें तो परिवार न्यायालय में धारा-9 या धारा-10 हिन्दू विवाह अधिनियम के अन्तर्गत दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना या न्यायिक पृथक्करण की डिक्री के लिए आवेदन कर सकती हैं। उस के साथ ही बच्ची की कस्टड़ी प्राप्त करने के लिए भी आवेदन कर सकती हैं। लेकिन यह बताना कठिन है कि बच्ची की कस्टड़ी कितने दिन में मिल सकती है।