भूमि सौदे में छल की गंध आते ही तुरन्त कार्यवाही करें
|समस्या-
मेरी दिवंगत माताजी ने एक प्लॉट 14-01-2009 को खरीदा था जिस का नोटरी के यहाँ प्रमाणित अनुबंध में उल्लेख है कि 75% रकम अभी और शेष 25% रकम 5 माह बाद देय होगी तभी रजिस्ट्री की जाएगी। किंतु उसके बाद मेरी माता का स्वाथ्य खराब रहने लगा। मेरी माता जी ने 5 माह बाद जब उस व्यक्ति को रकम देते हुए रजिस्ट्री कराने को कहा तो उसने कहा पहले आप अपनी तबीयत सही कर लो। रजिस्ट्री तो बाद में भी हो जाएगी। किंतु 03-10-2009 को मेरी माता का देहांत हो गया उसके पश्चात मैं ने कई बार उससे अपने प्लाट की रजिस्ट्री कराने को कहा पहले तो वह टालता रहा, फिर कहने लगा मैं ने उसे बेच दिया और तुम्हारा पैसा भी मैं नहीं दूँगा। इसी बीच मेरे पिताजी का देहांत भी 04-08-2011 को हो गया। मेरी दो बहिनें हैं। जिनका विवाह हो चुका है। मैं अकेला हूँ, मैं प्लाट कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?
-आशीष पँवार, उज्जैन, मध्यप्रदेश
समाधान-
आप का प्रारंभिक अनुबंध 14 जनवरी 2009 को हुआ था, उस के 5 माह बाद आप की माता जी ने शेष राशि का भुगतान किया। इन दोनों भुगतानों की रसीद का बड़ा महत्व है। आप को संविदा के विशेष पालन के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करना चाहिए। लेकिन यह वाद कारण उत्पन्न होने के तीन वर्ष की अवधि में ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जनवरी से पाँच माह जून में हो जाते हैं। यदि जून 2009 में शेष राशि का भुगतान किया है तो वाद प्रस्तुत करने का समय निकल चुका है। हो सकता है किसी कारण से अभी भी वाद प्रस्तुत करने का समय शेष हो। लेकिन इस के लिए आप को तुरन्त किसी अनुभवी वकील से मिलना होगा वह आप से तमाम तथ्यों की पूछताछ करने के बाद यह पता कर सकेगा कि आप के मामले में दीवानी वाद अब किया जा सकता है अथवा नहीं।
लेकिन विक्रेता ने आप से सौदा करने के बाद भी उस भूखंड को विक्रय कर दिया है तो यह आप के साथ छल करने का अपराध है। इस अपराध के लिए आप पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं। थाने द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर पुलिस अधीक्षक को डाक से भिजवा सकते हैं। सप्ताह भर में कोई कार्यवाही न होने पर आप न्यायालय में शिकायत प्रस्तुत कर सकते हैं। यह आप को अवश्य करना चाहिए। आज कल संपत्ति के विशेष रूप से भूखंडों के सौदों में बहुत छल-कपट हो रहा है। इस कारण से बहुत सावधान रहना चाहिए और धोखे की संभावना की गंध आते ही तुरन्त कार्यवाही भी करनी चाहिए। आप इस मामले को बिलकुल भी न टालें, तुरंन्त किसी अच्छे वकील से मिल कर कार्यवाही कराएँ।
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jaankari dene ke liye bahut bahut aabhaar.
mujhe us waqt itni samjh nhi thi kintu aage bhavisy me kisi bhi len-den me apki salaah kaam aayegi. Thanks