मकान मालिक अपने पुत्र की आवश्यकता के लिए दुकान खाली करा सकता है।
दिवेश कुमार ने मवाना (मेरठ), उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिता व्यापार करते हैं। उनके दो बेटे है बडा बेरोजगार है, दूसरा पढ़ता है। दो दुकानें मेरठ उत्तर प्रदेश के मवाना में तीस साल से किराये पर दे रखी हैं। किराया २००४ से न्यायालय में जमा हो रहा है। ३५० रुपये प्रति माह से। जब कि यहाँ २००० रुपये में भी दूकान नही मिलेगी। खाली कराना चाहता हूँ।
समाधान–
आप की समस्या से पता नहीं लग रहा है कि आप दुकान को क्यों खाली कराना चाहते हैं। उस के दो कारण हो सकते हैं। एक कारण तो यह है कि आप को किराया कम मिल रहा है और आप बाजार दर से किराया चाहते हैं। लेकिन किराया कम होने के कारण आप दुकान को खाली नहीं करवा सकते। आप किराया बढ़ाने के लिए न्यायालय में वाद संस्थित कर सकते हैं। जिस में वाद प्रस्तुत करने की तिथि से बाजार दर से किराया बढ़ाया जा सकता है।
लेकिन आप बेरोजगार हैं और आप को खुद का व्यवसाय करने के लिए दुकान की आवश्यकता है तो आप अपनी आवश्यकता के लिए उस दुकान को खाली करवा सकते हैं।
हमारी राय है कि आप को अपनी आवश्यकता के लिए दुकान खाली कराने का दावा न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहिए साथ में इसी दावे में यह भी अंकित करना चाहिए कि दुकान का किराया अत्य़धिक कम है और आप को दावे की तिथि से दुकान खाली करने की तिथि तक बाजार दर से किराया बढ़ा कर दिलाया जाना चाहिए।
किराया कानून हर प्रदेश का भिन्न भिन्न है। इस कारण इस मामले में किसी अच्छे स्थानीय वकील से संपर्क करें और उस की सेवाएँ प्राप्त कर न्यायालय में दावा दाखिल करें। इस तरह के दावों के निर्णय में कुछ समय अधिक लगता है लेकिन आप दावा करने में जितनी देरी करेंगे उतनी ही देरी से आप का निर्णय भी होगा दुकान देरी से खाली होगी। इस कारण इस मामले में तुरन्त निर्णय ले कर दावा करें।