मतदाताओं को बहुत बहुत बधाइयाँ
|देश के उन करोड़ों मतदाताओं को तीसरा खंबा की बहुत बहुत बधाइयाँ जिन्हों ने अपने अपने मत का प्रयोग कर देश को एक स्थिर और पाँच साल चलने वाली सरकार बनाने का निर्देश दिया है। सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएँ भी कि नई बनने वाली सरकार जनता की समस्याओं के निराकरण पर पूरी तरह से ध्यान दे और उन्हें हल करने के लिए आवश्यक और प्रभावी कदम उठाए और देश की जनता को राहत पहुँचाए।
पिछली संघीय सरकार ने देश में न्याय व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे। लेकिन वे नाकाफी थे। देश में 10 लाख की जनसंख्या पर 50 अदालतें स्थापित करने का जो लक्ष्य सरकार ने स्वतः ही निर्धारित किया हुआ है। उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार शीघ्र कदम उठाए। इस लक्ष्य की पूर्ति में देश की न्यायपालिका और राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। तीसरा खंबा यह आशा कर सकता है कि वे भी इस मामले में अपने अपने दायित्वों को अवश्य ही निभाएँगे।
इस अवसर पर मैं यह स्मरण कराना चाहता हूँ कि किसी भी न्यायपूर्ण समाज में व्यक्ति अभावों में जीने की क्षमता विकसित कर लेते हैं। लेकिन अभाव न होते हुए भी अन्याय को सहन नहीं किया जा सकता। समाज में न्याय की स्थापना अभावों से जूझने के लिए शक्ति प्रदान करता है। इन तथ्यों पर ध्यान दे कर सरकारें न्याय व्यवस्था को शीघ्र पटरी पर लाने का काम करेंगी जिस से सस्ता और शीघ्र न्याय जनता को सुलभ हो सके।
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देश में 10 लाख की जनसंख्या पर 50 अदालतें स्थापित करने का जो लक्ष्य सरकार ने स्वतः ही निर्धारित किया हुआ है। उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सरकार शीघ्र कदम उठाए।
दुआ है आपकी बात वर्तमान सरकार तक पहुंचे …!!
बधाई मतदाताओं को..
मैं इस जागरुकता पर खुले आम प्रसन्न हूँ.
स्थिर सरकार के अपने फ़ायदे हैं। क्षेत्रीय पार्टियों को बेलगाम होने और संकुचित राजनीति करने से रोकने के लिए यह जरूरी था।
वामपन्थियों की करारी शिकस्त इन चुनावों की बड़ी उपलब्धि है। पिछली सरकार के पैर में पत्थर बाँधने का कार्य इन्होंने ही किया था।
भाजपा को बाहरी लोगों से ज्यादा भीतरी खेमेबाजी से अधिक नुकसान हुआ। आडवाणी बूढ़े और राजनाथ सिंह गुटबाजी और घटिया पैंतरेबाज होने के कारण नकारे गये। यहाँ के नेताओं ने जनता के बीच जाने के बजाय अपना समय पार्टी की अन्दरूनी राजनीति में अधिक नष्ट किया। इन्हें अगले पाँच वर्षों में अपना घर ठीक करना चाहिए, मोदी को सर्वमान्य नेता मानकर जमीनी स्तर पर संगठन खड़ा करना चाहिए।
आपकी संतुलित पोस्ट के लिए साधुवाद।
दिनेश जी,
सरकार चाहे जो भी बनाता हो, पर अब इतना तो तय है कि इस बार सरकार को हिलाने वाले नहीं रहेंगे और सरकार पांच साल तक चलेगी। बार-बार चुनाव के आसार से परेशानियां होती हैं।
एक नजर इधर भी देखें
मनमोहन का अर्थशास्त्र आया काम-अडवानी का नहीं भाया नाम
वर्तमान सन्दर्भ में एक पार्टी प्रभुत्व वाली सरकार भी बहुत बड़ी उपलब्धि है.इससे छोटी पार्टियों की ब्लेक मेलिंग समाप्त होगी. लेकिन इस सरकार से न्याय के क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों में कोई बड़ी उपलब्धि की आशा नहीं करनी चाहिए. आखिर यही पार्टी और यही चेहरे वर्षों निरंकुश शासक रहे हैं. भ्रष्टाचार को एक ग्लोबल फेनोमेना बता कर नजर अंदाज करना, , सांसद खरीद कर पांच साल सरकार चला लेना., पंजाब में आतंकवाद के जनक को शह देना आदि कारनामे इस पार्टी की सरकार के खाते में दर्ज है.
अपन तो सुबह से प्रसन्न है साब। मन में तरावट है। शानदार फैसला आया है। बहुत चुनावों के बाद ऐसी राहत मिली। मज़े की बात ये कि मध्यप्रदेश में अपना यह पहला ही वोटिंग अनुभव था।
नतीजा इतना शानदार आया कि कम वोटिंग प्रतिशत का मलाल जाता रहा। सरकार स्थायित्व के लिए ही तो चुनी जाती हैं…
बधाई आपको भी…
जनता का फैसला है जी
+ लोकतँत्र की विजय !
जय हो भाई . सबके सुर मे हमारा भी सुर भी मिला देते हैं.
रामराम.
बधाई.
हाँ, बधाई तो मिलना ही चाहिये… जो जनता ने साम्प्रदायिक, घृणा की राजनीति करने वाली, बेवजह हिन्दुत्व-हिन्दुत्व भजने वाली, नकारात्मक बातें करने वाली पार्टी को सबक सिखाया… 🙂 :)। अब अगले 5 साल देश में शान्ति-विकास-सौहार्द-सदभावना-आर्थिक उन्नति आदि की गंगा बहेगी… हमारी भी शुभकामनायें स्वीकार करें… 🙂 🙂 (मैं जल्द ही “धर्म परिवर्तन” के लिये अप्लाई कर रहा हूँ, क्योंकि जो काम बाद में करना ही है, समय रहते क्यों न कर लिया जाये)। जय हो…
देश के मतदाता सराहना के पात्र है . बधाई मतदाताओं को
और कुछ भी हो .. पर एक स्थिर सरकार के लिए देश को और देशवासियों को बधाई तो मिलनी ही चाहिए।
आपकी इस विचार विचार से सहमती कि न्याय की उपलब्धता बढ़नी चाहिए, बहुत सराहनीय है.
किन्तु दुःख होता है ये देखकर की दिल्ली के किसी भी नए हिस्से में जब भी नया अदालत परिसर खोलने की बात चलती है, यहाँ के अधिवक्ता कोई न कोई बहाना ढूंढ कर हड़ताल कर देते हैं. जबकि हड़ताल की सही वजह मुवक्किलों का बंटवारा ही होता है..