माता के चचेरे भाई की पुत्री से विवाह वैध होगा या नहीं?
|समस्या-
मैं अपनी माँ के चचेरे भाई की लड़की से बचपन से प्यार करता आया हूँ और वह भी मुझे चाहती है। हम दोनों शादी करना चाहते हैं। किन्तु घर वाले इसके लिए राजी नहीं हैं। मै जॉब में हुँ। क्या हम क़ानूनी तौर पे शादी कर सकते हैं।
-राहुल राजा, पटना, बिहार
समाधान-
हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत सपिण्ड विवाह वर्जित है। इस के लिए आप के मामले में यह देखना होगा कि विवाह करने वाले स्त्री पुरुष सपिण्ड हैं या नहीं। हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत पिता के कुल में पाँच पीढ़ी तक तथा माता के कुल में तीन पीढ़ी तक के संबंधों को सपिण्ड माना गया है।
वह लड़की जिस से आप विवाह करना चाहते हैं वह आप के पिता के कुल कहीं भी संबंधित नहीं है इस कारण से वह इस तरह से आप की सपिण्ड नहीं है। लेकिन वह माता के कुल से संबंधित है। इस तरह हम आप के माता के कुल में सपिण्ड होने की जाँच इस तरह कर सकते हैं कि। पहले सदस्य तो आप स्वयं हैं जो विवाह करना चाहते हैं, दूसरी सदस्य आप की माता हैं, तीसरे सदस्य आप की माता के पिता हैं और चौथे सदस्य आप की माता के पिता के पिता हैं। जिस कन्या से आप विवाह करना चाहते हैं वह आप के माता के कुल में आप से चौथी पीढ़ी़ के सदस्य के पुत्र अर्थात आप की माता के चचेरे भाई की पुत्री है। इस तरह आप दोनों के बीच तीन पीढ़ी तक कोई संबंध नहीं होने से आप दोनों सपिण्ड नहीं हैं। हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार आप दोनों के बीच विवाह में कोई कानूनी बाधा नहीं है और आप दोनों कानूनी तौर पर विवाह कर सकते हैं।
लेकिन हिन्दुओं की विभिन्न शाखाएँ आज भी अपनी परंपरागत विधि का दृढ़ता के साथ पालन करती हैं। इन में से कुछ शाखाएँ अभी भी यह मानती हैं कि पिता के कुल में साथ पीढ़ियों तक तथा माता के कुल में पाँच पीढ़ियों तक विवाह वर्जित होना चाहिए। यदि आप की बिरादरी इस नियम को मानती है तो आप का यह विवाह उन की परंपरा के अनुसार सही नहीं होगा और आप को परिवार तथा संबंधियों के रोष का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है आप दोनों को अपनी माँ और लड़की को अपने माता-पिता का रोष झेलना पड़े। यदि आप दोनों यह विवाह करना चाहते हैं तो आप दोनों को इस के लिए तैयार रहना चाहिए। वैसे आप चाहें तो वास्तविक कानूनी स्थिति सामने रख कर अपने संबंधियों को समझा सकते हैं और उन की सहमति से परंपरागत रीति से भी विवाह करने का प्रयत्न कर सकते हैं।
क्या साले को अपने जीजा की भांजी से विवाह कर सकते है हिंदू विवाह के अनुसार
दिनेश जी, आप तो ज्ञान के भँडार है, कितनी बातें आप इतनी सरलता से समझा देते हैं 🙂